15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को लगायी फटकार, देश में रेप की बढ़ती घटनाओं पर जतायी चिंता

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर मंगलवार को गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि जिधर देखो, उधर ही, महिलाओं का बलात्कार हो रहा है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने मुजफ्फरपुर के बालिका आश्रय गृह का संचालन करनेवाले गैर […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर मंगलवार को गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि जिधर देखो, उधर ही, महिलाओं का बलात्कार हो रहा है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने मुजफ्फरपुर के बालिका आश्रय गृह का संचालन करनेवाले गैर सरकारी संगठन को वित्तीय सहायता देने पर बिहार सरकार को आड़े हाथ लिया. इस आश्रय गृह की लड़कियों से कथित रूप से बलात्कार और उनके यौन शोषण की घटनाएं हुई हैं.

पीठ ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में हर छह घंटे में एक महिला बलात्कार की शिकार हो रही है. ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, 2016 में भारत में 38,947 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ. इस स्थिति पर नाराजगी और चिंता वयक्त करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इसमें क्या करना होगा? लड़कियां और महिलाएं हर तरफ बलात्कार की शिकार हो रही हैं.’ इस मामले में न्याय मित्र नियुक्त वकील अपर्णा भट ने पीठ को सूचित किया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में यौन उत्पीड़न की कथित पीड़ितों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस आश्रय गृह में बलात्कार का शिकार हुई लड़कियों में से एक अब भी लापता है.

मुजफ्फरपुर आश्रय गृह का निरीक्षण करनेवाले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने न्यायालय को बताया कि बिहार में इस तरह की 110 संस्थाओं में से 15 संस्थाओं के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की गयी हैं. इस पर बिहार सरकार ने न्यायालय से कहा कि विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित इन 15 संस्थानों से संबंधित यौन उत्पीड़न के नौ मामले दर्ज किये गये हैं.

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बलात्कार और यौन हिंसा का शिकार हुईं इन पीड़िताओं के चेहरे ढंकने के बाद भी उन्हें दिखाने से इलेक्ट्रानिक मीडिया को रोक दिया था. पीठ ने साफ शब्दों में कहा था कि उसने पुलिस को जांच करने से नही रोका है और यदि वह कथित पीड़ितों से सवाल-जवाब करना चाहें, तो उन्हें इसके लिए बाल मनोविशेषज्ञों की सहायता से ऐसा करना होगा. राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठन का मुखिया बृजेश ठाकुर इस आश्रय गृह का संचालन करता था. इस आश्रय गृह में 30 से अधिक लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार और उनका यौन शोषण किये जाने के आरोप हैं. इस मामले में ठाकुर सहित 11 व्यक्तियों के खिलाफ 31 मई को प्राथमिकी दर्ज हुई थी और बाद में यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel