पटना. बिहार कृषि रोडमैप-4 का मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है. राज्य में ही दलहन व तिलहन बीज उत्पादन को मुख्य फोकस में रख कृषि नीतियां बनायी गयी हैं. इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की टीम व अधिकारी बीज उत्पादन से लेकर किसानों तक इसे पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं.
दूसरे राज्यों पर खत्म होगी निर्भरता
दलहन और तिलहन दोनों तरह की बीजों का उत्पादन बिहार में खपत के अनुसार कम है. इन दोनों तरह की बीजों के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस साल सौ फीसदी राज्य का अपना कृषि मॉडल होगा. राज्य अपने मॉडल पर क्षेत्र विशेष की फसल का उत्पादन करेगा. मुख्यमंत्री, अफसरों और एक्सपर्ट टीम की स्वीकृति के बाद अप्रैल माह से इसे लागू कर दिया जाएगा.
राज्य में बढ़ेंगे कृषि क्षेत्र, कई जगहों पर जमीन चिह्नित
राज्य के विभिन्न जिलों में कृषि क्षेत्र बढ़ायी जा रही है. इसके लिए राज्य के कई जिलों में नयी जमीन चिह्नित की गयी है. खाली पड़ी जमीन को विकसित करने की योजना बनायी गयी है. क्षेत्र विशेष और राज्य की मुख्य पहचान वाली फसल व फल-फूल के हिसाब से अनुकूल जमीन चिह्नित की गयी है. धान और गेहूं की पारंपरिक खेती के अलावा बाजार में डिमांड वाली खेती पर जोर दिया गया है. इसके लिए बाजार व माल ढुलाई की व्यवस्था भी की जा रही है.
तेलहन फसल बीज का राज्य में उत्पादन
फसल उत्पादन (हजार टन)
सरसों 76.312
अलसी 5.723
सूरजमुखी 3.736
सोयाबीन 18.259
दालचीनी 1.042
मूंगफली 0.779
दलहन फसल बीज का राज्य में उत्पादन
फसल उत्पादन (हजार टन)
चना 49.217
खेसारी 40.344
मसूर 113.501
मूंग 4.344
मटर 17.744
कुल्थी 6.559
घाघरा 0.408
तुर 24.108