पटना : लोकसभा चुनाव का समर शुरू होते ही सभी पार्टियों ने अपने-अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है. आम जनता को लुभाने के लिए लोक-लुभावने स्लोगन व नारा लिखने की तैयारी अंतिम चरण में है. भाजपा ने इसके लिए बकायदा केंद्रीय स्तर पर एक स्लोगन समिति का गठन कर रखा है, जिसके प्रभारी रेल मंत्री पीयूष गोयल है. जदयू के लिए प्रशांत किशोर की टीम कार्य कर रही है. कांग्रेस के लिए दिल्ली में नारे व स्लोगन गढ़े जा रहे हैं.
भाजपा में नारा और स्लेगन के लिए केंद्रीयकृत स्तर पर तैयारी चल रही है. नारा व स्लोगन तैयार करके सभी राज्यों में इसका प्रसार कर दिया जायेगा. मौजूदा चुनाव में भाजपा मुख्य रूप से तीन नारों ‘ फिर एक बार मोदी सरकार ‘, ‘ मोदी है तो मुमकीन है ‘ और ‘ उम्मीद उसी से काम करे जो ‘ पर फोकस करेगी और इसके आसपास ही प्रचार-प्रसार टिका हुआ है. इसके अलावा भी परिस्थिति व तथ्य आधारित कई नारे बनाये जायेंगे, जिनका उपयोग चुनावी प्रचार में जम कर होगा. इन्हें तैयार करने में पूरी टीम लगी हुई है. चुनाव प्रचार शुरू होते ही इनका उपयोग समय-समय पर किया जायेगा.
बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है
2015 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की टीम ने बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है, का नारा दिया था. संभावना है कि इस बार भी स्लोगन और नारे की पूरी जिम्मेदारी प्रशांत किशोर व उनकी टीम पर रहेगी. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई और न ही पार्टी ने औपचारिक रूप से कोई जिम्मेदारी ही सौंपी है. इसके अलावा अगर कोई कार्यकर्ता कुछ स्लोगन और नारा लिखकर लाते हैं, तो पार्टी उनका चयन भी करेगी और उसका उपयोग चुनाव में करेगी.
लालू के ट्वीट का सहारा
राजद में इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कार्यकर्ताओं पर होगी, जो कार्यकर्ता जिस तरह की नारेबाजी चाहे कर सकता है. इसके लिए कोई खास सेट पैटर्न या प्रोटोकॉल नहीं है. सभी कार्यकर्ता इसे अपने स्तर पर तैयार कर प्रचार-प्रसार करेंगे. पार्टी को जो भी अच्छा लगेगा, उसे अपना लिया जायेगा. पर, पार्टी के लिए लालू प्रसाद का ट्वीट कारगर साबित होगा.
कांग्रेस गढ़ रही दिल्ली में नारा
कांग्रेस पार्टी का यह सारा काम नयी दिल्ली से ही हो रहा है. कांग्रेस ने वक्त है बदलाव का नारा दिया है. पार्टी नेता बताते हैं, यह नारा बिहार समेत पूरे देश मे गूंजने वाला है.
