पटना : राज्य में अवैध परिचालित वाहनों की जांच के लिए सिपाहियों का टोटा नहीं होगा. परिवहन विभाग अपने सिपाहियों से वाहनों की जांच करायेगा. इसके लिए विभाग में 465 चलंत सिपाहियों की जल्द बहाली होगी.
इसके लिए विभाग 15 दिनों में केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही बहाली) को अधियाचना भेज देगा. इसके बाद चयन पर्षद बहाली की प्रक्रिया शुरू करेगा. चलंत सिपाही बहाली में वही नॉर्म्स का पालन होगा, जो बिहार पुलिस की सिपाही बहाली में पालन होता है.
कैबिनेट से 31 मई को मंजूरी मिलने के बाद परिवहन विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. इसके साथ ही विभाग में परिवहन हवलदार के 48 पद और प्रवर्तन सहायक अवर निरीक्षक के 48 पदों का सृजन किया गया है, जिन्हें प्रोन्नति से भरा जायेगा. कैबिनेट ने इसकी भी स्वीकृति दी है.
बहाली से ये होंगे लाभ
परिवहन विभाग का अपना चलंत सिपाही दस्ता होगा, जो अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के साथ ही ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने व जनता से जुड़ी सेवाओं को चाक-चौबंद करने के लिए काम करेगा.
परिवहन विभाग के अफसरों को टैक्स वसूली में भी यह टीम मदद करेगी. इससे विभाग के अधिकारी व कर्मचारी नेशनल हाइवे सहित अन्य जगहों पर वाहन चेकिंग मुस्तैदी से कर पायेंगे. परिवहन विभाग काे अभी होमगार्ड के जवानों पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
सरकार से मिल गयी है अनुमति
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभाग में 465 चलंत सिपाहियों की बहाली के लिए सरकार से अनुमति मिल गयी है. विभाग 15 दिनों में केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही बहाली) को अधियाचना भेज देगा. इसके बाद चयन पर्षद प्रक्रिया शुरू करेगा.