पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भाजपा पर दबाव बनाते हुए 90 सीटों पर दावेदारी जता दी है. यह खबर आकाशवाणी ने दी है. मांझी की इस दावेदारी से भाजपा पसोपेश में है. जीतन राम मांझी आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंच […]
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भाजपा पर दबाव बनाते हुए 90 सीटों पर दावेदारी जता दी है. यह खबर आकाशवाणी ने दी है. मांझी की इस दावेदारी से भाजपा पसोपेश में है. जीतन राम मांझी आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंच रहे हैं और उनके साथ नीतीश मिश्रा व कुछ अहम सहयोगी भी रहेंगे.
उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व प्रदेश के नेता सुशील कुमार मोदी भी यह संकेत दे चुके हैं कि जीतन राम मांझी के साथ उनकी पार्टी गठजोड करेगी.
भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गंठबंधन में राज्य में पहले से दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियां हैं. उसमें एक रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जन शक्ति पार्टी व दूसरी उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी है. रामविलास पासवान जहां लंबे समय से राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख दलित नेता के रूप में पहचाने जाते रहे हैं, वहीं उपेंद्र कुशवाह बिहार में पिछडों के एक वर्ग के नेता बनकर उभरे हैं.
भाजपा की कार्ययोजना बिहार की राजनीति के मद्देनजर प्रतिकात्मक रूप से जातीय समीकरणों को पुष्ट करने वाला एक महागठजोड तैयार करना है. इसमें उसके लिए जीतन राम मांझी की भूमिका अहम हो सकती है. इस गठजोड को सिरे चढाने के लिए भाजपा पासवान, कुशवाहा के अलावा मांझी की भी जरूरत महसूस कर रही है. ऐसे में 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में भाजपा के लिए सीटों का बंटवारा एक मुश्किल सवाल बन सकता है.
अगर मांझी अपनी मांग पर अडे रहेंगे, तो भाजपा को पासवान व कुशवाहा से मोलभाव करने में दिक्कत हो सकती है. इसके दूसरे मायने यह भी हैं कि मांझी अधिक संख्या में सीटों का दावा ठोक कर अधिक से अधिक सीटें पाना चाहते हों.
हालांकि मांझी ने आकाशवाणी से बातचीत में कहा है कि भाजपा से हमारी अभी कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में 15 जून को उनकी कोर कमेटी की बैठक होगी, जिसमें चर्चा होगी.