पटना : नोटबंद के केंद्र सरकार के फैसले के ठीक पहले के महीनों में बिहार के कई जिलों में भाजपा के नेताओं पर जमीन खरीदने का कथिततौर पर आराेप लगाया गया है. जमीन खरीदारी के मामले पर जदयू ने प्रतिक्रिया देते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. जदयूनेकहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांचहोनी चाहिए.
जदयू की ओर सेइसमामलेमें ट्वीट कर लिखा गया है कि नोटबंदी के फैसले से ठीक पहले बिहार के कई जिलों के भाजपाने पार्टी कार्यालय के निर्माणको लेकर भारी मात्रा में कंस्ट्रक्शन मैटेरियलकेलिए एडवांस में पेमेंट किया है. जदयू ने आरोप लगाया लेते हुए कहा है कि नोटबंदी के फैसले की जानकारी भाजपा के कई नेताओं को हो चुकी थी और इसी कड़ी में कालाधन को खपाने के लिए यह कदम उठाया गया.
दरअसल, यहां के एक स्थानीय न्यूज चैनलद्वारा अपनी रिपोर्ट में इस मामले काे उजागर करते हुए दिखायागयाकिप्रदेश भाजपाकेकई नेताओं के नाम परयहांके कईजिलोंमें करोड़ों की जमीन खरीदी गयी है.इन जमीनों की खरीदारी सितंबर व अक्टूबर महीने में सबसे ज्यादा हुई है. रिपोर्ट में जिलेवार आंकड़ा पेश करने के साथ ही पार्टी नेताओं के नाम भी बताये गये है.