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14 को शराबबंदी पर सीएम आम व खास से लेंगे सुझाव
पटना : प्रदेश में लागू शराबबंदी कानून के प्रावधानों को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 14 नवंबर को आम लोगों से सुझाव लेंगे. इसमें कानून के कई प्रावधानों का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोग भी सुझाव दे सकेंगे. जो सुझाव कानून को उपयोगी होंगे, उन्हें इसमें शामिल किया जायेगा. […]
पटना : प्रदेश में लागू शराबबंदी कानून के प्रावधानों को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 14 नवंबर को आम लोगों से सुझाव लेंगे. इसमें कानून के कई प्रावधानों का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोग भी सुझाव दे सकेंगे. जो सुझाव कानून को उपयोगी होंगे, उन्हें इसमें शामिल किया जायेगा. अगर जरूरत पड़ी, तो सर्वदलीय बैठक भी बुलायी जा सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को इसका एलान किया. श्रम संसाधन विकास विभाग की आरटीडी (भरती, प्रशिक्षण व तैनाती) योजना लांच करने के बाद पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की ओर की जा रही यह प्रक्रिया शराबबंदी को डायलुट करने के लिए नहीं किया जा रहा है. शराबबंदी लागू है और लागू रहेगी.
इसे और मजबूती से लागू करने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी के असर का सामाजिक व आर्थिक अध्ययन कराया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौपी जायेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग शुरू में इस कानून का मजाक उड़ाते थे, बाद में विरोध करना शुरू किया. नये कानून में सजा के जो प्रावधान हैं, उनकी आलोचना करते रहे हैं. तालिबानी व ड्राइकोनियन कानून तक बता रहे हैं. उनसे कहा गया कि नॉन ड्रायकोनियन के लिए क्या करना चाहिए अब तक कोई सुझाव नहीं आया. पोलिटिकल लोग विरोध के लिए सिर्फ विरोध करते हैं.
उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग ने औपचारिक रूप 12 नवंबर तक शराबबंदी के कानून को लेकर पब्लिक डोमेन में सुझाव मांगा है. इसके बाद 14 नवंबर को मैं खुद संवाद में लोगों के सुझाव लूंगा. इसमें कानून के प्रावधानों का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों के लोग भी सुझाव दे सकेंगे. जो लोग इसकी आलोचना करते हैं, उन्हें भी बुलाया जायेगा. जरूरत पड़ी, तो इसको लेकर सर्वदलीय बैठक भी बुलायी जायेगी. कुछ प्रावधानों पर विचार करना चाहिए, इस पर हम तैयार हैं. कानून परिस्थिति के मुताबिक बनाता है और उसमें संशोधन होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम डेमोक्रेटिक लोग हैं. लोगों की भावना की कद्र करते हैं. यह बड़ा काम है. इसमें सबका सहयोग चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के काम को मजबूत करने के लिए मद्य निषेध के दूसरे चरण का अभियान चलाया जायेगा. हम शराबबंदी के बाद सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में क्या बदलाव आया है, इसका अध्ययन भी करवा रहे हैं. इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी दी जायेगी.
किसी को अनावश्यक रूप से आलोचना का आधार नहीं दिया जायेगा. शराबबंदी को लेकर मजाक और विरोध का दौर गुजर गया है. अब तो सभी को इससे मानने का समय आ गया है. लोग इस भ्रम में न रहे कि इस कानून के साथ कोई छेड़छाड़ की जायेगी. शराबबंदी की मूल भावना को बनाये रखते हुए इसकी स्वीकार्यता और बढ़ सकती है. विरोधी समेत सभी को साथ आने का अवसर मिल जाये, यह लोकतांत्रिक प्रयास है. विरोधी के पास मौका है कि अगर सच में उनकी चिंता है, तो सुझाव दें. सरकार उस पर कार्रवाई करेगी.
गोपाल सुब्रमण्यम से दिल्ली में की मुलाकात
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में मंगलवार को मैंने कानूनविद गोपाल सुब्रमण्यम से मुलाकात की. उनसे फोन पर पहले बात हो चुकी थी. उन्होंने बिहार सरकार की शराब नीति का समर्थन किया है और शराबबंदी के पक्ष में एक रुपये की टोकन मनी में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने की घोषणा की है. सुप्रीम कोर्ट के मसलों पर भी बातचीत की गयी.
प्रदेश में दो चरणों में शराबबंदी लागू करने और फिर नया एक्ट दो अक्तूबर से लागू करने के बारे में विस्तार से बताया गया. इसे बिहार विधानमंडल के साथ-साथ राज्यपाल की स्वीकृति भी मिल चुकी है. इसे अपार जन समर्थन मिला है और सामाजिक व आर्थिक दृष्टिकोण से भी परिवर्तन हुआ है. कानून के विभिन्न पहलुओं पर दो घंटे तक बातचीत हुई और इसमें आवश्यकतानुसार आगे कार्रवाई करने पर भी बातचीत हुई.
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