पटना: सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) मोरचा को चुनाव आयोग से राजनीतिक पार्टी की मान्यता मिल गयी है. बिहार में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले मांझी की पार्टी को मिली मान्यता को कई मायनों में अहम माना जा रहा है. इस मौके पर मांझी ने बुधवार को कहा कि रजिस्ट्रेशन होने के साथ ही पार्टी पूरे स्वरूप में सामने आ गयी है. वहीं, पूर्व सांसद एवं आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद ने भी आज हम की सदस्यता ग्रहण कर ली है. फ्रेंडस ऑफ आनंद के सम्मेलन के दौरान मांझी समेत हम के अन्य नेताओं की मौजूदगी में लवली ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
जीतन राम मांझी ने कहा है कि हिंदुस्तान अवाम मोरचा (सेकुलर) को चुनाव आयोग ने मान्यता दे दी है. इसके साथ ही पार्टी पूरे स्वरूप में सामने आ गयी है. बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि चुनाव चिह्न् के लिए आयोग ने सिंबल की सूची भेजी है. मनपसंद चुनाव चिह्न् का चयन कर इसकी मंजूरी के लिए आयोग के पास भेज दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अब हम पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हम पार्टी में लवली आनंद शामिल हो गयी हैं. इससे पार्टी और मजबूत होगी.
वहीं, स्थानीय रवींद्र भवन में आयोजित समारोह में लवली आनंद ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की मौजूदगी में हम में शामिल होने की घोषणा की. मांझी ने लवली आनंद के हम में शामिल होने के मौके पर कहा कि राज्य जो भी सरकार बनेगी उसका पहला काम आनंद मोहन को जेल से बाहर निकालना होगा. उन्हें फ्रेंड्स ऑफ आनंद की सारी शर्ते मंजूर है.
उधर, लवली ने विधानसभा का चुनाव लड़ने के संबंध में कहा कि अभी तो वह पार्टी में शामिल हुई है. पार्टी का जो भी आदेश होगा, वह उसका अनुपालन करेगी. लवली आनंद पूर्व सांसद रही है. वह जेल में बंद पूर्व विधायक आनंद मोहन की पत्नी है. मिलन समारोह के दौरान आनंद मोहन के समर्थकों के अलावा हम नेता और पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी, वृशण पटेल और महाचंद्र प्रसाद सिंह तथा आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद भी मौजूद थे. लवली आनंद ने एक दिन पहले समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.
गौर हो कि जदयू से बागी होकर मांझी ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) नाम से अलग पार्टी खड़ा किया था. जिसे आज चुनाव आयोग से मान्यता मिल गयी है और इस संबंध में पार्टी को चुनाव आयोग का पत्र भी मिल गया है. नीतीश कुमार ने जब मुख्यमंत्री पद पर वापसी की कोशिश की तो उन्हें जीतनराम मांझी का विरोध ङोलना पड़ा. नाटकीय राजनीतिक घटनाक्र म के बाद अंतत जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से अपना त्याग पत्र सौंप दिया था. इसके साथ ही मांझी ने जदयू से भी नाता तोड़ लिया और मई में अपनी अलग पार्टी बना ली. मांझी ने हिंदुस्तान अवाम मोर्चा सेक्युलर (हम) नाम से एक मोर्चा बनाया जिसमें ज्यादातर नेता जदयू के बागी विधायक थे.
जदयू से अलग होने के बाद से ही मांझी लगातार कोशिश कर रहे थे कि उनके मोर्चा को पार्टी की मान्यता मिल जाये. इसके बाद जीतनराम मांझी ने नयी पार्टी के लिए आवेदन दिया था. मान्यता मिलने के बाद अब हम आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने चुनाव चिह्न के साथ चुनाव मैदान में उतर सकेगा. इससे पहले बिहार चुनावों में मांझी की पार्टी एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. जीतनराम मांझी ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया है.

