Bihar Bhumi: प्रदेश में कई परियोजनाएं अपने तय समय सीमा के कई महीनों बाद पूरी होती हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह भूमि अधिग्रहण में होने वाली समस्या है. इसकी वजह से राजस्व की क्षति के साथ सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता है. इसे देखते हुए पथ निर्माण विभाग की तरफ से जरूरी कदम उठाए गए हैं. राज्य के पांच प्रमंडलों में भूमि अधिग्रहण में आ रही तकनीकी समस्या को दूर करने के लिए भू-अर्जन विशेषज्ञों की तैनाती की गई है. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने इससे सभी जिला अधिकारियों को अवगत कराया है.
कई परियोजनाओं पर होना है काम
अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत बिहार में तीन एक्सप्रेस हाईवे, तीन हाइस्पीड कोरिडोर समेत कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं एवं सड़कों का निर्माण किया जाना है. इसके लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की भी आवश्यकता होगी. ससमय इन परियोजनाओं को पूरा करना विभाग की प्राथमिकता है.
इस वजह से लिया गया फैसला
विशेषज्ञों की तैनाती होने से काफी हद तक आ रहे परेशानी में कमी आएगी. इससे रैयतों को ससमय मुआवजे का भुगतान भी हो सकेगा और भागदौड़ से राहत मिलेगी. बताया गया कि पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंताओं द्वारा अब तक यह कार्य किया जाता रहा है, लेकिन तबादला होने पर तकनीकी जटिलता के कारण काम पूरा करने में दिक्कत होती है. इस वजह से यह फैसला लिया गया है.