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बड़ी कार्रवाई, 8.20 करोड़ की संपत्ति जब्त
पटना : काले धन को सफेद बनाने के कारनामे पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 8.20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. यह संपत्ति आधा दर्जन से अधिक शहरों में संचालित कंपनियों की हैं. इन कंपनियों ने अपना काला धन सफेद करने के लिए गया के बैंक में नोटबंदी के दौरान जमा […]
पटना : काले धन को सफेद बनाने के कारनामे पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 8.20 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. यह संपत्ति आधा दर्जन से अधिक शहरों में संचालित कंपनियों की हैं. इन कंपनियों ने अपना काला धन सफेद करने के लिए गया के बैंक में नोटबंदी के दौरान जमा कराये थे. नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर पुराने नोट खातों में जमा कराये गये. फिर वह उस अकाउंट से बाहरी शहरों के खातों में ट्रांसफर कर राशि निकाली गयी.
इस मामले में पूर्व में 6.38 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. संपत्ति जब्ती की यह चौथी कार्रवाई है. प्रवर्तन निदेशालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो वीएस हेल्थकेयर मुबंई, विजय सोलवेक्स अलवर, पासर लुबरिकेंट्स दिल्ली, रिसोर्स ई वेस्ट सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली, माई कार प्राइवेट लिमिटेड कानपुर, सैनजॉग स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड जयपुर, नमोकर ट्रेडर्स, मिराज और श्री यशस्वी कैशचेव प्रोसेसर्स, पलासा के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.
यह है मामला
नोटबंदी के दौरान बैंक ऑफ इंडिया की जीबी रोड शाखा में 10.93 करोड़ के पुराने नोट विभिन्न बैंक खातों में जमा कराये गये थे. इतना ही नहीं, नोटबंदी से पहले भी कई ऐसे व्यक्तियों के खाते में बड़े पैमाने पर रकम डाली गयी थी, जिसकी जानकारी खुद खाताधारकों को भी नहीं थी. गया के धीरज जैन, पवन जैन और मोतीलाल पटवा के अलावा दिल्ली के विमल जलान की पहचान किंगपिन के तौर पर हुई थी. ईडी पहले ही चार अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट कर चुकी है.
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