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शराब पर कई सरकारें सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कर रहीं दरकिनार : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार और केरल समेत विभिन्न राज्य सरकारों से बिहार के तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने की अपील की है. शुक्रवार को केरल के कोच्चि में 18वें स्टेट लेवल असेंबली आॅफ कैथोलिक बिशप काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसों में वृद्धि के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार और केरल समेत विभिन्न राज्य सरकारों से बिहार के तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने की अपील की है. शुक्रवार को केरल के कोच्चि में 18वें स्टेट लेवल असेंबली आॅफ कैथोलिक बिशप काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसों में वृद्धि के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2016 में नेशनल और स्टेट हाइवे के 500 मीटर दायरे में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी. लेकिन, केंद्र और कुछ राज्यों की सरकारें इस आदेश को दरकिनार करने पर अामादा हैं. यह सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है.

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने केंद्र और केरल सरकार से पूर्ण शराबबंदी का बिहार माॅडल लागू करने की मांग करते हुए कहा कि शराबबंदी से बिहार को राजस्व की कोई क्षति नहीं हुई है. पांच हजार करोड़ की राजस्व क्षति की बात कही जा रही थी, पर ऐसा नहीं हुआ. राजस्व उगाही पिछले साल जैसी ही रही. उलटे आम लोगों के 10 हजार करोड़ रुपये बच गये, जिनका उपयोग लोगों ने दूध और मिठाइ खाने में किया. पर्यटकों की संख्या में भी कोई कमी नहीं आयी है. उन्होंने कहा कि पर्यटक शराब पीने नहीं आते. बिहार में शराबबंदी के पक्ष में मानव शृंखला बनायी गयी, जिसमें चार करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए.
बिहार अब नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है. शराबबंदी लागू करने से प्रदेश में विभिन्न प्रकार के अपराध खासकर महिलाओं के प्रति होनेवाले अपराध में भारी कमी आयी है. सड़क हादसों में भी कमी आयी. जो पैसा शराब पीने में लोग खर्च करते थे, उसका उपयोग घरेलू सामान खरीदने और खाने पीने में कर रहे हैं. इससे लोगों का जीवन स्तर सुधरा है. महिलाएं अधिक खुश हैं. अब उनके पति शराब पीकर उनके साथ मारपीट नहीं करते, बल्कि घर के काम में हाथ भी बंटाते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज शराब पीने को प्रोत्साहित नहीं करता. हम बिहार में शराबबंदी को लेकर कराये गये सर्वे को केरल सरकार को उपलब्ध करायेंगे. उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर देश की रफ्तार अभी धीमी है, लेकिन देर सवेर देश में पूर्ण शराबबंदी लागू होकर रहेगी. दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए. शराब पीना मौलिक अधिकार नहीं है. देश की कई अदालतों ने शराबबंदी के पक्ष में आदेश दिया है.
कई राज्यों में युवा और महिलाओं ने बिहार जैसी शराबबंदी के पक्ष में आवाज उठायी है और अपनी सरकार पर इसे लागू करने का दबाब डाल रहे हैं. इस मौके पर कैथोलिक चर्च के नेता, कार्डिनल जाॅर्ज अलेनचेरी, कांग्रेसी नेता वीएम सुधीरन ने भी अपने विचार रखे और नीतीश कुमार को देश भर में शराबबंदी की अगुआई करने के लिए धन्यवाद भी दिया.
महाराष्ट्र जदयू के सम्मेलन में आज भाग लेंगे सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को मुंबई में महाराष्ट्र जदयू के सम्मेलन में भाग लेंगे. वे गोरेगांव स्थित मुंबई एक्जीबिशन सेंटर के नेस्को ग्राउंड में सभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले वह डॉ भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने दादर स्थित क्षत्रिय भूमि जायेंगे. इसके बाद वह मैथिली समन्वय के साथ बांद्रा-कुर्ला में होनेवाली बैठक में भी भाग लेंगे. मुख्यमंत्री देर शाम मुंबई से दिल्ली लौट आयेंगे.

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