पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पंचायतों को टैक्स लगाने का अधिकार दिया जायेगा. इसके लिए सरकार नियम बना रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो कि पंचायती राज संस्थाओं को केंद्रीय अनुदान नहीं, बल्कि अपने संसाधनों पर चलाया जाये. मुख्यमंत्री गुरुवार को सचिवालय स्थित सभागार से वेब कास्टिंग के जरिये 38 जिलों में नवनिर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधियों के जिलास्तरीय उन्मुखी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर मौजूद जिला पर्षद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला पर्षद सदस्य, प्रमुख उपप्रमुख, पंचायत समिति सदस्य और मुखियाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायती राज अधिनियम, 2006 में जनप्रतिनिधियों को लोक सेवक घोषित किया गया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी सख्ती से लागू की है. इसको लेकर विधानसभा, विधान परिषद, मुख्य सचिव, डीजीपी से लेकर पुलिसकर्मियों तक ने शराब सेवन न करने का संकल्प लिया है. इसी तरह से वार्ड सभा और ग्राम सभा में पंचायत जनप्रतिनिधि शराब न पीने की शपथ लें. चंपारण सत्याग्रह के 100वें वर्ष पर बापू को यह सच्ची श्रद्धांजलि दी जा रही है.
शराबबंदी को लेकर जो माहौल बना है, उसे बनाये रखना है और यह ध्यान रखना जरूरी है कि शराब छोड़नेवाले कहीं दूसरे मादक द्रव्यों की ओर तो नहीं जा रहे हैं.
निराधार है शराब पकड़े जाने पर मुखिया व जनप्रतिनिधियों पर कारवाई की खबर
मुख्यमंत्री ने उन खबरों को पूरी तरह से निराधार बताया, जिसमें यह कहा गया है कि गांव में किसी के घर शराब की बोतल पकड़ी गयी, तो मुखिया व जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की जायेगी. पड़ोसियों पर भी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें शराब लॉबी द्वारा फैलायी जा रही हैं. इस तरह की बातें तो मेरे जेहन में भी नहीं हैं. ऐसा कोई पागलपन का कानून हम कभी बना ही नहीं सकते.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पंचायती राज संस्थाओं को भंग करने की सोच रही है. केंद्र सरकार केंद्रीय करों में से राज्य सरकार व पंचायती राज संस्थाओं को हिस्सा देती है. वित्त आयोग के अलावा अन्य तरह के कार्यक्रमों में भी केंद्र सरकार राशि देती है.
पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने इसे सात हजार करोड़ से घटा कर 96 करोड़ कर दिया था. पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष (बीआरजीएफ) को बंद कर दिया गया. राजीव गांधी पंचायती राज सशक्तीकरण योजना बंद कर दी गयी. राज्य सरकार के दबाव के बाद इसे 500 करोड़ किया गया है. केंद्र ने विकास की योजनाएं स्थगित कर दी हैं. अब सिर्फ क्षमतावर्धन के लिए राशि दी जा रही है.
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की ओर से किये गये कार्यों की जानकारी दी. कहा, महिलाओं को पंचायतों में 50% आरक्षण दिया गया. पहले चुनाव में पंचायतों में 56% महिलाएं चुन कर आयीं. इसमें पिछड़े वर्गों के लिए 20% व एससी-एसटी को उनकी आबादी के अनुपात में क्रमश: 16% व 1% आरक्षण का प्रावधान किया गया. पंचायत प्रतिनिधियों को कार्य के दौरान मृत्यु होने पर पांच लाख के बीमा का प्रावधान किया गया है. मासिक नियत भत्ते में वृद्धि की गयी है.
पंचायती राज संस्थाओं को संचालित करने के लिए कार्यालय की स्थापना की जा रही है. यह पंचायत सरकार भवन के रूप में होगा, जहां पर सभी जनप्रतिनिधि व कर्मी अपना कार्य कर सकेंगे. साथ ही यह आपदा के समय राहत शिविर के रूप में काम भी करेगा. इसमें बैंकों से शाखाएं खोलने को कहा जा रहा है.
सुशासन के कार्यक्रम के तहत पहले निश्चय को लागू किया जा चुका है. राज्य सरकार ने अपने सभी सेवाओं में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण लागू कर दिया है. इससे सरकारी सेवाओं में महिलाओं को कुल 37% आरक्षण का लाभ मिलेगा. युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए दो अक्तूबर से चार लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, कौशल विकास कार्यक्रम और 20-25 साल के युवकों को रोजगार तलाशने के लिए दो वर्ष तक प्रति माह एक हजार रुपये स्वयं सहायता भत्ता देने की योजना शुरू की जा रही है. इसके लिए जिलाें में ही आवेदन करना है.
जिला स्तर पर रजिस्ट्रेशन सेंटर बन रहा है. आधार कार्ड को इस योजना से जोड़ा जा रहा है. हर घर नल का जल पहुंचाना है. हर वार्ड में बोरिंग करा कर घर-घर जलापूर्ति की जायेगी. शौचालयों का निर्माण कराया जाना है. पक्की गली-नली बनायी जा रही है. बिजली की स्थिति में सुधार हुआ है.
इसके पूर्व पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने पंचायत प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कहा कि लोगों तक योजनाओं को पहुंचाने में सभी को साथ लेकर चला जायेगा. पंचायती राज संस्थाओं पर महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी गयी है. पंचायतों को सरकार का पूर्ण सहयोग मिलेगा.
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, मंत्री श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, कुमारी मंजू वर्मा, शैलेश कुमार, विजय प्रकाश, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, चंद्रशेखर, कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा व संतोष कुमार निराला, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त, कृषि उत्पादन आयुक्त व संबंधित विभागों के प्रधान सचिव सहित पंचायती राज विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी व पंचायती राज विभाग के निदेशक कुलदीप नारायण सहित पंचायती राज विभाग के सभी पदाधिकारी मौजूद थे.
पंचायतीराज की पांच पुस्तिकाओं का िवमोचन
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पंचायती राज विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार की गयी पांच खंडों की प्रशिक्षण पुस्तिकाओं का लोकार्पण किया. पुस्तिकाओं में पंचायतों एवं उसके कार्य संचालन की जानकारियां है. पहलीपुस्तक में पंचायती राज संस्थाओं के परिचय, भूमिका एवं दायित्व की जानकारी दी गयी है.
दूसरी में बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 (यथा अद्यतन संशोधित) एवं इसके अधीन गठित महत्वपूर्ण नियमावलियों से संबंधित जानकारी है. तीसरी पुस्तक में विकास और सशक्तीकरण के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी, चौथी पुस्तिका में पंचायतों की जवाबदेही, कार्यों में भागीदारी, पारदर्शिता और जिम्मेवारी से संबंधित है और पांचवीं पुस्तिका में ग्राम कचहरी और उसके संचालन के लिए बनायी गयी है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बिहार ग्राम स्वरोज योजना सोसाइटी की वेबसाइट और प्रशिक्षण प्रबंधन सूचना प्रणाली की भी लोकार्पण किया.