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सपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में जायेंगे लालू, नीतीश के जाने पर संशय

पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद समाजवादी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे लेकिन प्रदेश की महागठबंधन सरकार के दूसरे घटक दल जदयू नेपार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश के इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेने के संकेत दिये हैं. यह कार्यक्रम लखनऊ में पांच नवंबर को आयोजित हो रहा है. […]

पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद समाजवादी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे लेकिन प्रदेश की महागठबंधन सरकार के दूसरे घटक दल जदयू नेपार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश के इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेने के संकेत दिये हैं. यह कार्यक्रम लखनऊ में पांच नवंबर को आयोजित हो रहा है.

इस कार्यक्रम में नीतीश की अनुपस्थिति से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आसन्न उत्तर प्रदेश चुनाव के पूर्व धर्मनिरपेक्ष शक्तियों और समाजवादी गठबंधन के लिए प्रमुख नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश को झटका माना जा सकता है. लालू के करीबी और विधायक भोला यादव ने राजद प्रमुख के सपा के कार्यक्रम में भाग लेने की आज पुष्टि की.

वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने स्वयं इस बारे में नहीं कुछ कहा है लेकिन उनके दल के वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश के सपा कार्यक्रम में भाग नहीं लेने के प्रयाप्त संकेत दिए हैं. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सपा परिवार में अंदरुनी कलह जारी है और इस झगड़े में हम किसी के पक्ष में नहीं दिखना चाहते हैं.

जदयू महासचिव केसी त्यागी ने सीधे तौर पर नहीं कुछ बोला और कहा कि छठ पूजा के मद्देनजर पांच नवंबर को उनकी पार्टी के प्रमुख भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता के लिए छठ पर्व काफी महत्वपूर्ण है और अगर वह :नीतीश कुमार: छठ को छोड़कर वहां जाएंगे तो भाजपा इस पावन अवसर पर प्रदेश के लोगों के साथ नहीं होने का आरोप लगाएगी.

यह पूछे जाने पर कि लालू के जाने तथा नीतीश के नहीं जाने से दोनों के बीच क्या मतभेद उत्पन्न होगा, वशिष्ठ ने कहा कि बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस के बीच मजबूत गठबंधन है और इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य राज्यों के बारे में तीनों की एक राय होगी. उन्हाेंने कहा कि लालू का मुलायम से पारिवारिक संबंध है और उन्हें अपना निर्णय लेने की स्वतंत्रता है.

वशिष्ठ नारायण सिंह ने नीतीश द्वारा जनता परिवार के विलय को लेकर पूर्व में की गयी कोशिश को नाकाम करने में मुलायम और उनकी पार्टी की कथित भूमिका को लेकर टिप्पणी करने के मिले अवसर को नहीं गंवाते हुए कहा कि नीतीश ने मुलायम के नेतृत्व में विलय को लेकर संजीदगी के साथ कोशिश की थी पर सभी को पता है कि किस कारण से इसमें कामयाबी नहीं मिली.

बिहार विधानसभा चुनाव में भारी विजय के बाद नीतीश की बढी लोकप्रियता और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख उम्मीदवारों में एक माने जाने के परोक्ष संदर्भ में उन्होंने कहा कि आज परिस्थिति भिन्न है.

उल्लेखनीय है कि नीतीश ने हाल में राजगीर में आयोजित जदयू के राष्ट्रीय समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ‘अपने परिवार की छाया’ से बाहर निकलकर उत्तरप्रदेश में शराबबंदी लागू करने को कहा कि जो कि उन्हें वहां चुनाव जीतने में मददगार साबित होगा और यह भी वादा किया कि वे ऐसी स्थिति में उत्तरप्रदेश के युवा मुख्यमंत्री का समर्थन करेंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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