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पटना : नेपाल से तस्करी कर बड़ी संख्या में आ रहे जाली नये नोट
पिछले दो साल में चेकिंग के दौरान आठ लाख रुपये के नकली नोट जब्त किये जा चुके हैं पटना : नोटबंदी लागू होने के बाद नये रंग-रूप के साथ 17 सुरक्षा मानकों वाले नये भारतीय नोट छापने की शुरुआत हुई थी. परंतु अब फिर से बड़ी संख्या में नये भारतीय नोटों की तस्करी सीमा पार […]
पिछले दो साल में चेकिंग के दौरान आठ लाख रुपये के नकली नोट जब्त किये जा चुके हैं
पटना : नोटबंदी लागू होने के बाद नये रंग-रूप के साथ 17 सुरक्षा मानकों वाले नये भारतीय नोट छापने की शुरुआत हुई थी. परंतु अब फिर से बड़ी संख्या में नये भारतीय नोटों की तस्करी सीमा पार से शुरू हो गयी है. ये नकली नोट देखने और परखने में असली नोटों के ज्यादा करीब हैं. बिहार का नेपाल सीमा नोटों की तस्करी का बड़ा रास्ता बना हुआ है.
पिछले दो साल में खुफिया जानकारी के आधार पर डीआरआइ (डायरेक्टेरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की छापेमारी के अलावा एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की चेकिंग में आठ लाख रुपये सीमा के पास से जब्त किये जा चुके हैं. इसमें 100, 500 और दो हजार रुपये के नोट ही सबसे ज्यादा संख्या में हैं. इसमें भी दो हजार के नकली नोटों की तस्करी ज्यादा होती है. हालांकि पिछले तीन महीने के दौरान नकली नोटों की तस्करी से जुड़ा कोई मामला सामने नहीं आया है.
परंतु खुफिया एजेंसी की सूत्रों के अनुसार, तस्करी अब भी जारी है, लेकिन अब ये छोटी-छोटी मात्रा में होने लगी है. इस वजह से इन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल हो गया है. पिछले साल तस्करी के कुछ बड़े मामले पकड़े जाने के बाद तस्कर सतर्क हो गये हैं और इन्होंने अपना ‘मॉडस ऑपरेंडी’ थोड़ा बदल दिया है. सरसरी तौर पर इन नकली नोटों को देखने पर इन्हें पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता है. भारतीय नकली नोटों की छपाई दो स्थान पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा के पास होती है. पाकिस्तान में छपने वाले नोटों की क्वालिटी ज्यादा बेहतर होती है.
इन दोनों स्थानों से नोटों को देश में भेजने का माध्यम नेपाल की खुली सीमा ही है. हालांकि कुछ एक मामले में मालदा के रास्ते ट्रेस से पटना लाने के मामले भी सामने आये हैं, लेकिन इस रूट का उपयोग तस्कर बहुत कम ही करते हैं. नेपाल सीमा पर नकली भारतीय नोटों की संख्या काफी ज्यादा है. पिछले साल नोटबंदी के बाद सबसे बड़ी दो लाख रुपये नकली नोटों की खेप पकड़ी गयी थी. इसके बाद कई छोटे-छोटे खेप पकड़े गये है. इन्हें पकड़ने के लिए खुफिया एजेंसियों को खासतौर से चौकस कर दिया गया है.
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