23.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

बिहार की राजनीति में कन्हैया कुमार ही नहीं, JNUSU के कई पूर्व अध्यक्ष

नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्षों का राजनीति में शामिल होना बिहार की राजनीति में नया नहीं है. इस बार बिहार के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कई लोगों को लग सकता है कि कन्हैया कुमार बिहार से चुनाव लड़ने वाले […]

नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्षों का राजनीति में शामिल होना बिहार की राजनीति में नया नहीं है. इस बार बिहार के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कई लोगों को लग सकता है कि कन्हैया कुमार बिहार से चुनाव लड़ने वाले जेएनयूएसयू के पहले पूर्व अध्यक्ष हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. ऐसे कई नाम बिहार की राजनीति में हैं.

बिहार के कटिहार जिले के कदवा से कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान 1992-93 में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे, इसके बाद वह छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी बने. खान ने छात्र संघ का चुनाव स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से लड़ा था. विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद वह कांग्रेस से जुड़ गये. खान ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जेएनयू ने राजनीति में मेरी रुचि को एक धार दी जो कि बाद में मेरा करियर बना. मैं झूठ नहीं बोलूंगा कि वह कदम अ‍वसरवादिता वाला नहीं था, लेकिन दो दशक पहले देश में राजनीतिक माहौल अलग था.’

शकील अहमद खान 1999 में कांग्रेस से जुड़े और 2015 में पहली बार कदवा से विधायक निर्वाचित हुए. गया के शेरघाटी के रहने वाले जनता दल (यूनाइटेड) के विधानपार्षद तनवीर अख्तर 1991-92 में जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे. इस दौरान अहमद खान उपाध्यक्ष बने थे. अख्तर ने जेएनयूएसयू का चुनाव कांग्रेस से संबद्ध छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से लड़ा था. वह जेएनयू से बाहर आने के बाद पार्टी के विधानपरिषद के सदस्य बनायेगये. वह बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष और बिहार यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. हालांकि, वह पिछले साल जदयू में शामिल हो गये.

तनवीर अख्तर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ पार्टी बदलने का मेरा कदम अवसरवादी नहीं था. कांग्रेस के लिए काफी कुछ करने के बाद भी पार्टी के नेताओं ने मेरा अपमान किया. इसके बाद मैंने यह फैसला लिया. मैं एनएसयूआई से युवावस्था में ही जुड़ा, उस समय जेएनयू में एनएसयूआई की मौजूदगी नगण्य थी जो कि अब भी है.’

इसके अलावा जेएनयू के एक और पूर्व अध्यक्ष हैं जिनकी चर्चा जेएनयू में चुनावी मौसम में काफी होती है. वह हैं चंद्रशेखर. चंद्रशेखर 1993 में छात्रसंघ के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए, उसके बाद वह दो बार जेएनयूएसयू के अध्यक्ष बने. कैंपस से बाहर निकलकर वह अपने गृह जिले सीवान वापस लौट आये और भाकपा (माले) के लिए काम करने लगे. लेकिन मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने से पहले ही 1997 में उनकी हत्या कर दी गयी.

इसके अलावा बांका के दिवंगत पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह भी 1982 में जेएनयूएसयू के महासचिव रह चुके हैं. वह स्टूडेंट्स फॉर डेमोक्रेटिक सोशलिज्म (डीवाईएस) संगठन से जुड़े थे. इस साल लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार भाकपा के टिकट पर बेगूसराय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 2016 में जेएनयू में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगने के बाद उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था. बेगूसराय में 29 अप्रैल को चुनाव होने हैं. बेगूसराय से भाजपा के उम्मीदवार गिरिराज सिंह और राजद के उम्मीदवार तनवीर हसन चुनाव लड़ रहे हैं.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें