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पटना : राहुल गांधी पर मोदी ने दर्ज कराया मानहानि का केस, जानें क्‍या है पूरा मामला

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर मानहानि का परिवाद दाखिल कराया है. यह परिवाद उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने गुरुवार को पटना के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार गुंजन की अदालत में दाखिल किया. अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि तय […]

पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर मानहानि का परिवाद दाखिल कराया है. यह परिवाद उनकी ओर से उनके अधिवक्ता ने गुरुवार को पटना के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमार गुंजन की अदालत में दाखिल किया.

अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि तय की है. मोदी ने अपने परिवाद में राहुल गांधी द्वारा 13 अप्रैल को कर्नाटक में बेंगलुरु सिटी के पास कोलार में दिये गये भाषण में ‘चोरों का उपनाम मोदी है’ बोलने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा है कि इस कथन से उनके जानने वाले उनके समाज के लोगों और उनके कार्यकर्ता तक सब यही पूछने लगे हैं कि यह कैसा वक्तव्य है. इससे समाज में मोदी सरनेम रखने वाले सभी चोर समझे जायेंगे. इस वक्तव्य से परिवादी बहुत आहत हुए हैं और उनके मान-सम्मान को काफी क्षति पहुंची है.

उक्त वक्तव्य मानहानि कथन की श्रेणी में आता है, जो संविधान व भादवि की धारा 499 व 500 का उल्लंघन है. परिवादी ने अदालत से अनुरोध किया है कि राहुल गांधी के खिलाफ संज्ञान लेकर कानूनी कार्यवाही करने के लिए अदालत में उपस्थित होने का सम्मन निर्गत करें.

इस मामले में सुशील मोदी के गवाह के रूप में विधायक संजीव चौरसिया, विधायक नितिन नवीन और मनीष कुमार हैं. मालूम हो कि कोलार में राहुल गांधी ने अपने जनसभा के दौरान कहा था कि मेरा एक सवाल है, सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों है? चाहे वह ललित मोदी हो, चाहे नीरव मोदी हो, चाहे नरेंद्र मोदी हो. हम नहीं जानते हैं कि ऐसे कितने और मोदी सामने हैं. चोरों का पूरा गिरोह, चोरों का पूरा दल है. इसी वक्तव्य को लेकर परिवादी ने उपरोक्त परिवाद दाखिल किया है.

पटना एयरपोर्ट पर मारपीट को लेकर रविशंकर समेत आठ पर परिवाद दाखिल

26 मार्च को पटना एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच आपस में मारपीट के मामले में गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद दाखिल हुआ है.

उक्त परिवाद में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा विधायक अरुण कुमार सिन्हा व नितिन नवीन, युवा मोर्चा के अध्यक्ष मनीष कुमार सिंह, भाजपा कला संस्कृति मंच के अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह, रविशंकर प्रसाद के पीए संजीव कुमार सिन्हा, आशीष कुमार सिन्हा व अनिकेत झा को आरोपित बनाया गया है.

उक्त परिवाद भादवि की धारा 143, 323, 379 व 392 में दाखिल किया गया है. प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने उक्त परिवाद पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि निश्चित की है. परिवादी संजीव कुमार ने अपने को भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए आरोप लगाया है कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद 26 मार्च को लोकसभा चुनाव को लेकर पटना पहुंचे तो शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थकों ने उन्हें काला झंडा दिखाकर वापस जाओ का नारा लगाया.

तभी रविशंकर प्रसाद के समर्थक मारपीट करने लगे. इसमें परिवादी को भी बुरी तरह मारपीट कर घायल कर दिया गया. अन्य बहुत लोग भी घायल हो गये. परिवादी ने यह भी आरोप लगाया कि मारपीट के क्रम में उसके पॉकेट से 35 हजार रुपये निकाल लिये गये. परिवादी ने अदालत से मामले में संज्ञान लेकर कानूनी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है.

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