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अब बिहार मद्य निषेध सेवा के नाम से जानी जायेगी उत्पाद सेवा, 20 एजेंडों पर लगी मुहर, जानें अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में

पटना : राज्य सरकार ने उत्पाद कानून में संशोधनकरने का संकेत तो दिया है, लेकिन इसके पहले इसके कैडर का नाम बदल दिया है. राज्य में लागू नयी उत्पाद नीति-2015 के अंतर्गत बिहार उत्पाद सेवा का नाम बदल कर अब ‘बिहार मद्य निषेध सेवा’ कर दिया है. इसी तरह बिहार उत्पाद अराजपत्रित संवर्ग का नाम […]

पटना : राज्य सरकार ने उत्पाद कानून में संशोधनकरने का संकेत तो दिया है, लेकिन इसके पहले इसके कैडर का नाम बदल दिया है. राज्य में लागू नयी उत्पाद नीति-2015 के अंतर्गत बिहार उत्पाद सेवा का नाम बदल कर अब ‘बिहार मद्य निषेध सेवा’ कर दिया है. इसी तरह बिहार उत्पाद अराजपत्रित संवर्ग का नाम बदल कर ‘बिहार मद्य निषेध अवर सेवा’ कर दिया गया है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि 20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुहर लगी. इसके तहत राज्य में लागू सातवें वेतनमान के मद्देनजर बिहार उत्पाद सेवा का नया नामकरण करने का निर्णय लिया गया है. इससे पदों का पुनर्गठन होने से पदों में समानुपातिक वृद्धि होने से कर्मियों को प्रोन्नति के अधिक अवसर मिलेंगे. साथ ही संपूर्ण मद्य निषेध तंत्र सुदृढ़ हो सकेगा.
इसके अलावा महिला सिपाहियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षण देने के लिए चार केंद्रों को विकसित किया जायेगा और इनमें तमाम मूलभूत सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी. पहले चरण में जिन चार केंद्रों में सुविधाएं विकसित की जायेंगी, उनमें डेहरी स्थित बीएमपी-2, मुजफ्फरपुर स्थित बीएमपी-6, पटना स्थित बीएमपी-5 और सासाराम में मौजूद महिला बटालियन शामिल हैं.
इनमें निर्माण कार्य के लिए 53.21 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. वहीं, दो रेल पुलिस पोस्ट को उत्क्रमित करते हुए इन्हें रेल थाना बनाने की मंजूरी दी गयी है. हाजीपुर रेल पुलिस पोस्ट को रेल थाना बनाते हुए यहां 43 पद और सीतामढ़ी रेल पुलिस पोस्ट को रेल थाने में उत्क्रमित करते हुए 38 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गयी है.
तीन मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त होंगे 54 कर्मी : तीन मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य कार्यालय में सभी स्तर के 54 कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 18-18 कर्मी नियुक्त होंगे. इसमें बेतिया स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, मधेपुरा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और पावापुरी स्थित वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान शामिल हैं.
तीन सिंचाई योजनाओं को मिली मंजूरी :राज्य सरकार ने सिंचाई सुविधाओं को ज्यादा से ज्यादा विकसित करने और किसानों को इसका लाभ देने के लिए तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी है.
कैबिनेट की बैठक में इन योजनाओं के लिए राशि जारी कर दी गयी है. मुहाने नदी के लिए 143 करोड़, तियरा पंप हाउस के लिए 56 करोड़ और बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना फेज-2 के लिए 176 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. इन योजनाओं से राज्य के अलग-अलग इलाकों में काफी बड़े क्षेत्रफल की सिंचाई हो सकेगी. इन योजनाओं से जुड़ी नहरों के सटे पहुंच पथ का भी निर्माण कराया जा रहा है. इन सड़कों का पांच वर्षों तक देखरेख किया जायेगा. नालंदा जिले में फल्गू नदी से जुड़ी मुहाने नदी योजना से इस्लामपुर, एकंगरसराय और परवलपुर प्रखंड में 935 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हो सकेगी.
कैमूर जिले के नुआंव प्रखंड की अखनी पंचायत स्थित तियरा पंप हाउस से तियरा, तरैथा, जुझाड़पुर, महरथा, कारीराम, अखनी, बरदा, अकोल्ही और चितावनपुर गांवों की 2065 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई हो सकेगी. इसी तरह भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड में बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर योजना के फेज-2 से 7161 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हो सकेगी.
अन्य महत्वपूर्ण फैसले :-
– विधि विभाग के महाधिवक्ता के कार्यालय में नोडल पदाधिकारी के रूप में बिहार सचिवालय सेवा के दो प्रशाखा पदाधिकारी के पद का सृजन
– मान्यता प्राप्त मदरसों या सरकारी मदरसों में शैक्षणिक सुधार के लिए मूलभूत सुविधाएं और आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए बिहार राज्य मदरसा शिक्षा सुदृढ़ीकरण योजना को मंजूरी.
– किशनगंज जिले में एसएसबी कैंप के निर्माण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को जमीन हस्तांतरण को मंजूरी
– उच्च शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत बांग्ला अकादमी में कार्यरत कर्मियों को पांचवां वेतनमान के समतुल्य वेतन
– कटिहार में निजी विश्वविद्यालय अल-करीम को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा देने की अनुमति.
– पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में संविदा पर तैनात 324 पशु चिकित्सकों की नियोजन अवधि एक साल बढ़ी
बंद लोक उपक्रमों के कर्मियों को मिलेगा बकाया वेतन
राज्य में बंद पड़े या अकार्यरत लोक उपक्रमों के कर्मियों को बकाये वेतन का भुगतान किया जायेगा. कैबिनेट के स्तर पर इसकी मंजूरी दी गयी.
साथ ही ऐसे उपक्रमों के कर्मियों के बकाये वेतन का आकलन करने और इसका भुगतान किस तरह से किया जाये, इसके लिए संबंधित विभागों को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है. एक अनुमान के मुताबिक राज्य में ऐसे बंद पड़े उपक्रमों की संख्या 35-40 के करीब है. राज्य सरकार ने इनमें कार्यरत कर्मियों के निगम या उपक्रम में दिये सेवाकाल का वेतन देने का निर्णय लिया है.
जिन कर्मियों का समायोजन अन्य कहीं हो गया है, तो उनके समायोजन के पहले के बकाये वेतन का भुगतान किया जायेगा. जिन कर्मियों की मृत्यु हो गयी या रिटायर्ड हो गये हैं, उनके वेतन का भुगतान संबंधित विभाग के स्तर पर जांच के बाद किया जायेगा. जिन विभागों में ऐसे निगम हैं, वे ऐसे कर्मियों का आकलन करके वित्त विभागों को इसकी सूचना देंगे. इसके बाद पैसा का भुगतान किया जायेगा.
ई-चालान से जमा होने वाले गैर-न्यायिक स्टांप के रुपये होंगे वापस
राज्य सरकार ने अब ई-चालान से जमा होने वाले गैर-न्यायिक स्टांप के रुपये वापस करने का निर्णय लिया है. इसके लिए बिहार स्टांप नियमावली, 2018 का गठन नये सिरे से किया गया है. अब गैर-न्यायिक स्टांप में जमा होने वाली ई-चालान की राशि भी वापस हो सकेगी. पहले ये रुपये वापस नहीं होते थे, जिससे आम लोगों को काफी नुकसान होता था.

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