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दो लाख कुओं को मिलेगा नया जीवन

पटना : राज्य में जल-जीवन व हरियाली अभियान में भू-जल स्तर को बरकरार रखने लिए बड़े पैमाने पर काम होगा. पूरे राज्य में सार्वजनिक कुआें की पहचान कर उसे अतिक्रमण से मुक्त कराया जायेगा. साथ ही नया जीवन भी मिलेगा. राज्य में 27 जिलों में दो लाख से अधिक सार्वजनिक कुंओं की अब तक पहचान […]

पटना : राज्य में जल-जीवन व हरियाली अभियान में भू-जल स्तर को बरकरार रखने लिए बड़े पैमाने पर काम होगा. पूरे राज्य में सार्वजनिक कुआें की पहचान कर उसे अतिक्रमण से मुक्त कराया जायेगा. साथ ही नया जीवन भी मिलेगा. राज्य में 27 जिलों में दो लाख से अधिक सार्वजनिक कुंओं की अब तक पहचान हुई है.

15 अगस्त तक सभी कुआें को नया जीवन मिलेगा. भूजल स्तर बरकरार रहे इसके लिए सोख्ता का भी निर्माण होगा. सभी सार्वजनिक जल संरचनाओं को अतिक्रमण से मुक्त कराने की समय सीमा 31 दिसंबर तय कर दी गयी है.
जल-जीवन व हरियाली अभियान में जल संचयन वाली संरचनाओं जैसे तालाब, आहर, पइन आदि को भी दुरुस्त किया जायेगा. इन संरचनाओं का भी अतिक्रमण हुआ है. सभी को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा. अबतक करीब 41 हजार तालाब, आहर, पइन को चिह्नित किया गया है.
ग्रामीण इलाकों में दो हेक्टेयर वाले तालाबों को मनरेगा के माध्यम से दुरुस्त किया जायेगा. दो हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले तालाब को लघु जल संसाधन, कृषि व नगर विकास एवं आवास विभाग दुरुस्त करायेगा. आहर -पइनों का जीर्णोद्धार और उड़ाही लघु जल संसाधन और ग्रामीण विकास विभाग को करना है. 30 सितंबर तक ग्रामीण विकास विभाग को यह तय कर देना है कि किस विभाग को कौन काम करना है.
िकस विभाग को कौन काम, होगा तय
इस अभियान में भूजल स्तर को बरकरार रखने के लिए जलस्रोतों कुआं, चापाकल और नलकूप के पास सोख्ता का निर्माण होगा. ग्रामीण इलाकों में सभी सार्वजनिक चापाकल और कुंआ के नजदीक मनरेगा से सोख्ता का निर्माण होगा. मनरेगा से तीन तरह से सोख्ता का निर्माण होगा. 7700 की लागत से एक मीटर लंबा- चौड़ा और गहरा सोख्ता बनेगा.
1.4 मीटर लंबा और चौड़ा तथा 1.2 मीटर गहरा सोख्ता के निर्माण पर 12 हजार खर्च आयेगा. 1.8 मीटर लंबा और चौड़ा तथा 1.4 मीटर गहरा सोख्ता के निर्माण पर 17800 रुपये खर्च आयेगा. सार्वजनिक नलकूपों के पास लघु जल संसाधन और ग्रामीण विकास विभाग सोख्ता का निर्माण करायेगा. अब चापाकल, कुआं और नलकूप का निर्माण होगा तो उसके नजदीक सोख्ता का निर्माण होगा.
…इसके अलावा छोटी- मोटी नदियों, नालों और पहाड़ी क्षेत्रों में जल संचय के लिए चेक डैम का निर्माण होगा. इसका निर्माण भी ग्रामीण विकास, कृषि और लघु जल संसाधन विभाग करायेगा.
जल-जीवन हरियाली
अभियान के तहत जैविक खेती और सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया जायेगा. कृषि विभाग सूखे से प्रभावित होनेवाले जिले में कम सिंचाई वाले फसलों को बढ़ावा देगा . साथ ही जैविक खेती और डीप एरिगेशन के उपयोग के लिए किसानों को जागरूक करेगा. 31 अगस्त तक कृषि विभाग इसका मॉडल विकसित करेगा. इसके अलावा सभी सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा की व्यवस्था होगी.
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
सभी सरकारी भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण होगा. इसके लिए भवन निर्माण विभाग के 3688 भवन को चिह्नित किया है. इसके अलावा शिक्षा विभाग सभी पुराने स्कूल व स्वास्थ्य विभाग सभी पुराने अस्पतालों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण करायेगा. 15 अगस्त, 2020 तक इस काम को पूरा हो जाना है. निजी भवनों को भी रखा जायेगा.
गंगा का पानी
पहुंचेगा गया, नवादा और नालंदा
जल-जीवन व हरियाली अभियान में नये जलस्रोतों का भी निर्माण होगा. जलसंसाधन विभाग को जिम्मेदारी दी गयी है कि गया, नालंदा और नवादा तक गंगा का पानी पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाये.

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