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अटल बिहारी वाजपेयी के लंबे समय तक निकट सहयोगी रहे लालजी टंडन बने बिहार के नये राज्यपाल

नयी दिल्ली : बिहार के राज्यपाल सतपाल मलिक को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है. वह एनएन वोहरा का स्थान लेंगे. राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है. विज्ञप्ति के अनुसार वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल नियुक्त किये गये हैं. वह मलिक की जगह लेंगे. सत्यदेव नारायण […]

नयी दिल्ली : बिहार के राज्यपाल सतपाल मलिक को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है. वह एनएन वोहरा का स्थान लेंगे. राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है. विज्ञप्ति के अनुसार वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल नियुक्त किये गये हैं. वह मलिक की जगह लेंगे. सत्यदेव नारायण आर्य हरियाणा के नये राज्यपाल होंगे.

विज्ञप्ति के मुताबिक बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की नयी राज्यपाल होंगी. हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा भेज दिया गया है. त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय अब मेघालय के राज्यपाल होंगे. मेघालय के राज्यपाल गंगाप्रसाद का स्थानांतरण सिक्किम कर दिया गया है.

बिहार के नये राज्यपाल को उपमुख्यमंत्री ने दी बधाई
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लंबे समय तक निकट सहयोगी रहे लालजी टंडन को बिहार के नये राज्यपाल तथा बिहार के राजगीर से 8 बार विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण आर्य को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हार्दिक बधाई दी हैं.

सुशील मोदी ने बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण राज्य का राज्यपाल बनाने तथा बिहार के गंगा प्रसाद जो मेघालय से सिक्किम का नया राज्यपाल बनाये जाने का भी स्वागत किया है. मलिक का एक लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है तथा बिहार में उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया है. कश्मीरी नेताओं से भी उनके निकट का संबंध रहा है. कश्मीर में बेहतर माहौल बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी. मोदी ने कहा है किलालजी टंडन लंबे समय तक उत्तर प्रदेश की राजनीति व सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहे हैं. बिहार से उनका निकट का संबंध रहा है.

सत्यपाल मलिक : 1967 से जम्मू कश्मीर के राज्यपाल नियुक्त होने वाले प्रथम राजनीतिज्ञ
जम्मू कश्मीर के नये राज्यपाल सत्यपाल मलिक राज्य में इस पद पर पिछले 51 साल में नियुक्त किए जाने वाले प्रथम राजनीतिज्ञ होंगे. यह नियुक्ति केंद्र द्वारा इस संकटग्रस्त राज्य में पूर्व अधिकारियों पर अब तक निर्भर रहने की रणनीति में एक बदलाव का संकेत देते है. मलिक (72) करीब-करीब सभी राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़े रहे हैं. उन्होंने छात्र समाजवादी नेता के तौर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. पिछले साल बिहार का राज्यपाल नियुक्त किए जाने से पहले वह भाजपा के उपाध्यक्ष थे.

कर्ण सिंह के बाद वह पिछले 51 साल में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त होने वाले प्रथम राजनीतिक नेता होंगे. सिंह का कार्यकाल 1967 में समाप्त हुआ था. वर्ष 1967 से इस पद पर सिर्फ सेवानिवृत्त नौकरशाह, राजनयिक, पुलिस अधिकारी और थल सेना के जनरल काबिज रहे थे. बदलते राजनीतिक परिदृश्य के आलोक में भी उनकी नियुक्ति को देखा जा सकता है.

दरअसल, यह चर्चा है कि पीडीपी के असंतुष्ट विधायक भाजपा से हाथ मिला सकते हैं. राममनोहर लोहिया से प्रेरित मलिक ने मेरठ विश्वविद्यालय में एक छात्र नेता के तौर पर अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह उत्तर प्रदेश के बागपत में 1974 में चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से विधायक चुने गए थे. मलिक 1984 में कांग्रेस में शामिल हो गए और इसके राज्यसभा सदस्य भी बने, लेकिन बोफोर्स घोटाला के मद्देनजर तीन साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वह वीपी सिंह नीत जनता दल में 1988 में शामिल हुए और 1989 में अलीगढ़ से सांसद चुने गए.

वर्ष 2004 में मलिक भाजपा में शामिल हुए थे और लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन इसमें उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह से शिकस्त का सामना करना पड़ा. बिहार के राज्यपाल पद की चार अक्तूबर 2017 को शपथ लेने से पहले वह भाजपा किसान मोर्चा के प्रभारी थे. वह 21 अप्रैल 1990 से 10 नवंबर 1990 तक केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे थे.

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