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पटना : बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, समय पर भुगतान नहीं करने पर सरचार्ज अब 0.25% घटकर 1.25%

पटना : राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है. आयोग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग को दिया था, लेकिन सोमवार को आयोग ने अपने फैसले में किसी […]

पटना : राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है. आयोग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है.
बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग को दिया था, लेकिन सोमवार को आयोग ने अपने फैसले में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं करने की घोषणा की. साथ ही आयोग ने समय पर बिल भुगतान नहीं करने पर लगने वाले सरचार्ज (डीपीएस) को भी 1.5% से घटाकर 1.25% प्रतिमाह कर दिया है. आयोग ने अपार्टमेंट या समूह में रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं की एक नयी श्रेणी डीएस-तीन बनायी है. इसे एच्छिक माना गया है. हर घर नल का जल के लिए अलग श्रेणी बनी है. आयोग के फैसले का राज्य के 1.71 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को लाभ होगा.
आयोग के अध्यक्ष केएस नेगी और सदस्य राजीव अमित व आरके चौधरी ने संयुक्त रूप से आयोग का निर्णय सुनाया. नेगी ने बताया कि घरेलू और व्यावसायिक दोनों तरह के उपभोक्ता के लिए अगले वित्तीय वर्ष में बिजली दरें चालू वित्तीय वर्ष (2018-19) के समान ही रहेंगी.
दोनों बिजली वितरण कंपनियों-नाॅर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी और साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी ने खुदरा बिजली बिक्री के लिए 6.50% बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन जनसुनवाई और समीक्षा के बाद आयोग ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को नहीं माना.
अपार्टमेंट और समूह में रहने वाले वाले उपभोक्ताओं ने लिए आयोग ने डीस- तीन के नाम से एक नयी श्रेणी बनायी. इस श्रेणी के उपभोक्ता को प्रति किलोवाट 40 रुपये की दर से फिक्स चार्ज और बिजली का चार्ज 7.50 रुपये प्रति यूनिट होगा. हर घर नल का जल के लिए भी एक नयी श्रेणी बनायी गयी है. इसकी दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट रखी गयी है. साथ ही 40 रुपये प्रति एचपी की दर से फिक्स चार्ज भी देना होगा.
कब- कब बढ़ीं बिजली दरें
2009- 10 में पांच पैसा
2010- 11 में 19%
2011- 12 – 12.1%
2012- 13 में 6.9%
2013- 14 में कोई वृद्धि नहीं
2014- 15 में कोई वृद्धि नहीं
2015- 16 में 2.5%
2016.17 में कोई वृद्धि नहीं
2017- 18 में 55% बढ़ोतरी, अनुदान के बाद घटकर करीब 20:
2018- 19 में 7%
राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने सुनाया फैसला
इ-रिक्शा चार्ज करने के िलए अलग से चार्ज नहीं
आयोग ने 2020 तक सभी उपभोक्ताओं के यहां, जिनके यहां मीटर नहीं है, मीटर लगाने को कहा है. आयोग ने कहा कि इ-रिक्शा को चार्ज करने के लिए अलग से उपभोक्ताओं को पैसे नहीं देने होंगे. आनलाइन बिल भुगतान पर एक प्रतिशत की ही छूट मिलेगी.स्मार्ट प्री पेड मीटर का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के 6% सूद मिलेगा.
अभी की बिजली दरें ही 2019-20 में भी लागू रहेंगी
घरेलू शहरी उपभोक्ता
यूनिट दर सब्सिडी देय शुल्क
1 से 100 Rs 5.75 Rs 1. 48 Rs 4. 27
101 से 200 Rs 6.50 Rs 1. 48 Rs 5.02
201 से 300 Rs 7.25 Rs 1. 48 Rs 5.77
300 से अधिक Rs 8.00 Rs 1. 48 Rs 6.52
घरेलू ग्रामीण उपभोक्ता
1 से 50 Rs 5. 75 Rs 3.10 Rs 2.65
51 से 100 Rs 6.00 Rs 3.10 Rs 2.90
101 से अधिक Rs 6. 25 Rs 3.10 Rs 3.15
(रुपया प्रति यूनिट)

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