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ऑनलाइन दाखिल-खारिज : आवेदन निबटारे में लग रहे महीनों

राज्य भर में वर्ष 2018 के अक्तूबर माह से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया ऑनलाइन चलरही है, मगर एक वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी यह लोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध नहीं हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि आये दिन दाखिल खारिज के लंबित मामलों की संख्या घटने के बजाय बढ़ रही है. आॅनलाइन की […]

राज्य भर में वर्ष 2018 के अक्तूबर माह से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया ऑनलाइन चलरही है, मगर एक वर्ष से अधिक बीतने के बाद भी यह लोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध नहीं हो रहा है. आंकड़े बताते हैं कि आये दिन दाखिल खारिज के लंबित मामलों की संख्या घटने के बजाय बढ़ रही है.

आॅनलाइन की शुरुआत के बाद अब तक कुल 25 लाख 73 हजार एक सौ 20 म्यूटेशन के आवेदन आये हैं. इनमें अब तक मात्र 11 लाख 45 हजार आठ सौ चार आवेदनों का निबटारा हुआ है. इनमें 80 फीसदी से अधिक मामले तय समय के बाद निबटाये गये हैं, जबकि लगभग आठ लाख 71 हजार 87 मामले अब तक लंबित हैं.

दाखिल खारिज और लगान के मामले बढ़ते जा रहे हैं. सरकार के स्तर पर इसके निबटारे की पहल धीमी है. गांवों में वर्षों पूर्व आपसी सामंजस्य से हुए बदलेन की जमीनों की दाखिल- खारिज आम तौर पर नहीं हुआ करता था, या कई मामलों में इसकी जरूरत नहीं पड़ी थी.

पर, जब उस जमीन की बिक्री या विवाद की स्थिति में उसका दाखिल- खारिज कराना अनिवार्य हो गया है. इसके लिए जो भी आवेदन दिये जा रहे हैं, उनमें ऐसे कागजातों की मांग की जाती है, जिसका उपलब्ध कराना अब संभव नहीं है. ऐसे मामले लंबित रह जा रहे हैं या उन्हें रद्द कर दिया जा रहा. जिसके कारण विवाद का निबटारा नहीं हो पा रहा और मामले अदालत तक पहुंच रहे हैं. इसी तरह के मामले वर्षों पूर्व हुई रजिस्ट्री के केस में भी देखा जा रहा है. इस तरह के विवादों के निबटारे को लेकर अधिकारियों के पास भी कोई ठोस जवाब नहीं होता है.

उनके रटे रटाये शब्द होते हैं कि कंप्यूटर को सारे दस्तावेज चाहिए. जबकि, हकीकत में अभी भी जमीन के सारे दस्तावेज ऑनलाइन नहीं हो पाये हैं. यहां तक कि रजिस्ट्री दस्तावेजों का कंप्यूटरीकरण किये जाने की प्रक्रिया भी सुस्त गति से चल रही है. जानकारों के मुताबिक यदि सभी दस्तावेजों का कंप्यूटरीकरण अपडेट कर दिया जाता, तो भी दाखिल- खारिज करने के लिए अंचलों का चक्कर लगाने से लोग बच जाते.

राजस्व कर्मचारियों के पास सबसे अधिक लंबित मामले : अब तक आये म्यूटेशन के कुल आवेदनों में पांच लाख 56 हजार दो सौ 29 मामलों को अंचल कार्यालयों ने रद्द कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ म्यूटेशन के लंबित मामलों में सबसे अधिक मामले राजस्व कर्मचारी के पास हैं.

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार कुल आठ लाख 71 हजार 87 मामले में राजस्व कर्मचारी के पास एक लाख 90 हजार चार सौ 73 मामले लंबित हैं. इसके अलावा अंचल पदाधिकारी के पास 52 हजार एक सौ 39, ऑपरेटर के पास 14 हजार छह सौ एक मामले, सीआइ के पास चार हजार तीन सौ 12 और लिपिक के पास नौ सौ छह मामले लंबित पाये गये हैं.

जमाबंदी के आंकड़ों में गड़बड़ी : एक करोड़ 60 लाख से अधिक जमाबंदी के मामलों भी गड़बड़ी में सुधार नहीं हो पा रहा है, जबकि जांच के बाद आॅनलाइन जमाबंदी की और अधिक गड़बड़ियां सामने आ रही हैं.

राज्य में अब तक तीन करोड़ 61 लाख तीन हजार तीन सौ 82 जमाबंदी रिकॉर्ड किया गया है. इसमें मात्र दो करोड़ 93 हजार आठ सौ 31 अंतिम लगान डिटेल के साथ दर्ज किया गया है. इसमें एक करोड़ 60 लाख नौ हजार पांच सौ 51 जमाबंदी में पिछला लगान डिटेल नहीं डाला गया है, जबकि 81 लाख 38 हजार चार सौ 39 जमाबंदी मामलों में खाता की जानकारी नहीं दी गयी है. वहीं 83 लाख 99 हजार पांच सौ 26 जमाबंदी के मामलों में कुल जमाबंदी क्षेत्र जीरो दर्ज किया गया है.

सुधार और नयी सुविधा में देरी : ऑनलाइन म्यूटेशन में नाम, खाता नंबर या संबंधित किसी अन्य डेटा में गड़बड़ी हो गयी है तो सुधार की प्रक्रिया फिर से अपनानी होती है. म्यूटेशन के लिए प्रयोग किये जाने वाले साॅफ्टवेयर में राज्य एनआइसी सुधार कर कई नये फीचर को जोड़ रही है. जिसका नाम परिमार्जन दिया जा रहा है. इसके अलावा नये साफ्टवेयर में एलपीसी यानी लैंड पोजिशन सर्टिफिकेट के लिए भी ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी. यह सुविधा अब तक शुरू नहीं हो पायी है.

बार-बार ठप होता रहा सर्वर : ऑनलाइन म्यूटेशन के आवेदन की प्रक्रिया बीते एक वर्ष में सर्वर फेल होने के बाद बाधित हुई है. सर्वर पर लोड के कारण बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर माह में भी आवेदन प्रक्रिया बंद रही. जानकारी के अनुसार इसमें सुधार के लिए बेल्ट्रान भवन के ऊपर बने स्टेट डेटा सेंटर में वर्तमान में आठ अतिरिक्त सर्वर जोड़े गये हैं. जिनकी संख्या आने वाले दिनों में बढ़ायी जानी है. अब म्यूटेशन व जमाबंदी के लिए पूरे राज्य का डेटा यहीं संग्रह होगा.

चल रही है खाली पदों को भरने की कवायद : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से खाली पदों को भरने के लिए विभिन्न पदों पर बहाली की जा रही है. हाल ही के दिनों में विभाग ने 271 पदों सहायक बंदोबस्ती पदाधिकारी का अंतिम रिजल्ट फाइनल किया गया. इसके अलावा विशेष सर्वेक्षण लिपिक के पद पर 500 रिजल्ट जारी करने वाला है. इसके अलावा 550 संविदा अमीन, 550 कानूनगो और चार हजार आठ सौ 99 पदों पर सर्वे अमीन की बहाली की जानी है.

मात्र 591 आवेदनों का समय पर निबटारा

पटना जिले में भी म्यूटेशन के मामलों को निबटाने का मामला धीमा है. दिसंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि पटना जिले में म्यूटेशन को लेकर अब तक एक लाख 75 हजार 35 मामले दायर किये गये हैं, लेकिन अब तक सभी अंचलों के द्वारा 74 हजार तीन सौ 61 मामले का ही निबटारा हो पाया है, जबकि 60 हजार दो सौ 28 मामले अभी तक लंबित हैं. आंकड़े बताते हैं कि मात्र पांच सौ 91 आवेदनों का ही निबटारा तय समय के भीतर हुआ है, जबकि 73 हजार सात सौ 70 मामले तय समय सीमा के बाद निबटाये गये हैं. सबसे अधिक आवेदन फुलवारी शरीफ में 27 हजार छह सौ 93, पटना सदर में 17 हजार पांच सौ दस, संपतचक में 12 हजार 24, दानापुर में 15

हजार सात सौ 91, बिहटा में 13 हजार दो सौ 43 मामले आये हैं. इनमें से फुलवारी में 11 हजार चार सौ एक, पटना सदर में छह हजार सात सौ पांच, संपतचक में चार हजार दो सौ 45, दानापुर में चार हजार 57 और बिहटा में चार हजार के लगभग मामले लंबित पड़े हुए हैं.

मुजफ्फरपुर सहित पांच जिलों में दो लाख से अधिक मामले लंबित

मुजफ्फरपुर और आसपास के चार जिलों को मिला कर दो लाख से अधिक दाखिल खारिज के मामले लंबित हैं. आंकड़े बताते हैं कि मुजफ्फरपुर में लगभग 30 हजार,पश्चिम चंपारण में लगभग 45 हजार,पूर्वी चंपारण में लगभग 30 हजार, दरभंगा में लगभग 48 हजार और सीतामढ़ी में लगभग 61289 आवेदन लंबित हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले में करीब 30 हजार में से 20 हजार मामले ऐसे हैं.

जो करीब एक माह से भी अधिक समय से लंबित हैं, जबकि इन पर कोई आपत्ति नहीं है. पश्चिम चंपारण में दाखिल-खारिज के 45 हजार से अधिक आवेदन लंबित हैं. 94552 प्राप्त आवेदनों में 18015 को रिजेक्ट कर दिया गया है. समय सीमा के भीतर 28 हजार 349 आवेदन निबटाये गये हैं. 18 दिन से बाहर अभी भी 41096 आवेदन लंबित हैं. दो माह से अधिक दिनों से लंबित आवेदनों की संख्या 4303 है. निबटारे में देरी को लेकर पूर्वी चंपारण में तीन माह पूर्व अरेराज, पहाड़पुर हरसिद्धि, संग्रमापुर,चकिया व मेहसी के अंचलाधिकारियों को अपर समाहर्ता ने जुर्माना भी लगाया है.

दरभंगा के 99 प्रतिशत हलकों में कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं है. अब तक कुल 98 हजार 812 आवेदन में 35799 आवेदन को निबटाया गया है. 14 हजार पांच सौ 99 आवेदन को रद्द कर दिया गया.

भागलपुर : 40% मामले लंबित

जमीन म्यूटेशन के मामले में पिछले छह-सात बार मोहलत देने के बाद भी अंचलों में आधे मामले लंबित ही पड़े हुए हैं. भागलपुर और इसके सटे करीब आठ-10 जिले में 242 पंचायतों के 242 राजस्व कर्मचारियों के सिर्फ 33 राजस्व कर्मचारी ही नियुक्त हैं. कई सर्किल इंस्पेक्टरों को राजस्व कर्मचारी का प्रभार दिया गया है. अपर समाहर्ता राजेश झा राजा ने 31 जनवरी तक सभी अंचलों को 80 प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है.

फिलहाल भागलपुर जिले में संहौला अंचल में 4343 में से 1334, जगदीशपुर अंचल में 16506 में से 8317, सुलतानगंज अंचल में 5318 में से 2663, पीरपैंती अंचल में 6086 में से 2744, कहलगांव अंचल में 6440 में से 2907, सबौर अंचल में से 4922 में से 3108, रंगराचौक अंचल में 1620 में से 1224, शाहकुंड अंचल 3575 में से 2314, नाथनगर अंचल में 7630 में से 5845, गोपालपुर अंचल में 1347 में से 820, नवगछिया में 3846 में से 2532, खरीक में 1097 में से 882, गोराडीह में से 4395 में 2656, नारायणपुर में 1443 में से 1179 आवेदनों का निबटारा हुआ है.

गया : 49 हजार लंबित

गया जिले में भी दाखिल-खारिज आवेदनों को निबटाने की रफ्तार धीमी है. ऑनलाइन सुविधा की शुरुआत होने के साथ अब तक जिले में कुल 98 हजार आठ सौ 70 आवेदन किये गये हैं. इसमें जिले के सभी अंचलों ने 40 हजार चार सौ 78 मामले का निबटारा किया जा सका है. इसमें से भी मात्र 201 आवेदनों का निबटारा समय पर हुआ है. विभिन्न कारणों से दाखिल-खारिज के आठ हजार नौ सौ 57 आवेदन रद्द कर दिये गये थे.

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