बिहार विधानसभा चुनाव वलनरेबल क्षेत्रों की पहचान से लेकर इवीएम सुरक्षा तक निभायेंगे जिम्मेदारी संवाददाता,पटना बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गयी हैं. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्यभर में सेक्टर पदाधिकारियों की नियुक्ति का कार्य आरंभ हो गया है. कई जिलों में इन अधिकारियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है. सारण जिले में बुधवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी अमन समीर ने सेक्टर अधिकारियों व सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों के पहले प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ किया. प्रशिक्षण के दौरान सेक्टर पदाधिकारियों की भूमिका को चुनाव प्रक्रिया की रीढ़ बताया गया. ये पदाधिकारी ही प्रशासन की आंख और कान हैं. सबसे पहले इनको वलनरेबल क्षेत्र और क्रिटिकल बूथ की पहचान करनी है. इस दौरान बूथों का नजरी नक्शा, रूट चार्ट, कम्युनिकेशन प्लान और अन्य जरूरी दस्तावेजों की जानकारी भी दी जा रही है. अधिकारियों को मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करने, पहुंच पथ की जांच और एएमएफ रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जा रहा है. सेक्टर पदाधिकारियों को आदर्श आचार संहिता की पूरी जानकारी दी जा रही है ताकि क्षेत्र में उसका कड़ाई से पालन कराया जा सके. सेक्टर पदाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर ही अर्धसैनिक बल और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाती है. चुनाव से पूर्व ही सेक्टर अधिकारियों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्ति प्राप्त हो जाती है. लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहती है. इवीएम की सुरक्षा, मॉक पोल, मतदान प्रक्रिया, सीलिंग, पोलिंग पार्टी की निगरानी, पोल्ड इवीएम का सुरक्षित जमा करने की जवाबदेही सेक्टर अधिकारियों की होती है. सेक्टर अधिकारी किसी भी चुनावी घटना के प्रथम रिस्पांडर होते हैं. सभी अधिकारियों को चुनाव अत्यंत संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होता है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होती है. आयोग द्वारा सीधे कार्रवाई की जाती है.
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