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आनंद तिवारी, पटना/ Bihar Election 2025: विधायक बनने के लिए सियासत के सूरमा कई दलों में गोपा लगा चुके हैं. कोई दो तो किसी ने तीन पार्टियों से समय-समय पर चुनावी ताल ठोक कर विधानसभा लड़े. यही वजह है कि बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही दल-बदल का खेल फिर से शुरू हो गया है. इसका नजारा पटना के 14 विधानसभा क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. कई नेता अपनी पुरानी पार्टियों को छोड़कर नई पार्टियों में शामिल हो रहे हैं, जिससे जनता में असमंजस की स्थिति है. सवाल यह है कि क्या मतदाता इन बदले हुए चेहरों पर भरोसा करेंगे? कुछ नेता जैसे सूरजभान सिंह आरजेडी के, शंकर यादव कांग्रेस के, सिद्धार्थ गौतम बीजेपी की, विनिता मिश्रा, श्याम रजक, राजेश्वर मांझी आदि कई नेताओं ने पार्टियां बदली हैं.
Bihar Election 2025: पटना जिले के अलग-अलग विधानसभा के सियासत के सूरमा जिन्होंने बदली पार्टियां
1- मनेर विधानसभा
पटना जिले के मनेर विधानसभा में आरजेडी नेता शंकर यादव तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल पार्टी की सदस्या लेकर चुनावी मैदान में उतर गये हैं. यही से संदीप सिंह उर्फ गोपाल सिंह जनसुराज से उम्मीदवार है. शंकर यादव, जनशक्ति जनता दल, पहले आरजेडी से जुड़े थे. संदीप सिंह उर्फ गोपाल सिंह, अब जन सुराज से उम्मीदवार है. इससे पहले संदीप बीजेपी से जुड़े थे.
2- बिक्रम विधानसभा
सिद्धार्थ सौरव पटना जिले के बिक्रम निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुए बिहार विधान सभा के दो बार सदस्य रहे हैं. 2024 की शुरुआत में, वे भाजपा में शामिल हो गए और बीजेपी से ही वह चुनाव लड़ रहे हैं. यही से अनिल शर्मा कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि पहले अनिल शर्मा बीजेपी पार्टी से जुड़े थे.
3- फुलवारीशरीफ विधानसभा
फुलवारीशरीफ के 6 बार के विधायक रहे श्याम रजक ने जनता दल टिकट पर एक बार, राजद के टिकट पर तीन बार और जदयू के टिकट पर दो बार जीत हासिल की. बिहार की राजनीति में कई बार पाला बदलने के बावजूद, उनकी पकड़ इस सीट पर हमेशा मजबूत रही है. वो अब एक बार फिर जेडीयू में लौट कर चुनावी मैदान में उतर गये हैं.
4- दानापुर विधानसभा
दानापुर विधानसभा का इस बार खास चर्चा हो रही है. क्योंकि एक ओर जहां आरजेडी पार्टी के वर्तमान विधायक रितलाल यादव हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी से दो बार सांसद रह चुके प्रसिद्ध नेता रामकृपाल यादव मैदान में हैं. खासबात तो यह है कि दानापुर विधानसभा सीट से जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश कुमार नामांकन वापस ले लिया. यहां वर्तमान में जन सुराज पार्टी का कोई भी उम्मीदवार नहीं है.
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5- पालीगंज विधानसभा
आरजेडी पार्टी से जुड़े सुनील कुमार यादव अब चिराग पासवान की लोजपा पार्टी में शामिल होकर पालीगंज विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि आरजेडी ने जब टिकट नहीं दिया तो संदीप नाराज चल रहे थे और फिर लोजपा में शामिल हुए. यही से डॉ श्याम नंदन शर्मा जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार हैं. डॉ श्याम लंबे समय से सीपीआई पार्टी से जुड़े थे. जिन्होंने पाला बदल कर अब जन सुराज में शामिल हो गये.
6- मसौढ़ी विधानसभा
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ चुके राजेश्वर मांझी जन सुराज पार्टी में शामिल हो गये और वर्तमान में मसौढ़ी विधानसभा से जन सुराज से विधायक के उम्मीदवार हैं. राजेश्वर मांझी हम पार्टी के सिंबल पर फुलवारीशरीफ विधानसभा से वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव भी लड़े थे.
7- मोकामा विधानसभा
पूर्व सांसद सूरजभान सिंह पहले पशुपतिनाथ पारस के लोजपा पार्टी में थे. जिन्होंने लोजपा छोड़ राजद में शामिल हो गये. उनकी पत्नी वीणा देवी को मोकामा से आरजेडी पार्टी का सिंबल मिला है. यही से वर्तमान विधायक अनंत सिंह भी आरजेडी व निर्दली चुनाव लड़ चुके हैं, जो फिर से जदयू में शामिल होकर चुनाव लड़ रहे हैं.
8- पटना साहिब विधानसभा
पटना साहिब से विनिता मिश्रा जनसुराज पार्टी की उम्मीदवार हैं. पहले बीजेपी बिहार महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष थी. पार्टी ने जब टिकट नहीं दिया तो अब विनिता जन सुराज के सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं.
क्या कहते हैं मतदाता
लालजी टोला निवासी व रेलकर्मी मनोज कुमार बताते हैं कि चुनावी मौसम में कपड़े की तरह सभी पार्टी के नेताजी दल बदल रहे हैं. ऐसे में हम सब मतदाता असमंजस की स्थिति में है. मनोज बताते हैं कि टिकट बंटवारे से पहले पटना में बिहार विधानसभा के शक्ति परीक्षण हुआ था. इस दौरान कई नेता खुद को पार्टी की उम्मीदवार बताते हुए क्षेत्र में काम करते हुए दौरा कर घर पर आते थे. वहीं जब टिकट नहीं मिला और नया चेहरा सामने आ गया मतदाता भी हैरान रह गये. ऐसे में मेरा कहना है कि पार्टी को देख कर नहीं सही उम्मीदवार को देकर जनता को अपना मत का प्रयोग करना चाहिए और अधिक से अधिक लोग घर से निकलकर मतदान करें.

