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बिहार में बारिश से मरने वालों की संख्या बढ़कर 73 हुई

पटना : बिहार में तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण गुरुवार को भी जनजीवन अस्तव्यस्त रहा और वर्षा के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 73 हो गयी वहीं नौ लोग घायल हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्षा से जुड़ी घटनाओं के कारण एवं बाढ़ में डूबने से […]

पटना : बिहार में तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण गुरुवार को भी जनजीवन अस्तव्यस्त रहा और वर्षा के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 73 हो गयी वहीं नौ लोग घायल हुए हैं.

आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्षा से जुड़ी घटनाओं के कारण एवं बाढ़ में डूबने से 73 लोगों की मौत हो गयी. 27 सितम्बर से 30 सितम्बर तक राज्य में अप्रत्याशित वर्षा होने एवं नदियों के जल स्तर में वृद्धि से पटना, भोजपुर, भागलपुर, नवादा, नालन्दा सहित प्रदेश के 14 जिलों में 85 प्रखण्ड के 477 पंचायतों के 1179 गांव में 18.70 लाख आबादी प्रभावित हुई है.

बाढ़ पीड़ितों के लिए 56 राहत शिविर एवं 366 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. लोगों की मदद के लिए कुल 979 सरकारी एवं निजी नावों का संचालन किया जा रहा है. इन जिलों में बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों के राहत एवं बचाव कार्यों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कुल 21 टीमों को लगाया गया है. इनमें गुवाहाटी से बुलायी गयी एनडीआरएफ की अतिरिक्त चार टीमें शामिल हैं.

पटना शहर के जल-जमाव वाले क्षत्रों में जिला प्रशासन द्वारा पेयजल, भोजन के पैकेट एवं दूध का वितरण भी किया जा रहा है तथा दो स्थानों पर निःशुल्क सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है. पटना जिला प्रशासन द्वारा अबतक 171298 पानी की बोतलें, 56000 पानी पाउच, 21500 दूध पैकेट एवं 33631 भोजन पैकेट का वितरण किया जा चुका है.

पटना के जल-जमाव वाले क्षेत्रों में से राजेन्द्र नगर एवं पाटलीपुत्र कॉलोनी के कुछ क्षेत्रों से कल तक जल निकासी की संभावना है. पटना के जल-जमाव क्षेत्रों में साफ-सफाई, फॉगिंग एवं ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव तथा हैलोजन टैबलेट के वितरण के लिए पटना नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की 75-75 टीमें कार्य कर रही हैं.

भारी बारिश के कारण पटना शहर में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न होने के कारण कुछ क्षेत्रों में बिजली सबस्टेशनों में पानी घुसने से विद्युत आपूर्ति अवरूद्ध हो गयी थी, जिसे चालू कर दिया गया है. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों कंकडबाग, राजेंद्रनगर और पाटलिपुत्र में बैंक, दुकानें, निजी अस्पताल और कोचिंग संस्थान एक हफ्ते से बंद हैं.

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद रामकृपाल यादव बुधवार की रात जलजमाव क्षेत्र के भ्रमण के दौरान पुनपुन नदी में गिर गए थे. उन्होंने गुरुवार को जिला प्रशासन पर अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.

गुरुवार को को शाम में पुनपुन-परसा बाजार के मध्य ब्रिज संख्या 21 पर बाढ़ का पानी आ जाने के कारण गाड़ियों का परिचालन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. वेना-बिहारशरीफ रेलखंड में बाढ़ का पानी आ जाने से रेल परिचालन बाधित हुआ है. पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि पुनपुन-परसा बाजार तथा वेना-बिहारशरीफ रेलखंड में बाढ़ का पानी आ जाने से छह ट्रेनों को निरस्त किया गया है.

पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि पुनपुन नदी से प्रभावित क्षेत्रों में टीम भेजी गयी है. इस बीच समस्तीपुर से पटना आयी छोटी बच्ची सौम्या सिद्धि ने अपना गुल्लक फोड़ कर 11, 000 रुपये पटना के जलजमाव पीड़ितों की मदद के लिए दिया है.

मधेपुरा से सांसद रहे जनअधिकार पार्टी के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सिद्धि के बारे में ट्वीट कर कहा कि इस बेटी ने सिद्ध कर दिया कि सिर्फ श्रेय लूटने वाले पटना-दिल्ली के हुक्मरान तुम्हारे सामने बौने हैं.

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर प्रहार करते हुए पप्पू यादव ने ट्वीट किया, इतने बेहरम कैसे हो गए डिप्टी सीएम सुशील मोदी जी? आपके पड़ोसियों का भी उतना ही शासन-प्रशासन, राज्य के संसाधन पर हक है, जितना आपका. आपने उन सबको मरने के लिए क्यों छोड़ दिया?.

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