मिथिलेश कुमार, आरा: आरा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की शाम को बीमा एजेंट अनिल कुमार और उनकी बेटी आरुषी की हत्या एक सिरफिरे ने गोली मारकर कर दी थी. दोनों की हत्या करने के बाद सिरफिरे ने खुद को भी गोली से उड़ा लिया था. बीमा एजेंट अनिल कुमार सिन्हा और उनकी बेटी आयुषी का अंतिम संस्कार कर दिया गया.एकसाथ जब बाप और बेटी की अर्थी उठी तो सबकी आंखें नम हो गयी. 10 साल के मासूम आरुष उर्फ हनी ने अपने पिता और बहन को मुखाग्नि दी. हनी की आखों के सामने ही दोनों की हत्या हुई थी.
एकसाथ उठी बाप-बेटी की अर्थी
आरा शहर के गांगी मुक्ति धाम घाट पर अनिल कुमार और उनकी बेटी आरुषी का अंतिम संस्कार किया गया. उसके लिए घर से एक साथ पिता-पुत्री की अर्थी उठी. दोनों का शव गांगी घाट ले जाया गया. वहां मासूम आरुष के द्वारा दोनों को मुखाग्नि दी गई. मोहल्ले से लेकर गांगी घाट तक माहौल गमगीन बना रहा. सोमवार की देर रात पोस्टमार्टम के बाद दोनों का शव गोढ़ना रोड स्थित उनके आवास पर ले जाया गया. जहां हिन्दू रिती रिवाज के साथ अंतिम संस्कार विधि विधान से किया गया.
पिता और बहन का अंतिम संस्कार मासूम ने किया
सभी रिवाज को मृत अनिल के पुत्र आरुष ने किया. घर से निकलने के साथ मुक्ति धाम तक सभी रिवाजों को आरुष ने निभाया. उसके बाद उसने पहले अपने पिता और फिर बहन का अंतिम संस्कार किया. उस समय आरुष काफी डरा और सहमा हुआ था.
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मां को सता रही बेटे की चिंता
इधर, पति और बेटी की हत्या के बाद पूनम श्रीवास्तव का बुरा हाल था. उन्हें अपने इकलौते छोटे बेटे आरुष की सुरक्षा की चिंता सता रही है. वारदात के बाद पूरा परिवार डरा-सहमा है. पूनम श्रीवास्तव कह रही थीं कि उनके बेटे को कोई कहीं लेकर नहीं जाएगा. वह उनके आंखों के सामने रहेगा. इधर, पिता और छोटी बहन की हत्या की खबर सुनकर हैदराबाद से लौटी साक्षी घर में रखे दोनों शवों को देखते ही बेसुध हो गई.