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पटना : स्वीकृति के इंतजार में रुकी दो हजार से अधिक योजनाएं
पटना : नगर निगम के हर वार्ड में नाली-गली पक्कीकरण व जलापूर्ति की योजनाएं चिह्नित कर इसे मार्च, 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया. निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप योजनाएं पूरी हो, इसको लेकर अंचल स्तर पर टेंडर के जरिये एजेंसियों का चयन किया गया. लेकिन, प्रशासनिक स्वीकृति के इंतजार में चयनित एजेंसियां काम […]
पटना : नगर निगम के हर वार्ड में नाली-गली पक्कीकरण व जलापूर्ति की योजनाएं चिह्नित कर इसे मार्च, 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया. निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप योजनाएं पूरी हो, इसको लेकर अंचल स्तर पर टेंडर के जरिये एजेंसियों का चयन किया गया. लेकिन, प्रशासनिक स्वीकृति के इंतजार में चयनित एजेंसियां काम शुरू नहीं कर रही है. इससे नाली-गली के दो हजार व जलापूर्ति के करीब 200 योजनाएं लंबित हैं. मुख्यमंत्री सोमवार को नगर निगम की इन योजनाओं की भी ज्ञान भवन में समीक्षा करेंगे.
राशि के अभाव में नहीं दी जा रही प्रशासनिक स्वीकृति
नगर निगम में वार्डों की संख्या 75 है. इन वार्डों में 300 करोड़ खर्च कर साढ़े तीन हजार नाली-गली की योजनाएं पूरी करनी है. इसकी राशि नगर आवास विकास विभाग से मांगी गयी, जिसमें निगम को सिर्फ 40 करोड़ ही आवंटित की गयी है. स्थिति यह है कि नाली-गली व जलापूर्ति मद में राशि नहीं होने की वजह से अंचल से लेकर नगर आयुक्त स्तर पर प्रशासनिक स्वीकृति देने का काम रुका हुआ है.
काम ठप
कच्ची नाली-गली व जलापूर्ति की शत-प्रतिशत योजनाएं बना दी गयी थी. इनको छह से आठ माह में पूरा करना था. लेकिन, प्रशासनिक अनदेखी से विभाग से मिलने वाली राशि रुकी है, जिससे योजनाओं पर काम नहीं हो रहा है.
सीता साहू, मेयर, पटना
रुका है पाइप लाइन विस्तार का काम
वार्ड संख्या-42 में पाइप लाइन बदले, वार्ड संख्या-42, 21 व 61 में पाइप लाइन बिछाने की योजनाएं नवंबर, 2018 में बनायी गयी. इन योजनाओं को 2.36 करोड़ की लागत से पूरी करनी है. इसको लेकर जनवरी, 2019 में एजेंसी का चयन किया गया और जनवरी में ही जलापूर्ति शाखा के कार्यपालक पदाधिकारी ने मुख्य नगर अभियंता से योजना की प्रशासनिक स्वीकृति व राशि की डिमांड की. लेकिन, 12 महीने बीत जाने के बाद भी राशि आवंटित नहीं की गयी है और न ही प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. स्थिति यह है कि काम रुका हुआ है.
150 रेन हार्वेस्टिंग का होना है निर्माण, शुरू हो चुका है कार्य
अथमलगोला, बख्तियारपुर, धनरुआ, दानापुर, दुल्हिन बाजार, मनेर, मसौढ़ी, फुलवारी शरीफ, पुनपुन और संपतचक में रेन हार्वेस्टिंग का निर्माण होना है. कुल 150 रेन हार्वेस्टिंग का निर्माण होना है. इसमें सबसे ज्यादा 25 जगह मनेर में तय हुआ है. जबकि बख्तियारपुर में 20 रेन हार्वेस्टिंग बनना है. इससे बारिश के दौरान मकान की छत पर इकट्ठा होने वाले जल का संचय और सही उपयोग हो सकेगा.
80,000 पौधरोपण की है तैयारी
जिले के सभी पंचायतों में पौधरोपण बड़े पैमाने पर होना है. गांव को हरा-भरा बनाने के लिए यह प्लानिंग की गयी है. इसके तहत कुल 80,000 हजार पौध रोपण होना है. प्रत्येक पंचायतों में पौधरोपण होना है.
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