पटना : इन दिनों युवाओं को भी दांतों में समस्याएं देखने को मिल रही है. इन दिक्कतों का समय पर इलाज न होने पर दांतों को उखड़वाना भी पड़ सकता है, जिसके बाद समस्याएं और बढ़ जाती हैं. इसके अलावा स्थायी रूप से दांत लगवाने के लिए 6 महीने तक का लंबा इंतजार भी करना पड़ता है.
लेकिन, अब मिनिमल इन्वेसिव तकनीक से दांत को आधा से एक घंटा के अंदर इंप्लांट किया जा सकता है. इन दांतों की भोजन चबाने की क्षमता करीब-करीब असली दांतों के बराबर (80 प्रतिशत) तक होती है.
यह कहना है स्पेन से आये डॉ पाउलो जॉर्ज रोमानो वरेला का. दरअसल आइजीआइएमएस दंत रोग विभाग व इंडियन डेंटल एसोसिएशन, पटना ब्रांच की ओर से दांतों के प्रत्यारोपण में टाइटेनियम धातु को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. आइजीआइएमएस के ऑडिटोरियम में आयोजित इस सेमिनार का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ एनआर विश्वास, डॉ मनीष मंडल व दंत रोग विभाग व आइडीए की सचिव डॉ निम्मी सिंह ने किया.
आधे घंटे में लगा मरीज को नया दांत : सेमिनार के दौरान लाइव सर्जरी का आयोजन किया गया. इसमें स्पेन से आये डॉ पाउलो जॉर्ज रोमानो ने मिनिमल इन्वेसिव तकनीक से एक मरीज की सर्जरी की गयी. पटना के आनंद कुमार (26) नाम के मरीज की एक दांत टूट चुकी थी. इससे उसको दर्द होने के साथ खाना में दिक्कत हो रही थी. डॉ पाउलो ने इन्वेसिव तकनीक से सर्जरी कर आधा घंटा के अंदर मरीज को नया आर्टिफिशियल दांत लगाया. डॉ पाउलो ने कहा कि बिना टांके, चीरा और दर्द के मरीज का नये दांत का प्रत्यारोपण किया गया.
इस तकनीक से बढ़ रही दांतों की सुंदरता
आइडीए की सचिव डॉ निम्मी सिंह व दिल्ली से आये डॉ आशीष जोएल ने बताया कि डेंटल के क्षेत्र में मिनिमल इन्वेसिव तकनीक एक वरदान साबित हो रहा है. आज यह वृहद रूप ले चुका है. वर्तमान में लोगों में स्माइल डिजाइनिंग के प्रति पहले की तुलना में ज्यादा रुझान बढ़ा है और इसके प्रति लोगों में जागरूकता भी आयी है.
डॉ निम्मी ने बताया कि इन दिनों लोग अपने दांतों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए भी ट्रीटमेंट करवाते हैं. उन्होंने बताया कि डेंटल इंप्लांट में सबसे कारगर धातु टाइटेनियम है. इसके प्रयोग करने से शरीर की तरफ से कोई प्रतिरोध नहीं किया जाता है. मौके पर डॉ मनीष मंडल, डॉ एके शर्मा, डॉ देविका, डॉ सोनल, डॉ तुषार, डॉ जावेद सहित 300 से अधिक दंत रोग चिकित्सक उपस्थित थे.
