विकास सिंह मौके से फरार
पटना/नौबतपुर : भोजपुर जिले के 25 हजार रुपये के इनामी अभिषेक सिंह को पटना पुलिस ने नौबतपुर के बेला गांव में हुए मुठभेड़ के दौरान पकड़ लिया. अभिषेक अपने गैंग के साथी विकास के घर नौबतपुर के बेला गांव में आया हुआ था. इसकी भनक लगते ही रविवार को दिन में करीब 1:30 बजे पुलिस भारी दल-बल के साथ बेला गांव पहुंची व सर्च ऑपरेशन शुरू किया.
इस दौरान विकास व अभिषेक का पुलिस से भिड़ंत हुई. अपराधियों ने गोलियों चलाना शुरू कर दिया. जवाब में एसएचओ नौबतपुर रमाकांत तिवारी व अन्य सहयोगियाें ने भी गोलियां चलायीं. इस दौरान पुलिस को चकमा देकर विकास भागने में सफल रहा लेकिन अभिषेक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
बेला गांव में मची अफरा-तफरी, पिस्टल, मैगजीन और दो बाइकें बरामद
अभिषेक के कब्जे से एक नाइन एमएम पिस्टल, दो मैगजीन, छह कारतूस व साथ ही दो बाइक भी बरामद किया गया है. गौरतलब है कि विकास रणवीर सेना का सहयोगी रह चुका है. इधर, पवन चौधरी के जेल जाने के बाद रंजीत चौधरी के गैंग का संचालन कर रहे अभिषेक ने विकास से नजदीकियां बढ़ा ली थी. बाद में दोनों मिल कर हत्या, लूट की घटना को अंजाम देने लगे थे. फिलहाल अभिषेक की गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है.
गांव में ही कहीं छिप गया विकास : मुठभेड़ के दौरान विकास गोलियां चलाते एक घर में घुस गया. एक घर से दूसरे घर, दूसरे से तीसरे इस प्रकार गांव में ही कहीं छिप गया जिसकी तलाश में कई थानों की पुलिस पूरे गांव की घेराबंदी कर देर शाम तक सर्च की. मौके पर फुलवारी डीएसपी रमाकांत प्रसाद भी पहुंच चुके थे.
रूपक की हत्या की दोनों रच रहे थे साजिश
प्रखंड के बारा पंचायत के मुखिया रूपक शर्मा से विकास की पुरानी अदावत चल रही है. रूपक को रविवार को तराढ़ी में सुरेंद्र सिंह के यहां निमंत्रण में आना था.
इसकी भनक उन अपराधियों को थी. विकास अभिषेक और अन्य गुर्गों के साथ रूपक की हत्या की योजना बना रहा था. जानकारी मिलते ही पुलिस ने बेला में सर्च अभियान शुरू कर दिया. इस दौरान नौबतपुर, बिक्रम, पालीगंज, बिहटा समेत कई थानों की पुलिस भारी मात्रा में बेला पहुंची. अचानक गांव में गोलियों की तड़तड़ाहट से ग्रामीण सहम गये.
मनोज सिंह का गुर्गा बन कर अपराध जगत में अभिषेक ने रखा था कदम
अंडरवर्ल्ड का सुपर डॉन के रूप में चर्चित मनोज सिंह और बाद में उसके अपराधी पुत्र माणिक के गुर्गा के रूप में अपराध जगत में कदम रखने वाला कुख्यात अभिषेक बहुत कम समय में ही अपना पांव इस कदर फैलाया कि बिहार और यूपी पुलिस के लिए वांछित हो गया. मनोज और रंजीत चौधरी की अदावत में यह रंजीत के संपर्क में आया और ताबड़तोड़ कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर रंजीत का दाहिना हाथ बन गया.
हाल ही में जेल में बंद रंजीत चौधरी का पोस्टर फाड़ने को लेकर वह अपने गांव में ही एक सैनिक को गोलियों से भून मौत के घात उतार दिया था. उस पर हत्या के करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं. पिछले बार भी वह नौबतपुर से ही पकड़ा गया था, लेकिन पुलिसिया लापरवाही से महज 15 दिनों में ही जेल से जमानत पर बाहर आ गया था.
बताया जाता है कि तब पुलिस ने अपने रिपोर्ट में उसके अन्य कांडों में संलप्तिता को नहीं दर्शाया. अभिषेक के खिलाफ भोजपुर के उदवंतनगर में हत्या का मामला दर्ज है. इसी थाने में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है. इसी प्रकार चांदी थाने में भी उस पर तीन केस और पटना के बिहटा में भी लूट, हत्या का केस दर्ज है.
