इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम की वर्षगांठ पर डीजीपी ने उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित
संवाददाता, पटना
बिहार पुलिस के इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम ‘डायल 112’ के लागू होने के बाद राज्य में दंगा-फसाद के मामलों में 78.57 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने सोमवार को डायल 112 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर यह जानकारी दी. डीजीपी ने बताया कि तीन साल पहले राज्य भर में हर साल औसतन 14 हजार दंगा-फसाद के मामले दर्ज होते थे. छह जुलाई, 2022 को डायल 112 की शुरुआत के बाद यह संख्या घटकर तीन हजार के करीब आ गयी है. उन्होंने कहा कि यह केवल एक सेवा नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता है. विनय कुमार ने इस मौके पर डायल 112 से जुड़ी टीम के 10 पुलिसकर्मियों को उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया .
डीजीपी ने बताया कि डायल 112 के जरिए प्रतिदिन औसतन 65 हजार कॉल रिसीव की जा रही हैं, जो देश में दूसरे स्थान पर है. औसतन 15 मिनट के रिस्पांस टाइम के साथ बिहार पुलिस प्रतिदिन छह हजार से अधिक लोगों तक आपात सेवाएं पहुंचा रही है.पर्व -त्योहार पर यह आंकड़ा दोगुना हो जाता है. इस मामले में बिहार अब देश में तीसरे स्थान पर है. बीते साल देश में सातवें स्थान पर था. डीजीपी ने कहा कि डायल 112 को पुलिस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल इमरजेंसी जैसी सभी सेवाओं के लिए एकीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में तैयार किया गया है. इस दौरान एडीजी एनके आजाद, डीआइजी अनिल कुमार, एसपी शीला इरानी, एसपी विद्यासागर आदि पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
डायल 112 पर हमला न करे पब्लिक, सहयोग करे : डीजीपी विनय कुमार ने लोगों से अपील की है कि 1823 इआरवीएस वाहन हैं. इनमें सीमित संख्या में फोर्स होता है. लेागों से अपील है कि वह इस पर हमला न करे. यह टीम उनकी मदद के लिए हैं.
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