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पटरी पर कोहराम : पटना के चौक शिकारपुर मोहल्ले में 12 मौतों से मचा है चीख-पुकार, पसरा मातम का सन्नाटा
पटना सिटी : पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में पटना सिटी के चार दंपतियों ने दम तोड़ दिया. चौकशिकारपुर, दुंदी बाजार व लाल इमली मोहल्लों के साथ बेगमपुर भी गम में डूब गया है.अब तक इलाके के 12 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के शिकार लोगों के शव पटना लाये जाने का सिलसिला देर […]
पटना सिटी : पटना-इंदौर एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में पटना सिटी के चार दंपतियों ने दम तोड़ दिया. चौकशिकारपुर, दुंदी बाजार व लाल इमली मोहल्लों के साथ बेगमपुर भी गम में डूब गया है.अब तक इलाके के 12 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के शिकार लोगों के शव पटना लाये जाने का सिलसिला देर रात तक चला. यूपी के सरकारी एंबुलेंस से ब्रह्मानंद प्रसाद और उनकी पत्नी कमला देवी का शव उनके घर खाजेकलां लाया गया. वहीं, नरेंद्र कुमार सिन्हा के शव का दाह-संस्कार खाजेकलां शमशान घाट पर किया गया. बीते 11 नवंबर को 26 लोगों की टोली घर से उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने व शिरडी के सांईं बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने निकली थी. दर्शन कर वापस लौटने के क्रम में वे काल के शिकार हो गये.
करनी थी बेटी की शादी
चौकशिकारपुर निवासी कारखाना चलानेवाले विजय पंडित, मां फूला देवी व पत्नी शकुंतला देवी के साथ घर से शिरडी व महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन दर्शन करने गये थे. घर पर पुत्र विशाल व शशि तथा दो पुत्री पिंकी व डॉली को छोड़ कर गये है. हादसे के बाद दोनों बेटे खामोश बैठे है,.
कारखाने के कर्मचारी पप्पू बताते है कि शादी-शुदा बड़ी बेटी रिंकी को भी सूचना दी गयी है. हालांकि, परिवार के लोग कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है. चाचा राजकुमार, केदार पंडित, अनिल जायसवाल, संजय कुमार समेत अन्य लोग वहां गये हैं. कर्मचारी पप्पू व पड़ोसी भगवान पंडित बताते है कि विजय को बेटी की शादी करनी थी, अब बच्चों का क्या होगा. सुखद बात यह है कि मां फूला देवी जख्मी है, उनका उपचार चल रहा है.
घर पर हैं किरायेदार
भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत त्रिलोकी प्रसाद सिन्हा ताला बंद कर पत्नी कुमकुम सिन्हा के साथ दर्शन करने गये थे. हालांकि, घर पर किरायेदार है, जो कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं. वो इतना ही कहते है कि रिश्तेदार घटना स्थल पर गये हैं.
कौन बनेगा बच्चों का पालन हार
चौकशिकारपुर उपरि सेतु के पास कोयला टाल चलाने वाले मनोज साह उर्फ सोनू कुमार की पत्नी प्रेमलता के साथ घर से दर्शन करने के लिये गये थे. रिश्ते के मामा अशोक साह बताते है कि अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है, अगर दोनों की मौत हो गयी, तो एक बेटा व दो बेटी का कौन बनेगा पालनहार.
दर्शन कर लिये, दो बजे है ट्रेन
दर्शन कर लिये. दिन में दो बजे ट्रेन है. ये बातें 62 वर्षीय ब्रह्मानंद ने शनिवार को बेटे सुजीत, सुबोध व अमरजीत को फोन कर कही. वे पत्नी कमला देवी के साथ शिरडी व उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने गये थे. कारोबार से जुड़े ब्रह्मानंदन के महाराजघाट स्थित आवास पर सन्नाटा है. पुत्र और परिवार के लोग रविवार को इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त के बाद घटना स्थल के लिए रवाना हो गये. घर पर रहे परिजनों ने बताया कि मृतक ब्रह्मानंद को दो पुत्री सुमन व डॉली हैं, जबकि तीन पुत्र हैं.
भाई को बुलाया था भागलपुर से
ट्रेन हादसे के शिकार हुए पुल निर्माण निगम के सेवानिवृत्त कर्मी 65 वर्षीय नरेंद्र प्रसाद सिन्हा के चौकशिकारपुर संकट मोचन मार्ग स्थित आवास पर सन्नाटा है. सोमवार की शाम जैसे ही शव आया, घर में रोने-बिलखने की आवाज तेज हो गयी. दाह-संस्कार की तैयारी पहले ही हो गयी थी.
जैसे ही शव आया, परिवार व मोहल्लों के लोग दाह-संस्कार के लिए शव को खाजेकलां शमशान ले गये. बेंगलुरु से बेटे राहुल व रोहित तथा पतोहू मंजू भी है. भागलपुर में रहनेवाले भाई वीरेंद्र को शुक्रवार को फोन कर पटना बुलाया था, बेटी की शादी के सिलसिले में लड़के वालों से बातचीत करने के लिए.
नाश्ता कर चुके हैं कल होंगे रवाना
चौकशिकारपुर में ही रहनेवाले आरएमआरआइ से सेवानिवृत्त बलदेव प्रसाद के परिजन बताते हैं कि पत्नी लीला देवी को फोन कर शुक्रवार को बताया कि दर्शन कर लिया है, नाश्ता भी कर चुके हैं. कल सुबह की ट्रेन से रवाना होंगे. वो उज्जैन महाकालेश्वर का दर्शन करने गये थे. परिजनों ने बताया कि उनके तीन पुत्र हैं. जिसमें धर्मेंद्र, संजय व अंजय है, जबकि तीन बेटियों में रेणु, रेखा व अनु है. हालांकि, दुर्घटना के बाद परिवार के लोग घटना स्थल के लिए रवाना हो गये हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी भी मौत हो गयी है.
घरों में पसरा है सन्नाटा
चौकशिकारपुर उपरि सेतु, दुंदी बाजार, जीतू लाल लेन के साथ आसपास के मोहल्लों में लोगों की भीड़ सोमवार को लापता परिवार के घरों के आगे जुटी रही. हर कोई यह जानने की कोशिश में लगा था कि जो लोग ट्रेन में थे, उनकी क्या स्थिति है. यहां से गये लोगों से लगातार संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है.
लेकिन, स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है. चौकशिकारपुर उपरि सेतु के पास गुरु गोविंद सिंह पथ पर मजमा लगाये कभी पूरब में स्थित मनोज साह व त्रिलोकी के घर पहुंच कुछ खबर आने की सूचना पूछ रहे थे, तो कुछ विजय पंडित के घर जाकर उनके बेटे विशाल व शशि से पूछ रहे हैं. गहमा-गहमी बनी हुई है. लोगों में इस बात की चर्चा है कि दुर्घटना के बाद कौन किस हाल में कहां पर है.
उजड़ गयी मंडली
गम में डूबे चौकशिकारपुर मोहल्ले में एक के बाद एक मौत की खबर पहुंच रही है. लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे. सुबह से हर एक के घर जाकर हालचाल पूछ रहे भगवान पंडित व अशोक कुमार बताते हैं कि अब तो मंडली ही उजड़ गयी. विजय पंडित, मनोज साह समेत एक के बाद एक की मौत की खबर आ रही है. जो लोगों को झकझोर कर रख दे रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगभग तीस साल पहले भी गुलजारबाग व राजेंद्र नगर के बीच में मोकामा शटल ट्रेन में आग लगी थी. उस समय भी मोहल्ले के आधा दर्जन से अधिक लोग चपेट में आये थे. अब तो यह हादसा उस संख्या को भी पार कर गयी है.
मोकामा
डॉक्टर और इंस्पेक्टर का भी बना आखिरी सफर
कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटना में मोकामा के एक डॉक्टर और इंस्पेक्टर की भी मौत हो गयी. मृत डॉक्टर भुवनेश्वर प्रसाद सिंह मोकामा के हेमजा गांव के रहनेवाले थे तथा सिविल सर्जन के पद से रिटायर हुए थे.वहीं, हादसे में मोकामा के नौरंगा जलालपुर निवासी इंस्पेक्टर रामप्रवेश सिंह की भी मौत हो गयी है. इंस्पेक्टर रामप्रवेश सिंह की पत्नी उषा शर्मा घायल है तथा उनका इलाज चल रहा है. हेमजा निवासी रिटायर्ड सिविल सर्जन डॉ भुवनेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ भूना बाबू की मौत हो गयी, जबकि उनका पोता उत्तम जख्मी है. परिजनों के अनुसार वे उज्जैन में महाकालेश्वर का दर्शन कर लौट रहे थे. उत्तम की स्थिति अभी सामान्य है. बहू शांति देवी और पल्लवी का बुरा हाल हैं. परिजनों के अनुसार पुत्र सुजीत कुमार व पोता सत्यम शव लाने कानपुर गये हैं. परिजनों ने बताया कि मंगलवार तक शव पहुंचने की संभावना है.हादसे में इंस्पेक्टर रामप्रवेश सिंह की पत्नी उषा शर्मा गंभीर रूप से जख्मी है और आइसीयू में उनका इलाज चल रहा है. रामप्रवेश सिंह 1994 बैच के दारोगा थे और हाल में ही इंस्पेक्टर में प्रोन्नत हुए थे. फिलहाल उनकी तैनाती जमालपुर पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में थी.
परिजनों के अनुसार रामप्रवेश सिंह स्वास्थ्य जांच कराने दिल्ली गये थे. वापसी में कानपुर-झांसी के बीच उरई स्थित ससुराल चले गये. ससुराल से पटना आने के लिए रामप्रवेश और उनकी पत्नी उषा शर्मा इंदौर पटना एक्सप्रेस में सवार हुए थे. कानपुर पहुंचने से पहले ही ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी और रामप्रवेश सिंह की मौत हो गयी. इंस्पेक्टर की बेटियां आरोमा और गरिमा डॉक्टर व इंजीनियर हैं. बेटा आदित्य भारद्वाज पढ़ाई कर रहा है.
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