पुलिस ने जैसे ही दारोगा पुत्र मो सैफी के शव को उठाना चाहा, तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. करीब 10 घंटे तक हंगामा होता रहा. पुलिस ने शव के नजदीक से 7.65 बोर के छह खोखे और दो पिलेट सहित मृतक का मोबाइल बरामद किया है. प्रभारी एसएसपी सह सिटी एसपी पश्चिमी रवींद्र कुमार ने कहा की मृतक के पिता दारोगा फिदा हुसैन द्वारा जो भी लिखित आवेदन पुलिस को प्राप्त होगा उसके अनुसार कार्रवाई की जायेगी.
अपराधियों की जल्द-से-जल्द गिरफ्तारी व फुलवारीशरीफ एएसपी राकेश कुमार को सस्पेंड करने की मांग करते हुए करीब एक घंटे तक आगजनी करते रहे. पुलिस के काफी समझाने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़क से हटने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे. सड़क जाम की खबर मिलते ही मृतक मो सैफी के दारोगा पिता मो फ़िदा हुसैन ने स्थानीय लोगों से अविलंब जाम समाप्त करने का आग्रह किया इसके बाद लोगों ने जाम हटा दिया.
घटना की सूचना मिलते ही सैफी के परिजनों में कोहराम मच गया. रोते बिलखते परिजन घटनास्थल रहमत नगर पहुंचे और पुलिस को खबर किया. घटना के पीछे दो कारण होने की संभावना जतायी जा रही है. पहला पुलिस की मुखबिरी और दूसरा प्रेम प्रसंग.
एएसपी की मुखबिरी और प्रेम प्रसंग में तलाशी जा रही हत्या की वजह
पटना/फुलवारी : सैफी की हत्या को लेकर पुलिस का अनुंसधान तीन बिंदुओं पर है. पहला एएसपी के लिए अपराधियों की मुखबिरी, दूसरा ट्रांसपोर्टर हत्याकांड और तीसरा प्रेम -प्रसंग. इसमें दो आरोप मृतक के परिजनों की तरफ से आ रहे हैं, जबकि पुलिस घटनास्थल पर दीवार पर खून से बनाये गये दिल के आकार में खून से लिखे गये A के मायने निकाल रही है.
जहां शव पड़ा था वहां गोलियों के खोखे और नये जूते भी मिला है. इसके अलावा उसका मोबाइल पड़ा था. पुलिस को ठीक सटे दूसरे कमरे में एक बाल्टी पानी और कुछ किचेन का सामान भी मिला है. इससे लगता है की सैफी इसी मकान में भोजन भी तैयार करता था. जहां शव मिला उस कमरे में कोई दरवाजा नहीं था, केवल मकान के मुख्य गेट पर लोहे का दरवाजा लगा था. यहां जांच करने पहुंची एफएसएल टीम ने कई सामान से फिंगर प्रिंटस और कई साक्ष्य इकट्ठा कर ले गयी.
सैफी हुसैन की हत्या का तार कुछ माह पूर्व एफसीआइ रोड में हुए उमाशंकर राय हत्याकांड से जुड़ता जा रहा है. उफरपुरा निवासी उमाशंकर राय एफसीआइ में ट्रक चलवाता था. कुछ माह पहले जमीन विवाद को लेकर उमाशंकर राय को अपराधियों ने सरेशाम एफसीआइ रोड स्थित खटाल में ही उस वक्त गोलियों से भून डाला था, जब वह चालकों के साथ हिसाब कर रहा था. इस हत्याकांड में एफसीआइ से टेंडर के विवाद पर भी पुलिस छानबीन कर रही है.
हालांकि, पुलिस इस हत्या की गुत्थी पूरी तरह नहीं सुलझा पायी है. उमाशंकर राय के भतीजे मनोज राय, सैफी के रिश्तेदार गुलिस्तान मोहल्ला निवासी मो सोनू व जमीन माफिया मो खालिद को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.
परिजनों ने पुलिस को बताया है कि तीन भाइयों में सबसे छोटा था सैफी. इसका बड़ा भाई सारीब हुसैन विदेश में नौकरी करता है और वह सैफी को भी विदेश में काम करने के लिए बुला रहा था. इसके लिए सैफी ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन भी दिया था.
10 दिनों से अर्धनिर्मित मकान में रह रहा था
पहले मो सैफी ईसापुर में टीवी मैकेनिक की दुकान खोल कर इलेक्ट्रॉनिक्स मिस्त्री का काम करता था. कुछ दिनों से वह पुलिस के लिए मुखबिरी का काम करने लगा था, इस कारण कई अपराधी गिरोह की नजर में वह किरकिरी बना हुआ था. परिजनों के मुताबिक नया टोला में कुछ दिन पूर्व सैफी के साथ कुछ स्थानीय बदमाशों ने मारपीट भी की थी. सैफी के परिजनों ने यह भी बताया कि करीब एक माह से सैफी अपने घर छोड़ कर अलग जहां-तहां रह रहा था.