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पटना : कैबिनेट से 30 करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव ही पास होंगे
पटना : राज्य सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने के लिए नयी स्कीमों को स्वीकृति देने से संबंधित रूपरेखा तय कर दी है. अब सभी योजनाएं कैबिनेट के स्तर से पास नहीं होंगी. बल्कि 30 करोड़ से ज्यादा की जो योजनाएं होगी, सिर्फ उन पर ही मंत्रिपरिषद से स्वीकृति लेने की आवश्यकता पड़ेगी. […]
पटना : राज्य सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने के लिए नयी स्कीमों को स्वीकृति देने से संबंधित रूपरेखा तय कर दी है. अब सभी योजनाएं कैबिनेट के स्तर से पास नहीं होंगी.
बल्कि 30 करोड़ से ज्यादा की जो योजनाएं होगी, सिर्फ उन पर ही मंत्रिपरिषद से स्वीकृति लेने की आवश्यकता पड़ेगी. इन योजनाओं की समीक्षा पहले लोक वित्त समिति करेगी. इसके बाद ये योजनाएं कैबिनेट में भेजी जायेगी. इससे कम की योजनाओं की स्वीकृति इसके नीचे के स्तर पर बनायी गयी कमेटी से ही दे दी जायेगी. इन योजनाओं की स्वीकृति के साथ समीक्षा का अधिकारी भी संबंधित प्राधिकार या कमेटी को दे दिया गया है.
वित्त विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस मामले में सभी विभागों को निर्देश जारी करते हुए सभी विभागों को पत्र जारी कर दिया है. इसके अलावा 15 से 30 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति विभागीय मंत्री या वित्त मंत्री के स्तर पर मिलेगी और इसकी समीक्षा विभागीय स्थायी वित्त समिति के स्तर पर होगी. 5 से 15 करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति विभागीय मंत्री तथा इनकी समीक्षा विभागीय स्थायी वित्त समिति करेगी. पांच करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति विभागीय सचिव के स्तर से ही ले लिया जायेगा और इसकी समीक्षा प्रशासी विभाग कर लेगा.
योजनाओं की राशि की स्वीकृति के लिए एक फॉरमेट भी जारी किया गया है, जिसमें भरकर योजनाओं की रूपरेखा तैयार करनी है. योजनाओं का इस तरह से वर्गीकरण कर उनकी स्वीकृति और खर्च की अनुमति दिलाने का मुख्य मकसद योजनाओं में तेजी लाना है. ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से हो सके. योजनाओं को स्वीकृत होने में ही काफी समय लग जाने से समय पर ये शुरू नहीं हो पाती हैं. अब यह समस्या समाप्त हो जायेगी.
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