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पटना में पंचवटी रत्नालय में डकैती मामला : डकैती के बाद अलग-अलग रास्तों से भागे थे डकैत
ऊपर वाली दुकान से घटना के एक दिन पहले का निकाला फुटेज पटना : पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि दीघा-आशियाना राेड में मौजूद पंचवटी रत्नालय ज्वेलरी शॉप में डकैती के बाद बदमाश डकैत एक रास्ते से एक साथ नहीं भागे हैं, बल्कि अलग-अलग रास्ते से भागे हैं. इससे साफ है कि शॉप के […]
ऊपर वाली दुकान से घटना के एक दिन पहले का निकाला फुटेज
पटना : पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि दीघा-आशियाना राेड में मौजूद पंचवटी रत्नालय ज्वेलरी शॉप में डकैती के बाद बदमाश डकैत एक रास्ते से एक साथ नहीं भागे हैं, बल्कि अलग-अलग रास्ते से भागे हैं. इससे साफ है कि शॉप के आगे और पीछे दोनों साइड में बाइक और कार दोनों लगी हुई थी. शॉप से भी दो-दो करके डकैत बाहर निकले हैं. जिससे बाहर किसी को शक नहीं हो कि इतने लोग एक साथ कहां से आ रहे हैं.
संभावना यह भी है कि डकैतों ने आगे जाकर गाड़ी बदल दी है. क्योंकि अब तक दो गाड़ियां लावारिश मिल चुकी हैं. इससे पुलिस समझ नहीं पा रही है कि डकैत फाइनली गये कहां और कहां पर इकट्ठे हुए. लेकिन ज्यादा संभावना है कि राजीवनगर, पाटलपिुत्र होते हुए यह लोग दीघा से जेपी सेतु पकड़ लिये हैं. फिलहाल जांच टीम लगी हुई है.
अब राजीवनगर रोड नंबर-24 से कार बरामद : छानबीन के दौरान पुलिस को शनिवार की शाम राजीवनगर रोड नंबर- 24 से एक और लावारिस गाड़ी मिली है. यह गाड़ी आई-20 कार है.
गाड़ी का नंबर बीआर01-एटी 8356 है और यह राजीव रंजन के नाम से रजिस्टर्ड है. इसका रजिस्ट्रेशन पटना के जिला परिवहन कार्यालय से है. इस गाड़ी के बारे में स्थानीय लोगों ने पुलिस को जानकारी दी थी. इसके बाद पुलिस गाड़ी को थाने लेकर आयी है. अब दोनों गाड़ियों के बारे में छानबीन की जा रही है. दरअसल शनिवार की सुबह ही राजीव नगर नाले के किनारे से एक अपाची बाइक भी बरामद की गयी थी.
बेऊर जेल में बंद गोल्ड लूट करने वाले गैंग के सरगना सुबोध से सीआइडी ने की लंबी पूछताछ
पुलिस को सुबोध से गोल्ड लूट मामले में कुछ खास सुराग नहीं मिला
आसनासोल से 15 दिन पहले बेऊर जेल शिफ्ट किये गये गोल्ड लुटेरा सुबोध से सीआइडी और एसटीएफ ने पूछताछ किया है. दोनों टीमों ने सुबोध से सुराग लिया है. दरअसल नालंदा का रहने वाला सुबोध रुपसपुर में गिरफ्तार हुआ था. इसके खिलाफ कांड संख्या 18/18 दर्ज हुआ था.
तभी से वह जेल में है. पटना से उसे जयपुर जेल फिर कोलकाता, भुवनेश्वर जेल ले जाया गया था. कुछ दिन पहले से आशनसोल जेल ले जाया गया था अब उसे पटना के बेऊर जेल में शिफ्ट किया गया है. इसके अलावा जेल में बंद अन्य लुटेरों से भी पूछताछ किया गया है जो लूट की घटना को अंजाम देते हैं. खासकरके जिनका कनेक्शन गोल्ड लूट से है. लेकिन पुलिस को यहां से अभी तक कुछ खास सुराग नहीं मिला है.
पटना पुलिस ने कुछ संदिग्धों की फोटो को निकाला है. कुछ फोटो एलबम से हैं तो कुछ नामचीन अपराधियों के. ऐसे ही कुछ फोटो को लेकर पटना पुलिस ने ज्वेलरी शॉप पर गयी थी. वहां पर ज्वेलरी शॉप के मालिक के बेटे को फोटो दिखायी गयी है. दुकान के अन्य कर्मचारियों से भी फोटो की पहचान करायी गयी है. पुलिस की छानबीन जारी है.
सफेद शर्ट पहना हुआ एक संदिग्ध दिखा
साइबर सेल की टीम भी इस घटना की जांच में लगी हुई है. रविवार की दोपहर साइबर सेल के लोग ज्वेलरी शॉप पर पहुंचे थे. शॉप के ऊपर मौजूद दुकान से घटना के एक दिन पहले का सीसीटीवी फुटेज निकाला गया है.
पुलिस यह देखने का प्रयास कर रही है कि घटना से एक दिन ऊपर वाली दुकान में दिन भर कौन आया और गया. क्योंकि घटना के दिन रोड की तरफ लगाया गया कैमरा खराब था. अब इसे संयोग कहें या साजिश. एक दिन पहले कैमरा ठीक है और दूसरे दिन खराब है.
डकैतों ने नीचे वाली दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को डकैत ले गये लेकिन ऊपर वाली दुकान के कैमरे काे नहीं टच किया. ऐसे तमाम सवाल हैं, जिसके जवाब पुलिस तलाश रही है. पुलिस दुकान में काम करने वाले लोगों को भी शक के दायरे में ले रखी है. सूत्रों कि मानें तो लगातार खंगाले जा रहे सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध दिखा है जो सफेद र्शट पहने हुआ था.
पटना : पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के पदाधिकारी रविवार को एसएसपी गरिमा मल्लिक से मिले और उन्हें पंचवटी रत्नालय के यहां शुक्रवार को हुई भीषण डकैती समेत हाल के दिनों में हुए ज्वेलरी लूट के कई मामलों का विवरण सौंपा.
एसएसपी ने पिछले 6 माह की प्रत्येक घटनाओं के हर पहलू को गंभीरता से सुनते हुए जल्द ही नतीजे निकलने का आश्वासन दिया. साथ ही, जल्द ही ज्वेलर्स के साथ बैठक कर सुरक्षा संबंधी पहलुओं की समीक्षा एवं उन्हें दुरस्त करने की बात भी कही. मीटिंग में पीड़ित दुकानदार भी साथ थे.
प्रभात खबर के खुलासे पर मोहर, बाइक का भी हुआ था इस्तेमाल
शॉप में डकैती की घटना के अगले दिन पुलिस ने राजीवनगर नाले के पास से एक अपाची बाइक बरामद की थी. जिसका नंबर बीआर 01- डीडब्ल्यू 2475 है.
हालांकि यह नंबर रॉयल इनफिल्ड बुलेट का है और यह चोरी की बाइक है. यहां बता दें कि 23 जून की अंक में प्रभात खबर ने पेज नंबर दो पर ‘ डकैती के बाद एक किलोमीटर दूर नाले के किनारे लाइनर ने छोड़ी सफेद रंग की अपाची बाइक, बुलेट का है नंंबर प्लेट’ शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था.
इसके बाद जांच में पुलिस को पता चला है कि बाइक का इस्तेमाल हुआ है. अब राजीवनगर थाने में ही बाइक को खड़ी कर उसके नंबर प्लेट पर प्लास्टिक लगा दिया गया है. डीआइजी राजेश कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि इसी अपाची का इस्तेमाल हुआ है. पुलिस छानबीन में लगी हुई है.
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