पटना : राज्य में इस साल बाढ़ से क्षतिग्रस्त करीब तीन हजार किमी ग्रामीण सड़कों के मरम्मत की जांच होगी. ग्रामीण कार्य विभाग ने इसकी जिम्मेदारी विभाग के सभी एग्जिक्यूिटव इंजीनियरों को दी है. साथ ही उनसे 15 दिनों में जांच रिपोर्ट मांगी है.
दरअसल जिस समय इन सड़कों का निर्माण हुआ था, उसी समय नयी नीति के तहत इनके रखरखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी भी कांट्रैक्टर को ही दे दी गयी थी. ऐसे में इन सड़कों के बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने के बाद इनकी मरम्मत का काम भी इन्हें बनाने वाले कांट्रैक्टर ने ही किया. सूत्रों का कहना है कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़कों का मरम्मत कर इस पर यातायात शुरू कर दिया गया, लेकिन सड़कों की बदहाल स्थिति की लगातार शिकायतें विभागीय अधिकारियों को मिल रही थीं. इसमें कांट्रैक्टर पर आरोप लगाया जा रहा था कि उन्होंने सड़कों की मरम्मत पर कम पैसे खर्च किये. ऐसे में ठीक से मरम्मत नहीं की गयी.
इस कारण ये सड़कें कुछ ही दिनों में फिर से बदहाल होने लगी हैं. इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग ने इन सड़कों में की गयी मरम्मत की जांच कराने का निर्णय लिया है. साथ ही विभाग के सचिव विनय कुमार ने विभाग के सभी सुपरिटेंडिंग इंजीनियरों को पत्र लिखकर जांच टीम का गठन करने का निर्देश दिया है. यह जांच टीम एग्जिक्यूिटव इंजीनियरों के नेतृत्व में बनायी जायेगी.इनसे रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग सड़कों में मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेगा.