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भरती हुए तो डेंगू के मरीज थे, मौत हुई तो हृदय गति रुकना बताया

पटना. पटना के प्राइवेट अस्पतलों में एक सप्ताह के अंदर जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे तीनों डेंगू पॉजिटि व मरीज थे और डॉक्टर उनका इलाज भी डेंगू मरीज समझ कर ही कर रहे थे. यह खुलासा उनकी डेथ सर् टिफिकेट से भी हो रहा है. राकेश कुमार सिन्हा की डेथ सर्टिफिकेट के […]

पटना. पटना के प्राइवेट अस्पतलों में एक सप्ताह के अंदर जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वे तीनों डेंगू पॉजिटि व मरीज थे और डॉक्टर उनका इलाज भी डेंगू मरीज समझ कर ही कर रहे थे. यह खुलासा उनकी डेथ सर् टिफिकेट से भी हो रहा है. राकेश कुमार सिन्हा की डेथ सर्टिफिकेट के अनुसार प्राइमरी डिजिज डेंगू बताया गया, पर मौत के कारण में हृदय गति रुकना लिखा गया. ऐसे में मेडिकल टर्म का सहारा लेकर स्वास्थ्य विभाग यह बात मानने के लिए तैयार नहीं है कि ये मौतें डेंगू से ही हुई हैं. विभाग अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर रही है कि मरीज डेंगू पॉजिटिव थे, लेकिन उनकी मौत दूसरे कारणों से हुई है. वहीं, सोमवार को पटना पीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग 72 लाेगों के सैंपल की जांच हुई, जिसमें से 12 डेंगू के नये मरीज मिले है.एनएमसीएच में भी डेंगू पीड़ित छह मरीजों का उपचार चल रहा है.

बेगूसराय : तो फिर टीम क्यों आयी थी हमारे घर
बेगूसराय के रहनेवाले कार्तिकेय (14 साल) की मौत डेंगू से 28 सितंबर को हो गयी. उसके चाचा ने बताया कि कार्तिकेय डेंगू पॉजिटि व था और उसका इलाज बेगूसराय के एक्सेलिसश हॉस्पिटल में चल रहा था. जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उसे पटना के राजेश्वर हॉस्पिटल में लाया गया, लेकिन वह नहीं बच सका. उन्होंने बताया कि अगर बच्चा डेंगू मरीज नहीं था, तो विभाग के निर्देश पर टीम मेरे घर क्यों आयी थी. उन्होंने कहा कि विभाग भले ही कुछ कहे, लेकिन इलाज डेंगू का ही चल रहा था.

छपरा : डॉक्टर पर करेंगे एफआइआर
छपरा के नंदलाल टोले की रहनेवाली प्रियंका शरण (21) की मौत डेंगू से हो गयी. जेपी विवि में एकाउंटेंट मृतका के चाचा अनिल शरण के मुताबिक डेंगू से पीड़ित प्रियंका को बेहतर इलाज के लिए 18 सितंबर को डेंगू के नोडल ऑफिसर डॉ केएम दूबे के यहां इलाज कराया. जांच में डेंगू पॉजिटिव पाया गया. तब तक उसकी हालत बिगड़ चुकी थी. उसे 28 सितंबर को पटना उदयन हॉस्पि टल में भरती कराया गया, जहां 30 सितंबर को उसकी मौत हो गयी. चाचा अनिल ने बताया कि वे इस मामले में डॉ केएम दूबे पर
एफआइआर करेंगे.

प्रियंका शरण का इलाज अस्पताल में डेंगू का चल रहा था. जब वह हॉस्पिट ल में आयी थी, तो उसकी हालत काफी खराब थी और वह
होश में भी नहीं थी. इस कारण से उसे आइसीयू में वेंटि लेटर पर रखा गया था.
– नीरज कुमार, जीएम, उदयन हॉस्पिटल

डेंगू से इन मरीजों की मौत नहीं हुई है. हमने अस्पताल में जाकर सारी रिपोर्ट देखी है. डेंगू की जांच जो कि कार्ड से होती है और उसे
विभाग नहीं मानता है. सही जांच पीएमसीएच में एलिजा रीडर से होती है. मरीजों के प्लेट लेट्स की स्थिति ठीक थी. ऐसे में यह कंफर्म करना मुश्किल है.
– डॉ गिरिंद्र शेखर सिंह, सिविल सर्जन

पटना : मानवाधिकार आयोग जायेंगे
डेंगू के इलाज कराते हुए राकेश कुमारा सि न्हा की मौत रूबन पाटलिपुत्रा में एक अक्तूबर को हो गयी. राजेंद्र नगर के रहनेवाले मृतक के भाई मनोज कुमार सि न्हा ने बताया कि राकेश को डेंगू हो गया था और उसे 30 सितंबर को भरती कराया गया था. इस मामले में सिविल सर्ज न झूठ बोल रहे हैं, क्योंकि मेरे पास डॉक्टर की रिपोर्ट और इलाज के सभी पेपर मौजूद हैं. इस मामले को लेकर हम मानवाधि कार आयोग जायेंगे. इंसाफ नहीं मिला, तो कोर्ट भी जायेंगे.

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