पटना : चक्रवाती सिस्टम सोमवार को मानसून को पूर्वी बिहार में पूरी तरह शिफ्ट कर देगा. पूर्वी बिहार के सभी जिलों मसलन सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर, बांका,भागलपुर और कटिहार में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है. पटना सहित समूचे मध्य बिहार में बारिश काफी कम हो जाने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है.
आइएमडी पटना ने पूर्वी बिहार के सभी डीएम को औपचारिक तौर पर और सेल फोन पर अवगत करा दिया है. इधर रविवार को दिन में पूरे प्रदेश में करीब 90 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. 29 सितंबर तक प्रदेश में 989.4 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी है. यह सामान्य बारिश 1013.3 मिलीमीटर से केवल 2 फीसदी कम है. जानकारी के मुताबिक रविवार को सुबह से शाम तक 39 स्थानों पर सौ मिलीमीटर से अधिक और 12 जगहों पर 92 से 99 मिलीमीटर के बीच बारिश हुई है.
प्रदेश में भारी बारिश : प्रदेश में भारी बारिश 22 जिलों के 39 स्थानों पर दर्ज की गयी. उदाहरण के लिए समस्तीपुर जिले के राेसड़ा में 290 मिलीमीटर,हसनपुर में 165 और मोरवा ताजपुर में 92.2 मिलीमीटर, भागलपुर जिले के बिहपुर में 208 मिलीमीटर, भागलपुर में 124.1, सबोर में 101.5 मिलीमीटर , भोजपुर जिले में 205.4 और बरहरा में 80 मिलीमीटर , सुपोल जिले के बसुआ में 199.2, बेगूसराय के चेरिया में 145, कोडवन पुर में 123, पटना जिले में एयरपोर्ट पर 151.9 मिलीमीटर, श्रीपालपुर में 124 मिलीमीटर,बाढ़ में 108, बिहटा में 102 मिलीमीटर, मधुबनी जिले में झांझरपुर 140 मिलीमीटर से अधिक, खगड़िया जिले में 140,परबत्ता में 121 मिलीमीटर, बांका जिले के कटोरिया में 132 मिलीमीटर से अधिक बारिश रिकार्ड की गयी.
मानसून की विदाई 60 साल में सबसे लेट
आइएमडी पटना के मुताबिक पिछले 60 साल में इस बार मानसून की विदाई सबसे देरी से होगी. पिछले छह दशक का आंकड़ा बताता है कि बिहार में मानसून एक अक्तूबर तक विदा हो जाता था. इस बार इसकी विदाई अक्तूबर दूसरे के सप्ताह तक जा सकती है. हालांकि सितंबर उत्तरार्ध में हुई इस बारिश से रबी की फसल को अच्छा खासा फायदा हो सकता है.