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सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामला बिहार से दिल्ली के साकेत POCSO कोर्ट में किया स्थानांतरित, कहा…

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामला बिहार से नयी दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का गुरुवार को आदेश दिया और आश्रय गृहों के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षतावाली पीठ ने कहा कि मामले से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह […]

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामला बिहार से नयी दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने का गुरुवार को आदेश दिया और आश्रय गृहों के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षतावाली पीठ ने कहा कि मामले से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह के भीतर बिहार की सीबीआई अदालत से पोक्सो साकेत निचली अदालत में स्थानांतरित किया जाये. उसने साकेत की निचली अदालत को छह महीने के भीतर मामले पर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया.

उच्चतम न्यायालय ने यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे अपने अधिकारी का तबादला करने के लिए भी सीबीआई को फटकार लगायी. साथ ही कहा कि यह उसके आदेश का उल्लंघन है. पीठ ने जांच एजेंसी से स्पष्टीकरण देते हुए एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा. शीर्ष न्यायालय ने बिहार सरकार से कहा, ‘‘बस बहुत हो गया, बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जा सकता. आप अपने अधिकारियों को बच्चों के साथ इस तरीके से व्यवहार करने नहीं दे सकते. बच्चों को बख्शो.’ पीठ ने कहा कि अगर राज्य सभी जानकारी देने में विफल रहा तो वह मुख्य सचिव को समन करेगा.

मालूम हो कि कि मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा चलाये जा रहे आश्रय गृह में कई लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद यह मामला गत वर्ष मई में प्रकाश में आया था.

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