पटना : केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा में पांच हजार अंक थे. इस परीक्षा के चार कंपोनेंट थे और प्रत्येक कंपोनेंट के लिए 1250 अंक निर्धारित किये गये थे.
चारों कंपोनेटों में दो कंपोनेंट डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और सर्विस लेवल प्रोग्रेस में पटना को राष्ट्रीय औसत से ज्यादा अंक प्राप्त हुए. वहीं, सर्टिफिकेशन में शून्य अंक मिला. इससे स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में पटना काफी पिछड़ गया. गुरुवार को नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन ने स्वच्छता सर्वेक्षण में निगम का पक्ष रखते हुए बताया कि पिछले पांच-छह माह में साफ-सफाई को लेकर बेहतर कार्य किये गये हैं.
शहरवासियों से मिलने वाली शिकायतों का समय-सीमा में निष्पादन करने की गति भी बढ़ी है. इससे सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 285 अंक मिले, जो राष्ट्रीय औसत 182 अंक से बहुत अधिक है. लेकिन, नगर निगम क्षेत्र शत-प्रतिशत ओडीएफ नहीं है. इससे नैतिकता के आधार पर हमने गलत सर्टिफिकेशन नहीं किया.
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नहीं कर रहे थे काम : नगर आयुक्त ने बताया कि सर्वेक्षण के चार कंपोनेंटों पर एक साथ काम करना मुश्किल था. क्योंकि सर्वेक्षण से ज्यादा महत्वपूर्ण नागरिक सुविधाओं को बेहतर करना है. आज नागरिक सुविधाएं बेहतर हुई हैं. कमियों पर योजना बना कर काम हो रहा है.