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बजट फीडबैक : कुछ ने बताया दूरगामी रिजल्ट, कुछ ने कहा- उम्मीदों पर पानी फिरा

पटना : बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा आम बजट में बिहार को नजर अंदाज किया गया है. राज्य के विकास के लिए अपेक्षित विशेष योजना या पैकेज की घोषणा नहीं हुई. आम जनता विशेष कर उद्योग एवं व्यवसाय से जुड़े लोग बिहार के लिए विशेष […]

पटना : बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा आम बजट में बिहार को नजर अंदाज किया गया है. राज्य के विकास के लिए अपेक्षित विशेष योजना या पैकेज की घोषणा नहीं हुई. आम जनता विशेष कर उद्योग एवं व्यवसाय से जुड़े लोग बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा का इंतजार कर रहे थे. अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बिहार के लिए घोषित सवा लाख करोड़ के विशेष पैकेज के संबंध में भी कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया.

व्यक्तिगत आयकर सीमा को तीन लाख तक शून्य कर की सुविधा दिया जाना, ढाई से पांच लाख के करदाताओं के आयकर स्लैब को 10 प्रतिशत से घटा कर पांच प्रतिशत किये जाने से आम आयकर दाताओं को कुछ राहत अवश्य मिलेगी. कंपनी की वैसी लघु एवं मध्यम इकाई जिनका वार्षिक टर्न ओवर 50 करोड़ से कम हो इसके लिए कर की दर 25 प्रतिशत किया जाना स्वागत योग्य है. अचल संपत्ति कैपिटल गेन टैक्स में तीन साल की जगह दो साल के समय को लांग टर्म माना जाना भी स्वागत योग्य है. विमुद्रीकरण के प्रभाव को कम करने के लिए आशा की जा रही थी कि विभिन्न करों में राहत देगी, लेकिन नहीं होने से उद्योग व व्यवसाय जगत को निराशा है.
आम बजट उत्साहवर्धक नहीं : बीआइए
2017-18 का वार्षिक बजट पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने कहा कि वृहद परिप्रेक्ष्य में वित्त मंत्री द्वारा पेश आज का बजट एक अच्छा बजट हो जा सकता है. क्योंकि इसमें कृषि, ग्रामीण अर्थ व्यवस्था, आधारभूत संरचना, रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसका असर देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सकारात्मक होगा.
बिहार के परिप्रेक्ष्य में बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खेतान ने कहा कि यह बजट उत्साहवर्धक नहीं है. बीआइए की लगातार मांग रही है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाये, नहीं तो कम-से-कम राज्य के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान हो, ताकि औद्योगिक रूप से इस पिछड़े राज्य में औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया तीव्र हो सके, जिससे राज्य की विकास दर, राष्ट्रीय विकास दर के समकक्ष हो सके.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं आधारभूत संरचना के विकास के लिए बजट में अधिक जोर दिया गया है. आधारभूत संरचना एवं ग्रामीण विकास के मद में अधिक राशि के आवंटन के कारण आधारभूत संरचना का विकास होगा. ग्रामीण विकास के लिए आवंटित अधिक राशि के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
आर्थिक समृद्धि देगा : पीएचडी
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज बिहार के अध्यक्ष सत्यजीत सिंह ने कहा कि यह बजट देश को आर्थिक समृद्धि देगा. सरकार ने रोजगार सृजन करने के लिए आधारभूत संरचना में चार लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. आंतरिक खर्च बढ़ाने को कृषि व ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए 10 लाख करोड़ की लोन देने की घोषणा की गयी है. उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लघु व मध्यम इकाई के टैक्स में कटौती करते हुए 30% से घटा कर 25% कर दिया गया है. इससे नोटबंदी से प्रभावित हुए लघु एवं मध्यम इकाई को बल मिलेगा. दुखद पहलू यह है कि वित्त मंत्री ने चंपारण सत्याग्राह मनाने के लिए गुजरात का नाम लिया, लेकिन बिहार का न नाम लिया और न ही फंड की घोषणा की.
दवा उद्योग को राहत नहीं मिली
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह कहते हैं कि बुधवार को केंद्रीय बजट आम लोगों के हित मे है. यह एक अच्छा कदम है़ ये अच्छे दिनों के संकेत हैं सरकार को इसी तरह की जागरूकता गरीबों के लिए बनायी जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष रूप से निगरानी रखते हुए लागू करवाने पर निर्भर करता है. महंगी दवाओं को लेकर विशेष छूट की घोषणा की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं होने से लोगों को निराशा हुई है.
उम्मीदों के विपरीत रहा बजट
बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बिहार अध्यक्ष एनके ठाकुर ने कहा कि मंदी से गुजर रहे रियल एस्टेट उद्योग को काफी अपेक्षाएं थीं. होम लोन में कटौती नहीं हुआ. पहले भूमि अधिग्रहण में जो मुआवजा दिया जाता था उस पर टैक्स लगता था, इस बार उसे कर मुक्त कर दिया गया है, जो सकारात्मक है.
सर्राफा को निराशा
पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा कि बजट में सर्राफा कारोबारी सोना पर कस्टम ड्यूटी में राहत की अपेक्षा कर रहे थे, मगर अभी जीएसटी आने तक इसमें कोई छेड़छाड़ न करने की बात कह कर इसे टाल दिया गया है. इससे सर्राफा कारोबारियों को थोड़ी निराशा हुई है.
आशा करते हैं कि जीएसटी लागू होने के समय इस विषय को वित्त मंत्री जरूर गौर फरमायेंगे. इससे राजस्व के साथ-साथ आम आदमी को भी फायदा होगा. बजट में मध्यम वर्ग के लोगों को टैक्स में राहत दी गयी है और टैक्स के स्लैब में पांच फीसदी की कमी की गयी है और पांच लाख से 10 लाख में 12500 की बचत से छोटे स्तर के कारोबारियों को कर के दायरे में लाने की एक पहल हुई है. यह एक अच्छा कदम है.
टैक्स नहीं बढ़ने से राहत
बिहार राज्य केबल अाॅपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश कुमार ने बताया कि आम बजट में सर्विस टैक्स में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, जो केबल ऑपरेटर से जुड़े लोगों के लिए राहत की बात है.
छोटे कारोबारियों को राहत नहीं
आम लोगों के टैक्स का दायरा बढ़ा कर तीन लाख कर दिया गया है, जो राहत देनेवाली बात है लेकिन छोटे कारोबारियों के लिए कोई घोषणा नहीं हुई. सरकार कैशलेस लेनदेन की बात कर रही है लेकिन लेनदेन पर लगनेवाले चार्ज को समाप्त नहीं किया गया है. कार्ड से हर लेनदेन पर दुकानदारों को बैंक को चार्ज देना पड़ता है. इससे छोटे दुकानदारों को निराशा हुई है.
रमेश चंद्र तलरेजा, महासचिव, खुदरा विक्रेता महासंघ
वेतनभोगी को न कोई राहत और न कोई छूट
बजट में वेतनभोगी को कोई राहत या छूट नहीं मिली है. बैंक में किसान, छात्र आैर आमजनता की फिक्स्ड डिपोजिट के ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. शिक्षा और किसान के लोन के दर भी कम नहीं हुए. बिहार को भी स्पेशल पैकेज नहीं मिला.
संजय तिवारी, सचिव, बिहार प्रोविन्सियल बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन
पांच लाख से ऊपर टैक्स दर में कमी नहीं होने से निराशा
वरिष्ठ नागरिक परियोजना में पेंशन योजना सामाजिक सुरक्षा की अच्छी पहल है. वेतनभोगी के रूप में पांच लाख से ऊपर के टैक्स दर में कमी नहीं होने से काफी निराशा हुई है. यह बजट टैक्स की चोरी एवं कालाधन को रोकने में सक्षम होगी. स्टार्टअप के लिए कंपनियों को सात साल तक मिलनेवाली छूट, जमीन अधिग्रहण पर मिलनेवाले मुआवजे में टैक्स नहीं लगना राहत देनेवाली घोषणा है.
अमरेंद्र कुमार, उप अंचल प्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया
लांगटर्म के हिसाब से बहुत अच्छा है बजट
बजट कुछ विशेष लुभावना नहीं है, बल्कि लांगटर्म के हिसाब से बहुत अच्छा है. यह दूरगामी परिणामों के विचार से तैयार किया गया है. इस बजट से छोटे, मिडिल क्लास और गरीब लोगों को राहत मिलेगी. रेलवे में नयी लाइनों के साथ सुरक्षा पर फोकस किया गया है, जिसके लिए एक लाख करोड़ के बजट का प्रावधान है. यही नहीं आइआरसीटीसी पर टिकट बुकिंग से सर्विस टैक्स हटा लिया गया है. कैपिटल गेन टैक्‍स की अवधि अब तीन साल से 2 साल कर दी गयी है. सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और पीएसयू कंपनियों को लिस्टिंग करवाने से अर्थव्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता आयेगी.
सौरभ साकेत, शेयर बाजार जानकार
भारत की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
बजट का शेयर मार्केट पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. आनेवाले दिनों में सभी सेक्टर का विकास होगा. आज बजट के दौरान शेयर बाजार का सेंसेक्स 400 अंक ऊपर पहुंचा. निवेशकों को खरीददारी करनी चाहिए.
अच्छा लाभ मिलेगा. इस बजट से भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. बजट में राजनीतिक दलों के चंदे पर अंकुश लगाने से जुड़ा अहम फैसला लिया गया है. राजनीतिक दल अब 2000 से ज्यादा का चंदा कैश में नहीं ले सकेंगे. वहीं, तीन लाख रुपये से ज्यादा के नकद लेन-देन पर रोक लगा दी गयी है. सरकार ने आधार आधारित पेमेंट एवं भीम जैसे मोबाइल एप पर फोकस करने की कोशिश की है, जिससे कालेधन पर लगाम लगेगी. नोटबंदी से डायरेक्ट टैक्स में 34 फीसदी की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.
विनोद झुनझुनवाला, पूर्व अध्यक्ष, मगध स्टॉक एक्सचेंज
इलेक्ट्रिक उद्योग जगत के लिए बजट निराशाजनक
इलेक्ट्रिक उद्योग जगत के लिए यह बजट काफी निराशाजनक रहा क्योंकि सरकार लगातार बिजली बचाने को लेकर तरह-तरह का एलान करती रही है, लेकिन बजट में बिजली बचानेवाले उत्पादों को अनदेखा किया गया है. इससे एलइडी उद्योग को झटका लगा है. उम्मीद थी कि कर में कटौती होगी, तो कारोबार बढ़ेगा.
रमेश अग्रवाल, अध्यक्ष, पटना इलेक्ट्रिक ट्रेडर्स एसोसिएशन
हम लोग जहां थे, वहीं पर रह गये
बजट से जो उम्मीदें थी, वह अधूरी ही रह गयी. सरकार स्किल को बढ़ावा देने की बात तो कर रही है. लेकिन, छोटे उद्यमियों के लिए बाजार की व्यवस्था न कर, स्वरोजगार की ब्रेक लगाने जैसा काम कर रही है. यदि कोई महिला स्किल ट्रेनिंग लेने के बाद स्वरोजगार करती हैं, तो उसके पास उन उत्पादों को बेचने की सबसे बड़ी समस्या आती है, क्योंकि उसे उत्पादों को बेचने में सर्विस टैक्स इतना अधिक भरना पड़ता है कि वह पूरा नहीं हो पाता है.
पुष्पा चोपड़ा, महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष
बस योजना संचालन पर ही जोर
जेंडर बजटिंग के प्रति, जो उम्मीदें थी वह पूरी नहीं हो सकी. इससे ये साफ दिखाई दे रहा कि सरकार केवल महिलाओं के लिए योजनाएं लागू करने की बात तो करती है, लेकिन उसका संचालन बेहतर तरीके से हो सकें. इस दिशा में काम नहीं करना चाहती है. सरकार डिजिटल कार्यों को प्रमुखता तो दे रही हैं, लेकिन डिजिटल सुरक्षा पर कोई काम नहीं कर रही है. हमें जैसी उम्मीद थी, वैसा कुछ बजट में नहीं दिखा. सरकार को और राहत देनी चाहिए थी.
नीलू, महिला जागरण केंद्र की अध्यक्ष
बजट में रेलवे सेफ्टी पर फोकस किया गया है, लेकिन क्या-क्या किया जायेगा, स्पष्ट नहीं है. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ससमय ट्रेनों का परिचालन हो और यात्रा सुरक्षित हो. लेकिन, बजट में कुछ नहीं किया गया है.
राघव कुमार, यात्री
आइआरसीटीसी से टिकट बुक कराने पर सर्विस टैक्स लगता था, वह नहीं लगेगा. थोड़े यात्रियों को लाभ मिलेगा. हालांकि, यात्रियों के लिए कुछ खास नहीं है.
अजय कुमार, यात्री
रेलवे सेफ्टी मद पर जो राशि की घोषणा की गयी है, वह सही हैं. लेकिन, यात्री की सुविधा व कर्मचारियों के कल्याण को लेकर बजट निराशाजनक हैं. रोजगार देने की घोषणा करनेवाली सरकार के कार्यकाल में चार लाख सेफ्टी कैटेगरी में पद खाली हैं. बहाली नहीं हो रही है. ट्रेन दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है. यात्री सुविधा और कर्मचारियों की भवष्यि के लिए निराशाजनक बजट हैं. टैक्स में 4 लाख के इनकम तक छूट होनी चाहिए.
सुनील सिंह, शाखा महामंत्री, इसीआरकेयू
Prabhat Khabar Digital Desk
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