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#BIHAR बजट सत्र : मान-मनौअल के बाद भी विपक्ष नहीं माना, राजद-भाजपा विधायक में तू तू-मैं मैं

सदन में प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं नहीं पढ़ी जा सकीं पटना : बिहार में गुरुवार को विधानसभा की प्रथम पाली की कार्यवाही सत्ता पक्ष और विपक्ष के 20 मिनट के हंगामे के बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इस कारण सदन में प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं नहीं […]

सदन में प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं नहीं पढ़ी जा सकीं

पटना : बिहार में गुरुवार को विधानसभा की प्रथम पाली की कार्यवाही सत्ता पक्ष और विपक्ष के 20 मिनट के हंगामे के बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इस कारण सदन में प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं नहीं पढ़ी जा सकीं. इस दौरान मान-मनौअल का दौर भी चला. विपक्ष उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की बरखास्तगी की मांग कर रहा था.
सत्ता पक्ष की ओर से राजद के सदस्य भाजपा कोटे के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से माफी मांगने की मांग कर रहे थे. इधर, वामदलों के सदस्य मंत्री को भाजपा नेता द्वारा बांग्लादेशी कहने, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की अमर्यादित बयान देने को लेकर विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार से माफी मांगने की मांग को लेकर वेल में आकर धरने पर बैठ गये. अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के आग्रह के बाद वामदल के सदस्य सत्यदेव राम, महबूब आलम और सुदामा प्रासद फिर अपनी सीट पर लौट गये.
सदन की कार्यवाही गुरुवार को जैसे ही शुरू हुई विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार अपने आसन से मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की बर्खास्तगी की मांग करने लगे. इधर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलायी गयी थी. उसमें विरोधी दल के नेता नहीं आये. विरोधी दल के नेता यहां पूछ रहे हैं कि उसमें क्या हुआ. वह जानना चाहते हैं कि क्या होना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आपकी बात पर सदन के सभी सदस्यों ने चिंता जतायी और मंत्री के बयान को अशोभनीय कार्य कहा. पर यह आवश्यक नहीं है कि एक अशोभनीय कार्य के लिए दूसरा अशोभनीय कार्य किया जाये. इससे चेन बन जायेगा. आपकी बात का समर्थन सभी दलों ने किया है. जिस नियमावली से सदन चल रहा है उसमें जिस सदस्य पर आरोप लगा है उसे अपनी बात कहने का अधिकार है.
उसकी बातों से सहमत होना या नहीं होना सदन के ऊपर निर्भर है. पहले जो बात रखना चाहते हैं, उनको अपनी बात रखने दिया जाये. इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता अपनी बात करेंगे या दूसरे की बात भी सुनेंगे. प्रेम कुमार का आरोप था कि कार्यमंत्रणा समिति व सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री शामिल नहीं होते. फिलहाल मंत्री के बयान के बाद सामाजिक सद्भाव बिगड़ गया है.
मुख्यमंत्री उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री को बरखास्त करें. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि आप भी जब सरकार में साथ में थे, उस समय कार्यमंत्रणा व सर्वदलीय बैठक होती थी. उस समय आप उस निर्णय को स्वीकार कर लेते थे. अब सवाल उठा रहे हैं. हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया.
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक रही बेनतीजा
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा गुरुवार को सदन में पैदा हुए गतिरोध को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक आयोजित की गयी थी. सदन की कार्यवाही आरंभ होने के ठीक पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गयी थी. बैठक में विपक्षी दल के नेता प्रेम कुमार शामिल नहीं हुए. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बताया कि विरोधी दल के नेता के नहीं शामिल होने से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक का कोई परिणाम नहीं निकला. बैठक सदन की कार्यवाही को चलाने के लिए बुलायी गयी थी.
राजद-भाजपा विधायक में तू तू-मैं मैं, शिकायत
पटना. बिहार विधानसभा में गुरुवार को राजद विधायक और भाजपा विधायक के बीच तू तू-मैं मै हो गयी. सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद राजद विधायक फराज फातमी और भाजपा विधायक लाल बाबू गुप्ता के बीच बहस हो गयी. इसके बाद भाजपा विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी को लिखित शिकायत दी. उन्होंने विधायक पर सदन के अंदर अपशब्द कहने का आरोप लगाया.
मंत्री की बरखास्तगी की मांग को ले विपक्ष वेल में पहुंचा
पटना : गुरुवार को विधान परिषद में विपक्ष ने मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की बरखास्तगी की मांग को लेकर वेल में हंगामा किया. इस कारण सदन की कार्यवाही मात्र तीन मिनट ही चली. इसके बाद उपसभापति हारूण रशीद ने भोजनावकाश तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे शुरू होते ही मंत्री की बरखास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. उपसभापति ने नियमन का हवाला देते हुए कार्य स्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया. इस मामले को लेकर विधान परिषद परिसर में भी भाजपा सदस्यों ने प्रदर्शन किया.
भोजनावकाश के बाद मात्र आठ मिनट ही चली विधान परिषद
मंत्री की बरखास्तगी की मांग को लेकर विधान परिषद भोजनावकाश के बाद महज आठ मिनट ही चली. विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और मंत्री की बरखास्तगी की मांग करने लगे. आसन पर बैठे उपसभापति ने सदस्यों से कई बार शांत रहने और अपनी जगह पर जाने की अपील की, लेकिन कोई असर होता नहीं देख शुक्रवार तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया. जैसे ही सदन शुरू हुआ विपक्ष के सचेतक रजनीश कुमार ने मंत्री की बरखास्तगी का मामला उठाया. उस समय सदन में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मौजूद थीं.
आसन ने कहा कि मंत्री ने माफी मांग ली है. इस पर सदन में विरोधी दल के नेता सुशील मोदी ने कहा कि माफी किस बात की. जब मंत्री ही कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं कहा है तो माफी किस बात की मांग रहे हैं. घटना का वीडियो वायरल हो चुका है. महागंठबंधन के सबसे बड़े दल के नेता लालू प्रसाद घटना को गलत बता रहे हैं. पता नहीं मुख्यमंत्री क्यों नहीं हिम्मत दिखा रहे हैं. माफी मांगने से काम नहीं चलेगा.
बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक
विधान परिषद में सदन के संचालन में सभी दलों को सहयोग करने को लेकर उपसभापति हारूण रशीद की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी.उपसभापति ने कहा कि विधान परिषद उच्च सदन है. इसकी गरिमा सर्वोपरि है. सदन में बुधवार की घटना से हम सभी मर्माहत हैं. उन्होंने जनहित में सदन को नियमावली व आपसी सहयोग से चलाने का अनुरोध किया.
मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव व श्रवण कुमार ने सभी सदस्यों से सदन के संचालन में सहयोग करने की बात कही. भाजपा के रजनीश कुमार ने कहा कि मंत्री अब्दुल जलील मस्तान की बरखास्तगी होनी चाहिए. उपसभापति बोले कि सदन इसमें क्या कार्रवाई कर सकती है. राबड़ी देवी ने कहा कि मंत्री के खेद व्यक्त करने के बाद उन्हें माफ कर समस्या का समाधान होना चाहिए. केदारनाथ पांडेय ने विधान परिषद की गरिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सदन हमेशा से जनसमस्याओं का समाधान करता रहा है.
मंत्री की बरखास्तगी की मांग को लेकर एनडीए ने किया राजभवन मार्च
पटना : प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने पर उत्पाद व मद्य निषेद्य मंत्री की बरखास्तगी की मांग को लेकर गुुरुवार को एनडीए के विधायकों और विधान पार्षदों ने विधानमंडल परिसर से राजभवन तक मार्च किया. एनडीए के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर मंत्री को बरखास्त करने की मांग और इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा. राजभवन मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विरोधी दल के नेता डॉ प्रेम कुमार आदि भी शामिल थे.

विधानसभा परिसर से एनडीए के नेता दिन के 12.30 बजे पैदल नारेबाजी करते और हाथ में तख्ती लिए हुए राजभवन के लिए निकले. राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में आमौर की घटना की जानकारी देते हुए कहा गया है कि मंत्री ने प्रधानमंत्री के बारे में अभद्र टिप्पणी की तथा लोगों को उनकी तसवीर पर जूते मारने के लिए उकसाया.

राज्य के मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्त द्वारा प्रधानमंत्री के साथ ऐसी घटना आपत्तिजनक है और राष्ट्र को अपमानित करनेवाला है. प्रधानमंत्री किसी दल के नहीं होते हैं, बल्कि देश के होते हैं. दोनों सदनों में मंत्री को बरखास्त करने की मांग हुई, लेकिन मुख्यमंत्री ने कोई निर्णय नहीं लिया है. ज्ञापन में राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि वे मुख्यमंत्री को मंत्री को बरखास्त करने के लिए निर्देश दें. शिष्टमंडल में लोजपा के राजू तिवारी, नूतन सिंह, रालोसपा के ललन पासवान, सुधांशु शेखर आदि शामिल थे.
इधर, भाजपा के प्रमुख नेताओं की बैठक में तय हुआ कि मंत्री की बरखास्तगी से कम पर कोई समझौता नहीं होगा. जब तक मंत्री को बरखास्त नहीं किया जाता है तब तक सदन को चलने नहीं देंगे. पांच मार्च को राजग नेताओं की बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय होगी.

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