नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि वह लालू को जमानत पर रिहा करने की इच्छुक नहीं हैं. पीठ ने लालू के 24 महीनों से जेल में होने की दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें मिली 14 साल के जेल की सजा की तुलना में 24 महीने कुछ भी नहीं हैं.
लालू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई बरामदगी नहीं और कोई मांग नहीं की गयी और एकमात्र बड़ा अपराध जिसके तहत उन्हें दोषी ठहराया गया, वह आपराधिक साजिश का था.
पीठ ने कहा कि मामले के गुण-दोष पर निर्णय हाइकोर्ट करेगा. पीठ ने कहा कि इस समय हम केवल जमानत अपील पर सुनवाई कर रहे हैं. सीबीआइ ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में लालू की जमानत याचिका का जोरदार विरोध करते हुए कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने के लिए बीमार नेता ने अचानक से ‘पूरी तरह से फिट’ होने का दावा किया है. जेल की जगह पिछले आठ महीनों से अस्पताल में भर्ती लालू ने मेडिकल आधार पर और साथ ही अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए जमानत की मांग की थी.
हालांकि, सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कहा था कि उन्हें जमानत देना उच्च पदों पर बैठे लोगों के भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में संलिप्तता वाले मामलों के संबंध में ‘बहुत ही गलत मिसाल’ पेश करेगी. रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद राजद प्रमुख ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के झारखंड हाइकोर्ट के दस जनवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.