पटना : राज्य भर में आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन हो, इसके लिए जाे व्यक्ति अपनी जमीन सरकार को देगा, उसके परिवार या उसके नाम पर केंद्र खोला जायेगा. समाज कल्याण विभाग ने इस संबंध में नीतिगत निर्णय लिया है.
इससे जल्द -से -जल्द भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना स्थायी दफ्तर हो सकेगा. जिन केंद्रों का भवन सरकारी स्थलों पर चल रहा है, उनका ऑडिट सीडीपीओ के स्तर से किया जायेगा. इसमें भवन की कमियां आंकी जायेंगी.
जांच रिपोर्ट के बाद वित्त विभाग से राशि आवंटन के लिए मांग की जायेगी. समाज कल्याण विभाग के मंत्री रामसेवक सिंह ने इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेंटरों का अपना भवन हो, इसके लिए जमीन देने वालों के नाम पर उस सेंटर को चिह्नित किया जायेगा. पुराने सरकारी भवनों में चलने वाले सेंटरों का ऑडिट भी होगा, ताकि वहां आने वाले बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में रहें. गांव में जमीन खोजने में सेविका से सहायता लें. जमीन चयन के बाद अंचलाधिकारी जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगे. विभाग ने लक्ष्य रखा है कि इस वर्ष अधिक से अधिक सेंटरों का अपना भवन मिल सके.
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति
अपना भवन : 26,097
किराये में चल रहे भवन: 80 हजार
स्कूलों में चल रहे भवन: 4010
मनरेगा में निर्माण होना है : 2000