पटना : बारिश से पहले छोटे-बड़े शत प्रतिशत नालों की उड़ाही की जाती है. लेकिन, इस वर्ष नाला उड़ाही में बड़े पैमाने पर कोताही की गयी है. अंचल में वार्डों की संख्या 11 है और किसी वार्ड में 30 से 40 प्रतिशत से अधिक नाले की उड़ाही नहीं की गयी. वहीं, 28 सितंबर की रात्रि से झमाझम बारिश शुरू हुई, तो योगीपुर व एनबीसीसी संप चालू होना चाहिए थे. लेकिन, दोनों संप बंद थे और अगले तीन दिनों तक संप बंद रहे. इससे कंकड़बाग अंचल में जलजमाव की भयावह स्थिति बन गयी. ये बातें मंगलवार को अंचल क्षेत्र के पार्षदों ने योगीपुर संप हाउस पहुंचे जलजमाव के कारणों की जांच के लिए गठित हाइ लेवल कमेटी के समक्ष कहा.
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उच्चस्तरीय कमेटी ने की जांच, नाला उड़ाही में कोताही, बारिश में बंद था संप हाउस
पटना : बारिश से पहले छोटे-बड़े शत प्रतिशत नालों की उड़ाही की जाती है. लेकिन, इस वर्ष नाला उड़ाही में बड़े पैमाने पर कोताही की गयी है. अंचल में वार्डों की संख्या 11 है और किसी वार्ड में 30 से 40 प्रतिशत से अधिक नाले की उड़ाही नहीं की गयी. वहीं, 28 सितंबर की रात्रि […]
टीवी टावर संप भी चार-पांच दिनों तक रहा बंद
विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा व आइएएस एस सिद्धार्थ योगीपुर संप हाउस पहुंचे. कमेटी के समक्ष वार्ड संख्या-46 के पार्षद पूनम शर्मा ने कहा कि वार्ड में सिर्फ 30 प्रतिशत नाले की उड़ाही की गयी है.
बारिश खत्म होने के पांच दिनों बाद तक टीवी टावर संप हाउस बंद था. पार्षद के बात को स्वीकार करते हुए एस सिद्धार्थ ने कहा कि बात बिल्कुल सही है और मेरे आने के बाद कोल इंडिया से मंगवाये गये डी-वाटरिंग मशीन लगायी गयी, तो एक दिन में पानी निकल गया.
नहीं हुई एक भी बैठक, शिकायत करने पर अभद्र व्यवहार
हाइ लेवल कमेटी के समक्ष वार्ड पार्षद माला सिन्हा, पिंकी यादव, कुमार संजीत, पूनम शर्मा, शीला देवी के प्रतिनिधि आदि ने कहा कि कार्यपालक पदाधिकारी की अध्यक्षता में पार्षदों की बैठक होती थी. ताकि, बेहतर उड़ाही की जा सके. लेकिन, इस वर्ष बार-बार कहने पर भी तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बैठक नहीं बुलायी. नाला उड़ाही के दौरान आवश्यकता के अनुसार मजदूर नहीं होने की शिकायत कार्यपालक पदाधिकारी करते, तो अभद्र व्यवहार किया गया. इसका परिणाम हम सबके सामने दिखा.
बादशाही व न्यू बाइपास नाले की भी नहीं हुई उड़ाही
विकास आयुक्त कंकड़बाग अंचल के नालों के नक्शा लेकर पहुंचे थे. नक्शा के अनुसार अशोक नगर जीरो प्वाइंट संप से योगीपुर संप हाउस नाला, योगीपुर संप के ट्रक चैनल, न्यू बाइपास नाला और बादशाही नाला से संबंधित पार्षदों से कई सवाल किये. पार्षदों ने कहा कि बादशाही पइन व न्यू बाइपास नाला की उड़ाही भी शत प्रतिशत नहीं की गयी. वहीं, बादशाही पइन पर बड़ी संख्या में अतिक्रमणकारियों का कब्जा है, जिससे पइन की चौड़ाई काफी कम हो गयी है.
समय रहते नहीं किया गया ध्वस्त नाले को दुरुस्त
वार्ड संख्या 33 के पार्षद प्रतिनिधि ने कहा कि जलजमाव का एक बड़ा कारण ध्वस्त नाले को समय रहते दुरुस्त नहीं करना भी है. दर्जनों नाले हैं, जो ध्वस्त है या फिर एक-दूसरे से कनेक्ट नहीं है. इसको लेकर योजना बना कर दी गयी, जिसका क्रियान्वयन नहीं हुआ. वहीं, वार्ड-32 के पार्षद पिंकी यादव ने कहा कि न्यू बाइपास के दक्षिण दो वर्षों से सिर्फ योजना बना कर दे रही हूं. लेकिन, योजनाएं पूरी नहीं हो रही है. इस पर विकास आयुक्त ने कहा कि योजना का डिटेल्स इ-मेल के जरिये भेज दे.
कमेटी ने इ-मेल पर मांगे सुझाव
कमेटी ने वार्ड पार्षदों व आमलोगों से जलजमाव से संबंधित सुझाव मांगा है. विकास आयुक्त ने कहा कि जलजमाव के कारण, स्थायी निदान के शॉट टर्म व लॉग टर्म योजनाओं से संबंधित सुझाव दे सकते हैं. इसको लेकर इ-मेल patnawater2019@gmail.com जारी किया गया है.
एक-एक नाले का किया स्थल निरीक्षण
हाइ लेवल कमेटी ने पार्षदों व आमलोगों से फीडबैक लेने के बाद एनबीसीसी व योगीपुर संप हाउस और ट्रक चैनल नाले का निरीक्षण किया. ट्रक चैनल नाले के ऊपर बनी सड़क से संबंधित सवाल किया, तो संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इसके बाद न्यू बाइपास नाला, नंदलाल छपरा, बादशाही पइन व जीरो प्वाइंट संप हाउस का निरीक्षण किया. इस दौरान पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी पूनम कुमारी व वर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी शैलेश कुमार व अन्य उपस्थित थे.
तीन दिनों का दावा हुआ फेल
पटना . नगर विकास व आवास विभाग की ओर से गठित टीम पूरे शहर व अासपास क्षेत्रों से जलजमाव निकालने में अब तक असफल रही है. विभाग के सचिव से निर्देश पर निगम की ओर से गठित टीम ने तीन दिनों में जल निकासी का काम नहीं कर पायी है. अभी भी दर्जनों क्षेत्र में जल जमाव की समस्या बनी हुई है.
कई जगहों पर ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से कारण पानी अभी भी जमा है. उन्हीं बातों का ध्यान में रखकर विभाग के निर्देश पर एक बार फिर से कमेटी के कार्य अवधि में विस्तार किया गया है. नगर निगम ने विभाग के निर्देश के आलोक में कमेटी को फिर अगले तीन दिनों का समय दिया है. वहीं विभाग के वरीय अधिकारियों के अनुसार अगले तीन दिनों में भी जल निकासी की समस्या खत्म होने की संभावना कम है.
कई जगहों पर नाला व ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के कारण पानी नहीं निकल रहा है. कई जगह जल्ला क्षेत्र होने के कारण समस्या हो रही है. ऐसे में इसकी संभावना है कि अगले तीन दिन से अधिक समय लग जाये. गौरतलब है कि नगर निगम में पांच जोन बनाकर 17 टीम का गठन किया गया था. प्रत्येक टीम में तीन कर्मियों की तैनाती हुई है.
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