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पटना : इस साल बिना प्रोन्नति पाये रिटायर्ड हो जायेंगे दर्जनों प्रशाखा पदाधिकारी

बिहार सचिवालय सेवा के कर्मियों की प्रोन्नति नहीं होने से अवर सचिव, उपसचिव और निदेशक के पद पड़े खाली पटना : राज्य सचिवालय के सभी विभागों में सालों से काम कर रहे दर्जनों प्रशाखा पदाधिकारी बिना प्रोन्नति पाये ही इस साल रिटायर्ड हो जायेंगे. पिछले वर्ष भी प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण 70 से ज्यादा […]

बिहार सचिवालय सेवा के कर्मियों की प्रोन्नति नहीं होने से अवर सचिव, उपसचिव और निदेशक के पद पड़े खाली
पटना : राज्य सचिवालय के सभी विभागों में सालों से काम कर रहे दर्जनों प्रशाखा पदाधिकारी बिना प्रोन्नति पाये ही इस साल रिटायर्ड हो जायेंगे. पिछले वर्ष भी प्रोन्नति नहीं मिलने के कारण 70 से ज्यादा प्रशाखा पदाधिकारी रिटायर्ड हो गये थे. इस वर्ष भी 50 से ज्यादा पदाधिकारी रिटायर्ड हो जायेंगे.
इसमें कुछ ऐसे पदाधिकारी भी हैं, जिन्हें अगर प्रोन्नति मिलती जाती तो वे उप सचिव तक पहुंच जाते, लेकिन बिना पद का लाभ लिये ही वे रिटायर्ड हो रहे हैं. इन पदाधिकारियों के पास तमाम योग्यता और अर्हता होने के बाद भी सिर्फ सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर पर नियम नहीं बनाने तथा इनके संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लेने के कारण इनकी प्रोन्नति पिछले तीन-चार साल से अटकी हुई है. सिर्फ इस पद की ही नहीं विभागीय उदासीनता के कारण बिहार सचिवालय सेवा के पूरे कैडर की प्रोन्नति ही अटकी हुई है.
प्रशाखा पदाधिकारी के अलावा इस सेवा के कर्मियों की प्रोन्नति से भरे जाने वाले अवर सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर के पद पर भी पदाधिकारी बड़ी संख्या में रिटायर्ड होते जा रहे हैं और ये खाली पड़े हैं. इसी बीच राज्य सरकार ने बिहार सचिवालय सेवा (बीएसएस) का कैडर रिव्यू करते हुए पदों की संख्या भी बढ़ा दी. बावजूद इसके इस मामले को हल नहीं किया गया.
प्रोन्नति में यह सबसे बड़ी समस्या
बिहार सचिवालय सेवा कैडर के सहायक स्तर के कर्मियों के बीच राज्य सरकार ने 2010 के आसपास एक सीमित प्रतियोगिता या आंतरिक परीक्षा का आयोजन किया था. इसमें सफल होने वाले 114 कर्मियों को सीधे प्रशाखा पदाधिकारी (एसओ) बनाने की बात थी. विभाग के स्तर पर नियम नहीं बनने के कारण इन्हें बहाल नहीं किया जा रहा था.
परंतु 2016 में सामान्य प्रशासन विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव सुधीर कुमार राकेश ने इन्हें एसओ के पद पर बिना कोई नियम या इनके लिए अलग सर्विस रूल बनाये सीधे ज्वाइन करवा दिया. इससे सरकार के लिए यह समस्या हो गयी कि इन्हें प्रोन्नति मानी जाये या सीधी नियुक्ति. इस मामले को लेकर अब तक नियम नहीं बनने के कारण कोई फैसला ही नहीं हो पा रहा है कि इन 114 कर्मियों का क्या किया जाये. इससे सभी कर्मियों की प्रोन्नति अटकी हुई है. कुछ कर्मी इस मामले को लेकर हाइकोर्ट भी गये हुए हैं, जहां मामला चल रहा है.
यह है अभी की स्थिति
पद स्वीकृत पद खाली पद
सहायक 3831 1900
एसओ 997 450
अवर सचिव 301 250
उपसचिव 100 90
निदेशक 15 13

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