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Friday, March 29, 2024

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भाईदूज आज : ये हैं पौराणिक कथा, जानें… शुभ मुहूर्त

पटना : रक्षाबंधन की तरह ही भाई बहन के निश्छल प्रेम के प्रतीक भाई दूज का त्योहार आज मनाया जायेगा. भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं. भाईदूज […]

पटना : रक्षाबंधन की तरह ही भाई बहन के निश्छल प्रेम के प्रतीक भाई दूज का त्योहार आज मनाया जायेगा. भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं. भाईदूज में हर बहन कुमकुम व अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं वहीं भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है. इस त्योहार की एक खासियत है कि भाई अपनी बहनों से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं.

ऑनलाइन उपहार बन रहे पसंद
भाई दूज पर उपहार देने के लिए एक तरह बाजार में कई ऑप्शन हैं, वहीं दूसरी तरफ बहने भी भाइयों से अपनी पसंद के उपहार की उम्मीद लगायी हैं. ऑनलाइन ऑप्शन भी इनमें काफी लोकप्रिय हो रहा है और युवा पीढ़ी बखूबी ऑनलाइन ऑप्शन को पसंद कर रहे हैं. अशोक राजपथ के रहने वाले आदर्श कहते हैं, अपनी बहन के लिए मैंने एक ऑनलाइन गिफ्ट पसंद किया था. मुझे बस यह देखना था कि उसकी डिलिवरी तारीख कब है? फेस्टिवल शुक्रवार को है और डिलिवरी गुरुवार था, तो मैंने ऑर्डर दे दिया. मुझे उपहार मिल चुका है. भाई दूज के दिन बहन को उसका सरप्राइज गिफ्ट दूंगा. मैंने बहन को बताया नहीं है कि उनके लिए क्या गिफ्ट ले रहे हैं, लेकिन बातों-बातों में यह जानकारी मिल जाती है कि बहन को क्या पसंद है. बस उसी के अनुसार गिफ्ट मंगाया हूं.

वहीं आदर्श की बहन कहती हैं, गिफ्ट तो मैं भी दूंगी. ऑनलाइन के साथ ही बाजार भी ऑप्शन है. भाई को मीठा बहुत पसंद है. इसलिए उसके लिए कुछ मीठा ही बनाऊंगी. वह कहती है, भाई दूज जैसे त्योहार भाई-बहन के बॉन्डिंग को और बढ़ा देते हैं.

त्योहार के लिए आया भाई
न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी की प्रतिमा बताती हैं, हम तीन भाई और दो बहन हैं. हर साल इस त्योहार को एकत्र होकर सेलिब्रेट करते हैं. भाई इसे सेलिब्रेट करने के लिए हर साल घर आते हैं. इस बार एक भाई दिल्ली से पटना अाया है. इस बार भाई के लिए विशेष रूप से रोसितो राइस व खीर बनाऊंगी. रोसितो राइस पुलाव की तरह होता है, जिसमें हरी सब्जियां, चीज व कई अन्य तरह के सॉस को मिलाकर बनाया जाता है. भाई को यह बहुत पसंद है.

– दीदी के लिए कुछ विशेष गिफ्ट की ही तैयारी किया हूं. इस बार का भाई दूज भी दीदी के लिए यादगार ही होगा. गिफ्ट क्या है वो सरप्राइज है. आशुतोष झा, पटेल नगर

– मेरी बहन मुझसे छोटी है. इसकी खुशी का ख्याल रखने की पूरी कोशिश करता हूं. भाई दूज के त्योहार का इंतजार रहता है. इस बार भी विशेष गिफ्ट दूंगा. कुमार अंशुमन, दीघा

– रक्षा बंधन की तरह ही इस फेस्टिवल का भी मुझे सालभर इंतजार रहता है. भैया के उन्नति के लिए कामना करूंगी साथ ही स्पेशल डिश बनाऊंगी. अपूर्वा, दीघा

– भाई को मीठा व नमकीन दाेनों ही बहुत पसंद है. भाई दूज पर वे इन दाेनों को ही खाना पसंद करता है. इस बार भी व्यंजन के लिए विशेष तैयारी की हूं. स्वाति प्रियदर्शिनी, पटेल नगर

अनुराधा नक्षत्र एवं सर्वार्थसिद्धि योग में मनाएं भाईदूज त्योहार
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि दिन शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में भाईदूज का त्योहार मनाया जायेगा. बहनें व्रत, पूजा, कथा आदि कर भाई की लंबी उम्र की कामना करेंगी. बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर पूजा करेंगी. साथ ही भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार देंगे. पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि भाई दूज पर जहां बहने अपने भाई के लिए भाईदूज का पर्व मनायेंगी. वहीं, कायस्थ समुदाय के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा पूरे विधि विधान से अनुराधा नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में मनायेंगे. स्कन्द पुराण के अनुसार इस दिन भाई को बहन के घर भोजन करना व उपहार देना शुभ माना गया है. ऐसा करने से यम के दुष्प्रभाव कम हो जाता है.

बहन जलायेगी दीपक
बहन सायंकाल गोधूलि बेला में यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती है जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है. इसके पीछे मान्यता है कि भाई के प्राण की रक्षा होती है. भाई का चतुर्दिक विकास होता है और दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों से भाई की सुरक्षा होती है.

पौराणिक कथा
भगवान सूर्य की पत्नी का नाम छाया था. उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था. यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थीं. वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो. अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहे. कार्तिक शुक्ल का दिन आया. यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया. यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं. मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता. बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है.बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया. यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया. यमुना द्वारा किये गये स्वागत से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने काे कहा. यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो. मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे. ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता. इसलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है.

भाईदूज का शुभ मुहूर्त
सुबह- 9:20 से 10:35 तक
दोपहर-1:13 बजे से 3:19 बजे तक
शाम-4:25 से 5:35 और रात्रि 7:20 से रात 8:40 बजे तक

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