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पटना : बच्ची की हिम्मत से मिली शिक्षिकाओं को सजा, कोर्ट ने कहा, अपने घिनौने काम से शिक्षक शब्द को किया कलंकित
सेंट जेवियर स्कूल : मेडिकल रिपोर्ट बनी बड़ा आधार पटना : सेंट जेवियर स्कूल की दो शिक्षिकाओं को सजा दिलाने में दो अहम आधार रहे. पहला तो वह छात्रा, जिसने हिम्मत से बयान दिया और अंत तक पीड़ा पहुंचाने वाली शिक्षिकाओं के खिलाफ खड़ी रही. दूसरा अहम अाधार मेडिकल रिपोर्ट साबित हुई. जिसने कोर्ट को […]
सेंट जेवियर स्कूल : मेडिकल रिपोर्ट बनी बड़ा आधार
पटना : सेंट जेवियर स्कूल की दो शिक्षिकाओं को सजा दिलाने में दो अहम आधार रहे. पहला तो वह छात्रा, जिसने हिम्मत से बयान दिया और अंत तक पीड़ा पहुंचाने वाली शिक्षिकाओं के खिलाफ खड़ी रही. दूसरा अहम अाधार मेडिकल रिपोर्ट साबित हुई. जिसने कोर्ट को अहम फैसला लेने में मदद की.
फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट ने शिक्षिकाओं के कृत्य को बेहद गंभीर अपराध माना. कोर्ट ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘अभिभावक अपने बच्चों को इस विश्वास के साथ स्कूल भेजते हैं, कि उन्हें अच्छे संस्कार मिलेंगे. इसके विपरीत महिला शिक्षिकाओं ने अपने कर्तव्य से हट कर इस तरह का घिनौना काम किया, जो शिक्षक शब्द को कलंकित करता है’.
छोटी मैम मेरे कपड़े खोलती थीं और बड़ी मैम दूर से देखती थीं
महिला थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक 27 अक्तूबर को बच्ची को घर में परेशानी महसूस हो रही थी. बकौैल मम्मी, जब बच्ची से पूछा, तो बताया कि स्कूल में बड़ी मैम और छोटी मैम हैं. छुट्टी होने के बाद वे मुझे ग्राउंड फ्लोर पर ही क्लास रूम की बगल में ले जाती थीं.
छोटी मैम कपड़े खोलती थीं और गलत हरकत करती थीं. बड़ी मैम दूर से देखती थीं और बोलती थीं कि यह गलत है, लेकिन छोटी मैम को रोकती नहीं थीं. ऐसा वह अक्सर करती थीं. बच्ची ने मजिस्ट्रियल बयान में कहा था कि मैम मीठी गोलियां खिलाती थीं.
मेडिकल जांच में हो गयी थी पुष्टि
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने छात्रा की मेडिकल जांच करायी थी, जिसमें प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की पुष्टि हो गयी थी. इसके बाद पांच नवंबर को दोनों शिक्षिकाओं को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया. दोनों शिक्षिकाओं की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गयी. लेकिन, न्यायालय से जमानत नहीं मिली. साथ ही पुलिस ने भी केस को सत्य पाते हुए कोर्ट में चार्जशीट कर दिया. इसके बाद पाॅक्सो न्यायालय ने दोनों को उक्त केस में दोषी माना और शुक्रवार को उन्हें सजा सुना दी.
छात्रा ने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत परिजनों से की थी
गौरतलब है कि गांधी मैदान स्थित सेंट जेवियर स्कूल में दो शिक्षिकाओं नूतन जोसेफ व इंदु आनंद की ओर से एलकेजी की छात्रा का यौन उत्पीड़न का मामला 27 अक्तूबर, 2016 को परिजनों के सामने आया था. छात्रा ने अपने प्राइवेट पार्ट में दर्द की शिकायत की थी. परिजनों ने प्राइवेट पार्ट में जख्म के निशान को देखा, तो चिकित्सकों को दिखाया. इससे शिक्षिकाओं का गुनाह काफी हद तक स्पष्ट हो गया था.
इसके बाद परिजनों ने दो नवंबर को सेंट जेवियर कॉलेज प्रशासन को लिखित शिकायत की. लेकिन, कुछ विशेष कार्रवाई नहीं की गयी. स्कूल प्रशासन ने परिजनों को यह जानकारी दी कि उनके स्कूल में इस तरह की घटना नहीं हुई है. यह बाहर हुई है. इसके बाद परिजनों ने तीन नवंबर, 2016 को महिला थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी.
इसके बाद दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. महिला थाने में धारा 377, 34 आईपीसी एक्ट व पाॅक्सो एक्ट के सेक्शन-6 के तहत मामला दर्ज किया गया था. महिला थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक 27 अक्तूबर को बच्ची को घर में कुछ परेशानी महसूस हो रही थी. उसी के बाद खुलासा हुआ.
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