पटना : प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि लालू- राबड़ी के शासनकाल में 2003 से ही हो रहे सृजन घोटाले की कलई नोटबंदी की वजह से खुलने लगी. जैसे ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घोटाले की भनक लगी जांच का आदेश दे दिया.
सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी. विपक्ष की मांग पर बिना समय गंवाये सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी गयी. अब सीबीआई जांच की रिपोर्ट आने तक इस पर हंगामा कर राजनीति कर आरजेडी के लोग अपनी ही भद्द पिटवाने में लगे है. असल में तेजस्वी यादव अपने काले कारनामे से लोगो का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का स्वांग रच रहे हैं.
श्री सिंह ने कहा कि बिहार की एनडीए सरकार के द्वारा उजागर किये गये सृजन घोटाले को मुद्दा बनाकर चिल्ला रहे राजद नेता चौदह वर्षों से कहां सोये हुए थे.
2003 से 2005 तक सरकार में और उसके बाद मुख्य विपक्ष की हैसियत से घोटाले को उजागर करने में रुचि क्यों नहीं दिखायी. हाल के बीस महीनों तक भी तो राजद सरकार में प्रमुख सहयोगी रहा. फिर भी घोटाले को सामने क्यों नहीं लाया गया.
जनता की गाढ़ी कमाई लूटने का काम किया : 20 महीने के सरकार में किस का सृजन सबसे ज्यादा हुआ तेजस्वी यादव को सबसे ज्यादा पता है. 20 महीने में किस तरह से बिहार के गरीब जनता की गाढ़ी कमाई को दोनों भाइयों ने लूटने का काम किया ये सबको पता है .
तेजस्वी यादव और उनका पूरा परिवार 15 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का मालिक है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति से पूरा सूबा वाकिफ है. नीतीश कुमार ने तो भ्रष्टाचार पर समझौता करने के बजाय इस्तीफा दे दिया था. तेजस्वी यादव को तो नैतिकता है ही नही .