पटना : अनिसाबाद-एम्स के बीच ट्रैफिक समस्या से जूझ रहे लोगों को निजात दिलाने के लिए लगभग सात किमी एलिवेटेड रोड बनाने का निर्णय लिया गया. प्रक्रिया शुरू हुए छह माह से अधिक बीतने के बावजूद एलिवेटेड रोड बनाने के लिए डीपीआर तैयार करनेवाली कंसल्टेंट कंपनी का चयन नहीं हो सका है. छह माह पहले ही टेंडर निकला था. कंपनी शामिल भी हुईं. अब तक टेक्निकल बिड नहीं खुली है. इसके खुलने के बाद ही फिनांसियल बिड खुलेगी. तब कंपनी चुनी जायेगी.
छह माह से मामला लंबित
पथ निर्माण विभाग के एनएच विंग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जिन इंजीनियरों को जिम्मेदारी मिली, उनका दूसरे विभाग में ट्रांसफर हो गया. अब आइडी पासवर्ड की वजह से मामला लंबित है. इसे चेंज करने के लिए सड़क मंत्रालय, भारत सरकार को लिखा गया है. वहां से सहमति मिलने के बाद
दूसरे अधिकारी का आइडी पासवर्ड मिलने के बाद ही आगे का प्रोसेस शुरू होगा.
अनिसाबाद-एम्स रोड
अनिसाबाद से एम्स के बीच ट्रैफिक जाम से लोग
काफी परेशान रहते हैं. एनएच 98 होने से भारी वाहनों का परिचालन इस सड़क से होता है. अनिसाबाद से एम्स के बीच लगभग सात किलोमीटर दूरी पार करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. यहां तक कि मरीजों को एम्स पहुंचानेवाली एंबुलेंस को भी जाम का सामना करना पड़ता है. जाम से निजात दिलाने के लिए टू लेन से उसे फोर लेन बनाया गया है. फुलवारी
चौक से लेकर एम्स तक कंक्रीट का फोर लेन बना कर उसका चौड़ीकरण हुआ है. इसके बावजूद जाम की समस्या रहती है.