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शहाबुद्दीन-रघुवंश के बयान पर गरमायी सियासत, JDU की अपील, RJD में गंठबंधन धर्म का हो पालन

पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर किये गये हमले के बाद जदयू ने भी कड़े तेवर दिखाये. सोमवार को 1, अणे मार्ग में मुख्यमंत्री आवास में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हुई. करीब चार घंटे तक चली बैठक के […]

पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर किये गये हमले के बाद जदयू ने भी कड़े तेवर दिखाये. सोमवार को 1, अणे मार्ग में मुख्यमंत्री आवास में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हुई. करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद जदयू नेता बाहर आये, तो उनके चेहरे पर तल्खी थी. जदयू कार्यालय में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन िसंह ने राजद को गंठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत दी.
जदयू नेताओं ने कहा, हम शहाबुद्दीन का नोटिस नहीं लेते. लेकिन, रघुवंश प्रसाद सिंह समेत अन्य राजद नेताओं के बयान पर जल्द लगाम लगानी चाहिए. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से हाथ जोड़ कर अपील की कि राजद में गंठबंधन धर्म का पालन हो. उन्होंने कहा है कि राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह की टिप्पणी काफी तल्ख होती है और वह अमर्यादित भाषा से अपनी बात रखते हैं, जिससे गंठबंधन की मर्यादा को चोट पहुंचती है. गंठबंधन में ऐसा ओछापन, छिछलापन किसी ने नहीं सुना है.
स्थिति यह है कि भाजपा से ज्यादा विरोधी स्वर रघुवंश प्रसाद सिंह का रहता है, इसलिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से हम विनम्र अपील करना चाहते हैं कि सामान्य लोग होते, तो कोई बात नहीं थी. मान लेते कि उन्होंने सनक में, अनजाने में कुछ बोल दिया है. लेकिन, रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. उनको यह शोभा नहीं देता है. इससे अच्छा संदेश भी नहीं जा रहा है. इसलिए लालू प्रसाद यह भरोसा दिलाएं कि दल के भीतर में गंठबंधन धर्म के उल्लंघन करने का कोई काम न करे. किसी को कोई मतभेद है, तो वह उसे उचित स्थान पर रखे.
उन्होंने कहा कि जदयू, राजद व कांग्रेस का गंठबंधन समाज, राज्य व देशहित में किया गया है. नीतीश कुमार को तीनों दलों के नेताओं ने मिल कर नेता चुना. उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा गया, अपार बहुत से जीत मिली और सरकार चल रही है. जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि गंठबंधन में लक्ष्मण रेखा पार करना सही नहीं है. गंठबंधन जब चलता है, तो समझौते के तहत चलता है. उसका पालन करना सभी घटक दलों का दायित्व है. गंठबंधन में एक सीमा के अंदर रह कर बयान देना चाहिए. जदयू के किसी नेता ने राजद नेताओं के खिलाफ बयान नहीं दिया है. जदयू गंठबंधन धर्म का पालन करता है, तो वह भी अपेक्षा रखता है कि दूसरे दल के लोग भी गंठबंधन धर्म का पालन करें.
जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने शहाबुद्दीन के सवाल पर कहा कि हम हर व्यक्ति पर कमेंट नहीं देते.हमारे लिए वह व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है. अभी उनके निकले तीन दिन ही हुए हैं, वी डोंट टेक नोटिस फोर हिम. बिहार में कानून का राज है और आगे भी रहेगा. इससे कोई समझौता नहीं होगा. जनता को किसी से भयभीत होने की जरूरत नहीं है और जो लोग जनता को भयभीत करने के लिए राजनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे ऐसा न करें. उन्होंने शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाने या फिर सुप्रीम कोर्ट में जाने सवाल पर कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया है.
उन्होंने पटना हाइकोर्ट के एक केस का हवाला देते हुए कहा कि सीसीए किसी केस के नौ महीने के अंदर ही लगता है, जबकि शहाबुद्दीन 11 साल से जेल में बंद थे. उन्होंने कहा कि जो भी काम होगा, वह कानून के आधार पर होगा. जमानत के सवाल पर कहा कि यह मामला कोई एलपीए का मैटर नहीं है. जमानत को सिंगल बेंच के जज डिसाइड करते हैं. इस केस में सरकार ने पूरी मुस्तैदी से काम किया. भागलपुर जेल में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की सुविधा और ट्रायल कोर्ट नहीं होने के कारण वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग नहीं हो सकी. पत्रकार राजदेव हत्याकांड मामले पर उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों को गिरफ्तार किया, जांच की, फिर भी सीबीआइ जांच सिफारिश भी की, लेकिन अब तक सीबीआइ जांच शुरू नहीं हो सकी है.
शहाबुद्दीन, हमलोग नहीं लेते नोटिस
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव से जब राजद नेता शहाबुद्दीन के आरोपों पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कौन हैं शहाबुद्दीन? कहां थे? अभी कहां से निकले हैं? उनका हमलोग नोटिस नहीं लेते हैं.
यह तो राजनीतिक मर्यादा की बात है. यह न्यायालय का मामला है और कानून अपना काम कर रहा है. ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा कि हम छोटे लोगों की बात नहीं सुनते हैं. सैकड़ों लोग जेल जाते हैं, जब निकलते हैं, तो अपनी पीड़ा बताते हैं. उसका हम नोटिस नहीं लेते हैं. प्रेस काॅन्फ्रेंस में जदयू के प्रदेश प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार और विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी भी मौजूद थे.
कानून का राज है और आगे भी रहेगा, इससे समझौता नहीं : शरद
नयी दिल्ली. जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार गंठबंधन के नेता हैं और राज्य में जिस सख्ती से कानून का पालन होता आया है, उसी सख्ती से आगे भी होता रहेगा. यहां एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, राज्य में कानून का राज पहले भी था, अब भी है और आगे भी रहेगा. उन्होंने कहा िक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में किसी के बोलने से कोई फर्क नहीं पड़ता. वह गंठबंधन की सहमति से नेता हैं.
शहाबुद्दीन के जुलूस में शामिल विधायक गिरधारी को शो-कॉज
पटना. बेलहर के जदयू विधायक गिरधारी यादव से जदयू ने शो-कॉज किया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने गिरधारी यादव से पूछा है कि वह किस आधार पर शहाबुद्दीन की रिहाई के समय वहां गये थे और उनके जुलूस में शामिल हुए. जेल से निकलने के बाद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दिया था. ऐसे में किस परिस्थिति में उन्होंने मुख्यमंत्री की गयी आलोचनाओं को सुना. उन्हें जल्द अपना पक्ष देने का निर्देश दिया गया है.
गंठबंधन के सभी नेता बयानबाजी से बचें : लालू
पटना. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने गंठबंधन के नेताओं को बयानबाजी से बचने की सलाह दी है. पार्टी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के बयानों पर जदयू नेताओं की नसीहत पर उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को बयानबाजी से बचना चाहिए.
दिल्ली में रहे लालू ने प्रभात खबर से फोन पर बातचीत में कहा कि गंठबंधन में सभी नेता हैं. बयानों को बेवजह तूल नहीं दें. लालू प्रसाद ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतें बिहार की कुरसी की ओर ललचाई नजरों से देख रही हैं. किसी को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे भाजपा मजबूत हो.
शहाबुद्दीन की रिहाई के खिलाफ राज्यपाल को एनडीए ने सौंपा ज्ञापन, कल पटना में धरना
पटना : राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की रिहाई को एनडीए राज्य सरकार के खिलाफ 14 सितंबर को पटना में और 15 िसतंबर को अन्य िजलों में धरना देगा. वहीं 16 िसतंबर को सीवान में नेता प्रतिपक्ष डॉ प्रेम कुमार और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय धरना पर बैठेंगे. एनडीए नेताओं के शिष्टमंडल ने सोमवार को राजभवन जाकर राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. एनडीए ने राज्यपाल से शहाबुद्दीन के खिलाफ सीसीए लगाने और जब तक सीसीए नहीं लगता है, तब तक उन्हें बिहार से बदर करने की मांग पर हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.

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