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पटना : विवि शिक्षक नियुक्ति में सीएम नीतीश की मांग पर जानें जावड़ेकर ने क्‍या दिया आश्वासन

फोन पर नीतीश ने केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर से की बात : आरसीपी पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पूर्व के 200 प्वाइंट आरक्षण रोस्टर फाॅर्मूले को लागू करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात की. केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री […]

फोन पर नीतीश ने केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर से की बात : आरसीपी
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वविद्यालयों और काॅलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पूर्व के 200 प्वाइंट आरक्षण रोस्टर फाॅर्मूले को लागू करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात की. केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि एक से दो दिनों में केंद्र सरकार इस संबंध में अध्यादेश लायेगी. इसके बाद विवि और काॅलेजों में पूर्व के 200 प्वाइंट रोस्टर के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा में पार्टी के नेता आरसीपी सिंह ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कहाकि विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के लिए दो सौ प्वाइंट रोस्टर के आधारपर नियुक्ति के लिए सीएम नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से अध्यादेश लाने की मांग की है. दोनों नेताओं के बीच मंगलवार को फोन पर हुई बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने दो-तीन दिनों में इस संबंध में अध्यादेश लाये जाने का आश्वासन दिया है. इससे पहले सोमवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी इस मामले को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था और 200 प्वाइंट रोस्टर पुन: लागू करने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल अध्यादेश लाने की मांग की गयी थी.
आरसीपी सिंह ने कहा कि इस समय संसद का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए केवल अध्यादेश लाकर ही पुराने रोस्टर को बहाल किया जा सकता है. इससे पहले भी संसद सत्र के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा था कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में पुनर्विचार याचिका को खारिज कर देगी तो पुराने रोस्टर की बहाली के लिए सरकार अध्यादेश लायेगी.
भारत बंद का औचित्य नहीं
आरसीपी सिंह ने कहा कि रोस्टर को मुद्दा बनाकर विपक्षी पार्टियां आरक्षण के नाम पर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही हैं. उनसे सावधान रहने की जरूरत है. भारत बंद का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि दो सौ प्वाइंट रोस्टर में विश्वविद्यालय की सभी नियुक्तियां एक साथ निकलती थीं. उनमें आरक्षण दिया जाता था. वहीं नये 13 प्वाइंट रोस्टर में विभागीय स्तर पर नियुक्तियां निकलती हैं. उसी आधार पर आरक्षण दिया जाता है.
वरिष्ठ नेताओं को गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और दिग्विजय सिंह द्वारा पीओके में एयर स्ट्राइक का सबूत मांगने पर आरसीपी सिंह ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए. इससे सेना के मनोबल पर असर पड़ सकता है.
क्या है मामला
सात अप्रैल, 2017 को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने विवि में शिक्षकों की नियुक्ति में 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ यूजीसी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी, 2019 को खारिज कर दिया. इसके बाद केंद्र सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को खारिज कर दिया.
पहले विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम के अनुसार नियुक्ति होती थी. इसमें विवि व कॉलेजों एक यूनिट माना जाता था. इसके तहत 49.50% सीटें एससी-एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षित रहती थीं, जबकि शेष सीटें सामान्य वर्ग के लिए होती थीं. अगर किसी विभाग में चार पदों के लिए वैकेंसी निकली, तो इनमें दो सीटें अनारक्षित और दो आरक्षित होती थीं. लेकिन नये 13 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम में विवि की जगह विभाग/विषय को यूनिट माना जायेगा.
इसके अनुसार अगर किसी विवि के किसी विभाग में वैकेंसी आती है, तो चौथा, आठवां और 12वां कैंडिडेट ओबीसी होगा. मतलब कि एक ओबीसी कैंडिडेट विभाग में आने के लिए कम-से-कम चार वैकेंसी होनी चाहिए.
सातवां कैंडिडेट एससी कैटेगरी का होगा. मतलब कि एक एससी कैंडिडेट विभाग में आने के लिए कम-से-कम सात वैकेंसी होनी ही चाहिए. 14वां कैंडिडेट एसटी होगा. मतलब कि एक एसटी कैंडिडेट को कम-से-कम 14 वैकेंसी का इंतजार करना ही होगा़ बाकी 1,2,3,5,6,9,10,11,13 पोजिशन अनारक्षित पद होंगे.

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